रायपुर: रायपुर नगर निगम में आर्थिक तंगी सामने आ रही है. निगम में काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को पिछले महीने का वेतन अभी तक नहीं मिला है. इसके पीछे वजह राजस्व की कमी बताई जा रही है. वर्तमान में रायपुर नगर निगम में 1378 कर्मचारी कार्यरत हैं. कर्मचारियों को 2 करोड़ रुपये मासिक भुगतान किया जाता है. अभी तक पेमेंट नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों की चिंता बढ़ गई है.
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प्लेसमेंट एजेंसी और दैनिक वेतनभोगियों को अभी नहीं हुआ पेमेंट
रायपुर नगर निगम में काम करने वाले शासकीय कर्मचारियों के अलावा प्लेसमेंट एजेंसी और दैनिक वेतन भोगी भी कार्यरत हैं. नगर निगम की ओर से अभी तक उनका भी भुगतान नहीं किया गया है. इनमें नगर निगम में सफाई कर्मचारी भी शामिल है. बता दें कि प्लेसमेंट एजेंसी और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को लगभग 10 करोड़ रुपए का वेतन भुगतान होता है. अभी तक भुगतान नहीं होने के कारण कर्मचारियों में नाराजगी है. वहीं नगर निगम में पेमेंट भुगतान नहीं होने को लेकर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने निगम महापौर पर सवाल खड़े किए हैं.
उन्होंने कहा है कि नगर निगम के नाम पर शहर पर अनावश्यक कार्य पर खर्च किए जा रहे हैं, जहां जरूरत नहीं होती वहां पर ही खर्च किए जा रहे हैं. नगर निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. महापौर परिषद सिर्फ कमीशन खोरी पर लगी हुई है. नतीजा यह है कि आज नगर निगम में काम करने वाले कर्मचारियों का भुगतान नहीं हो पा रहा है. जब महापौर को कहा जाता है कि नगर निगम की माली हालत ठीक नहीं तो वे कहते है नगर निगम में बहुत पैसा है. उन्होंने कहा कि शहर में जो कार्य जरूरी है उसके लिए उनके पास पैसा नहीं है और जिन कार्यों में भ्रष्टाचार की गुंजाइश है, वहां कार्य किया जा रहा है. महापौर को इस सब की कोई चिंता नहीं है. वे नगर निगम को बेसहारा छोड़कर उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं.
भूपेश सरकार पर साधा निशाना
वहीं, नगर निगम के उप नेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा का कहना है कि प्रदेश में जब से भूपेश सरकार आई है. कहीं ना कहीं पर हर वर्ग परेशान हैं. चाहे वह पुलिस हो या बेरोजगार व्यक्ति. यहां तक कि अब सरकारी कर्मचारियों को भी पेमेंट देने के लिए रुपए नहीं है. इतने सालों से रायपुर नगर निगम काम कर रहा है. लेकिन पहली बार ऐसी घटना हो रही है कि जब सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों के पेमेंट का भुगतान नहीं हो पाया है.