रायपुर: छत्तीसगढ़ में 24 घंटे के दौरान 172 जूनियर डॉक्टर्स ने इस्तीफा दे दिया है. रायपुर, रायगढ़ और सिम्स बिलासपुर से जूनियर डॉक्टर्स इस्तीफा दे चुके हैं. इसमें जेएलएन मेडिकल कॉलेज से 35, रायगढ़ में 45 और सिम्स बिलासपुर में 92 डॉक्टरों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. डॉक्टरों का आरोप है कि उन्हें पिछले 2 महीने से वेतन नहीं मिला है.
डॉक्टरों का आरोप है कि अस्पतालों के कोरोना वार्डों में ड्यूटी के दौरान सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. डॉक्टर्स वेतन नहीं मिलने, सही तरीके से ड्यूटी नहीं लगाने और कोविड वार्ड में सुरक्षा और सुविधाएं नहीं मिलने से नाराज हैं. बता दें कि प्रदेश में एस्मा (एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट) एक्ट लागू है. एस्मा के लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दंडनीय है. ऐसे वक्त में स्वास्थ्यकर्मी भी अपनी सेवाओं से पीछे नहीं हट सकते. ऐसे में डॉक्टरों का ये फैसला उनके लिए भी परेशानी का सबब बन सकता है.
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उच्चाधिकारियों ने नहीं सुनी मांग: डॉक्टर्स
जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों से बात करने की कोशिश की थी. लेकिन अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया. जूनियर डॉक्टरों ने रायपुर में उच्चाधिकारियों से भी मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्याएं बताई थीं. लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
रायगढ़ और बिलासपुर में भी इस्तीफा
रायगढ़ में भी लखीराम अग्रवाल मेडिकल कॉलेज के 45 जूनियर डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है. यहां भी डॉक्टर वेतन नहीं मिलने, गलत तरीके से ड्यूटी लगाने और कोविड वार्ड में सुरक्षा और सुविधाएं नहीं मिलने से नाराज हैं. बिलासपुर में भी सिम्स के डॉक्टरों का कहना है कि समय पर वेतन मिलना चाहिए.