रायपुर: चैत्र कृष्ण पक्ष की चौदस को श्री मासशिवरात्रि का व्रत मनाया जाएगा. 30 मार्च को दोपहर 1:19 से चौदस तिथि प्रारंभ हो जाएगी. यह माता पार्वती और भोलेनाथ जी की विवाह की तिथि मानी जाती है. इस दिन माता पार्वती और महामृत्युंजय जी की पूजा आराधना साधना की जाती है. आज के शुभ दिन पूर्वाभाद्र नक्षत्र शुभ योग मानस योग बव और विश्कुंभकरण कुंभ और मीन राशि के सुंदर प्रभाव में श्री मासशिवरात्रि का व्रत मनाया जाएगा. यह त्योहार भोले बाबा के भक्तों के लिए वरदान स्वरुप है.
आज के शुभ दिन श्री रुद्र को जलाभिषेक दुग्ध अभिषेक गंगा अभिषेक नर्मदा अभिषेक गोदावरी अभिषेक और गन्ने के रस से अभिषेक करना शुभ माना गया है. यह ध्यान रखने वाली बात है कि अभिषेक करते समय लिया गया जल बहुत ही शुद्ध और साफ सुथरा हो किसी भी किस्म की गंदगी नहीं होनी चाहिए. पंचामृत दूध दही शहद आदि के माध्यम से भी अभिषेक करने पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. तुरंत ही वर प्रदान करते हैं. आज के शुभ दिन कुंवारी कन्याओं को विशेष रूप से उपवास कर इस त्योहार को मनाना चाहिए, जिससे उनके विवाह शीघ्रता से हो.
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आज के दिन ऐसी दंपत्ति जिनके पारिवारिक जीवन में कलह या अशांति हो, उन्हें भी महाशिवरात्रि का व्रत भली-भांति करना चाहिए. जिससे उनके जीवन में शांति की स्थापना हो सके. अनादि शंकर महाराज को अक्षत सफेद पुष्प शमी पत्र धतूरा बेल पत्र के द्वारा अभिषेक किया जाना चाहिए. आज के दिन लिंगाष्टकम रुद्राष्टकम महामृत्युंजय मंत्र रुद्राष्टाध्याई शिवजी की आरती के साथ पंचाक्षरी मंत्र पढ़ने का विधान है. इन मंत्रों का जाप भली-भांति किया जाना चाहिए. इन मंत्रों का पाठ अंतर्मन से करना चाहिए. इस दिन गरीब लड़कियों के विवाह हेतु दान करना बहुत शुभ माना गया है. दिव्यांग जनों को भी इस दिन दान करने से लाभ मिलता है.
रंग तेरस के पर्व पर उत्साह उमंग के साथ रंग खेला जाता है. नृत्य गायन वादन किया जाता है. गोल घेरा बनाकर सामूहिक रूप से आज के दिन नित्य किया जाता है. एक तरीके का डांडिया रूपी नृत्य किया जाता है और एक दूसरे को रंग गुलाल मिट्टी और कीचड़ लगाकर इस त्यौहार को मनाया जाता है. वास्तव में यह मिट्टी शुद्ध होती हैं. जो नाना प्रकार के रोगों को दूर करने में सहायक होती है. आज के दिन पूरे शरीर में मिट्टी लगाकर इस पर्व को उत्साह उमंग और आनंद के साथ मनाया जाता है. लगभग 465 वर्षों से इस पर्व को इस तरह से मनाया जाता है. यह जीवन में सुख समृद्धि और आनंद के रंग को वृद्धि करती है.