रायपुर: इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र काफी गहमा गहमी वाला साबित हो रहा (Monsoon session of Chhattisgarh Legislative Assembly) है. बुधवार को सदन में विपक्ष ने बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि "इस सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है. सरकार को बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के इतना कहते ही सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस शुरू हो ( No confidence motion in Assembly against Baghel government) गई".
बृजमोहन अग्रवाल ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत की: अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत बीजेपी की तरफ से बीजेपी के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने की. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि "बीते तीन साल में इस सरकार ने कुछ भी नहीं किया. जिन वादों के सहारे यह सरकार सत्ता में आई. उसे अब तक पूरा नहीं किया गया है". सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी है. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति दी थी. इसके लिए 27 जुलाई यानी सत्र के अंतिम दिन का समय तय किया गया था. अविश्वास प्रस्ताव पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा की मंजूरी दी थी.
अभी अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही है चर्चा: छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी है. तीखी नोकझोंक के बीच प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है. प्रस्ताव के समर्थन और विरोध में बोलने वालों वक्ताओं की संख्या 36 है. अभी 10वें वक्ता भाषण दे रहे हैं. आज मानसून सत्र का आखिरी दिन है. सदन की कार्यवाही देर रात तक चल सकती है.
ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर इस दिन होगी विधानसभा में चर्चा
सुपेबेड़ा में पेयजल योजना पर घिरी सरकार: इससे पहले प्रश्नकाल में भाजपा विधायक डमरुधर पुजारी के सवाल पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार घिर गए. उन्होंने कहा, जन घोषणापत्र में सुपेबेड़ा को लेकर कोई वादा ही नहीं था. 2 फरवरी 2019 को सुपेबेड़ा प्रवास के दौरान स्वास्थ्य मंत्री और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ने तेल नदी से वहां के आठ गांवों को समूह पेयजल योजना की शुरुआत करने की घोषणा की थी. 13 अगस्त 2021 को उसकी प्रशासकीय स्वीकृति में फिल्टर प्लांट को भी सम्मिलित किया गया. अगस्त 2021 में निविदा आमंत्रित की गई थी. बाद में न्यूनतम निविदाकार की ओर से इसकी वैधता तिथि बढ़ाने से असहमति जताने पर नई निविदा जारी करने का फैसला हुआ. इसकी कार्यवाही अभी प्रक्रिया में है. इसको लेकर विपक्ष ने काफी हंगामा किया.