रायपुर: छत्तीसगढ़ में मानसून ने दस्तक दे दी है. मौसम विभाग ने भी छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री की घोषणा कर दी है. आज दक्षिण पश्चिम मानसून छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर चुका है. दक्षिण पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा रत्नागिरी, बीजापुर, निजामाबाद, दुर्ग, डाल्टनगंज, बक्सर और सिद्धार्थनगर है. मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई है. पिछले साल दक्षिण पश्चिम मानसून ने 13 जून को छत्तीसगढ़ में एंट्री ली थी.
छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री के बाद बारिश का अलर्ट : मौसम विभाग ने आज कई जिलों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है. कई जिलों में एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है. मौसम विभाग ने 72 घंटे का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है. भारी बारिश को लेकर भी मौसम विभाग ने 24 से 48 घंटे का ऑरेंज, येलो और रेड अलर्ट जारी किया है.
इन जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की संभावना: ऑरेंज अलर्ट में सरगुजा संभाग के सभी जिलों में बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा रायगढ़, कोरबा और जांजगीर के कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है. यलो अलर्ट में प्रदेश के बिलासपुर, मुंगेली, रायपुर और दुर्ग संभाग के सभी जिलों में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है.
भारी बारिश को लेकर अलर्ट: मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर 24 से 48 घंटे का ऑरेंज, येलो और रेड अलर्ट जारी किया है. 24 घंटे के येलो अलर्ट में प्रदेश के बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले में भारी वर्षा होने की संभावना है. रेड अलर्ट में प्रदेश के सुकमा जिले में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है. ऑरेंज अलर्ट में प्रदेश के बस्तर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले में भारी बारिश की संभावना है. 48 घंटे का यलो अलर्ट प्रदेश के बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, गरियाबंद, धमतरी, कोंडागांव, कांकेर और नारायणपुर में भारी बारिश की संभावना है.
जानिए क्या होता है रेड अलर्ट, येलो अलर्ट, ऑरेंज अलर्ट और ग्रीन अलर्ट: खराब मौसम की स्थिति बताने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. ये एक सिग्नल टाइप होता है. वहीं, ऑरेंज अलर्ट, येलो अलर्ट से एक कदम आगे की स्थिति को कहा जाता है. ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि खतरे ने दस्तक दे दी है. इस अलर्ट के जारी होने के बाद लापरवाही नहीं करनी चाहिए. जब मौसम के बहुत ज्यादा खराब रहने और इसके कारण नुकसान होने की आशंका होती है, तब मौसम विभाग रेड अलर्ट जारी करता है. ये मौसम की खतरनाक स्थिति का संकेत होता है. रेड अलर्ट का मतलब बाढ़, तूफान, नुकसानदायक बारिश से होता है. जबकि ग्रीन अलर्ट का मतलब होता है. मौसम एकदम क्लीयर है. ग्रीन अलर्ट में घबराने की कोई बात नहीं है. ग्रीन अलर्ट बेफिक्र रहने का सिग्नल होता है.