रायपुर: कोंडागांव विधायक और पीसीसी चीफ रहे मोहन मरकाम आज छत्तीसगढ़ में मंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं. गुरुवार को शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद मरकाम को मंत्री बनाया जा रहा है. मंत्री पद देने के लेकर मोहन मरकाम ने ट्वीट कर सीएम भूपेश बघेल का आभार जताया.
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जन-जन के प्रिय, छत्तीसगढ़ को दुनिया भर में 'मॉडल' के रूप में स्थापित करने वाले, देश के नंबर 1 मुख्यमंत्री यशस्वी श्री भूपेश बघेल जी का मुझे मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार।
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नवा छत्तीसगढ़ की इस यात्रा में अब नई भूमिका में जनसेवा करने का अवसर मेरे लिए सौभाग्य का विषय… pic.twitter.com/43SnNwcONm
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— MOHAN MARKAM (@MohanMarkamPCC) July 13, 2023
नवा छत्तीसगढ़ की इस यात्रा में अब नई भूमिका में जनसेवा करने का अवसर मेरे लिए सौभाग्य का विषय… pic.twitter.com/43SnNwcONmजन-जन के प्रिय, छत्तीसगढ़ को दुनिया भर में 'मॉडल' के रूप में स्थापित करने वाले, देश के नंबर 1 मुख्यमंत्री यशस्वी श्री भूपेश बघेल जी का मुझे मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार।
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नवा छत्तीसगढ़ की इस यात्रा में अब नई भूमिका में जनसेवा करने का अवसर मेरे लिए सौभाग्य का विषय… pic.twitter.com/43SnNwcONm
छत्तीसगढ़ में विधानसभा सीटों की संख्या के 15 प्रतिशत के हिसाब से मुख्यमंत्री को मिलाकर 13 मंत्री ही रह सकते हैं. बिना किसी मंत्री के इस्तीफे के मोहन मरकाम को मंत्री नहीं बनाया जा सकता था, इस वजह से प्रेमसाय सिंह टेकाम से गुरुवार को इस्तीफा लिया गया.
छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के प्रभार:
- भूपेश बघेल: मुख्यमंत्री, सामान्य प्रशासन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, जनसंपर्क, खनन, ऊर्जा और अन्य विभाग जो किसी भी मंत्री को आवंटित नहीं किए जाते हैं.
- टी एस सिंहदेव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आर्थिक और सांख्यिकी वाणिज्यिक कर (GST), 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन
- ताम्रध्वज साहू: गृह, जेल, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन और संस्कृति, धर्म न्यास और धर्मस्व
- रविन्द्र चौबे: कृषि और जैव प्रौद्योगिकी, पशुपालन, जल संसाधन, मत्स्य पालन, आयकूट
- मोहम्मद अकबर: आवास और पर्यावरण, वन, परिवहन, खाद्य, विधायी कार्य कानून
- कवासी लखमा: वाणिज्य और उद्योग, वाणिज्यिक कर (उत्पाद शुल्क), आबकारी मंत्री
- डॉ. शिव डहरिया: श्रम, नगरीय प्रशासन
- अनिला भेड़िया: महिला, बाल विकास और समाज कल्याण
- जय सिंह अग्रवाल: वाणिज्यिक कर (पंजीकरण और स्टाम्प), राजस्व और आपदा प्रबंधन पुनर्वास
- गुरु रुद्र कुमार: विलेज इंडस्ट्री, पब्लिक हेल्थ, इंजीनियरिंग
- उमेश पटेल: तकनीकी शिक्षा और रोजगार, उच्च शिक्षा, खेल और युवा कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, कौशल विकास, जनशक्ति योजना
- अमरजीत भगत: योजना, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण और संस्कृति मंत्री'
मोहन मरकाम का जन्म और शिक्षा: मोहन मरकाम का जन्म शाला दाखिला के अनुसार 15 सितंबर 1967 को ग्राम टेड़मुण्डा पोस्ट बवई, तहसील माकड़ी जिला कोण्डागांव में हुआ था. इनके पिता का नाम भीखराय मरकाम जिनके आय का मुख्य साधन कृषि था. 7 भाई व 2 बहनों में मरकाम 5 वीं सन्तान हैं. इनकी प्राथमिकी शिक्षा ग्राम टेड़मुण्डा में ही हुई. जहां शाला भवन न होने से झोपड़ी नुमा स्कूल में ही इन्होंने अपनी प्राथमिक पढ़ाई की. माध्यमिक शिक्षा 7 किलोमीटर दूर घने जंगलों से पैदल रास्ता तय कर माध्यमिक शाला काटागांव से पूरी. हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी माकड़ी गांव से लगभग 20 किलोमीटर दूर हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी पास की. कुछ समय छात्रावास में दाखिला लेकर पढ़ाई जारी रखी. कॉलेज की पढ़ाई कांकेर महाविद्यालय से भूगोल विषय से एम.ए की शिक्षा प्राप्त की. इनकी रूचि कानून की पढ़ाई में भी रही. इसके लिए इन्होंने जगदलपुर में रहकर 2 वर्षों तक कानून की पढ़ीई की. इस बीच शासकीय नौकरी मिलने से कानून की पढ़ाई बीच में ही छूट गई.
मोहन मरकाम का राजनीतिक सफर: मोहन मरकाम छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे. छात्र संघ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारियों का निवर्हन किया. छात्र राजनीति में सक्रिय होने के कारण समस्याओं के निराकरण के लिए हमेशा तत्पर रहे. एनसीसी सी सर्टिफिकेट बी ग्रेड में पास की व सीनियर अंडर अफसर रहे व गणतंत्र दिवस, नई दिल्ली की परेड में चयनित होकर शामिल हुए.
साल 1990 से कांग्रेस से जुड़े: इसके बाद वर्ष 1990-91 में शहीद महेन्द्र कर्मा के सानिध्य में कांग्रेस पार्टी से जुड़ने के बाद वर्ष 1993, 1998, 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट की दावेदारी भी की लेकिन टिकट नही मिला, बावजूद इसके वे कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादारी निभाते हुए काम करते रहे और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को जिताने में जी जान से जुड़े रहे. साथ ही पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों को सफल बनाने व जन जन तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे.
2008 में विधानसभा चुनाव में मिली हार: विधानसभा चुनाव 2008 में कांग्रेस पार्टी ने पहली बार मोहन मरकाम को अपना प्रत्याशी बनाया और भाजपा प्रत्याशी व छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री लता उसेण्डी से उनका सीधा मुकाबला रहा. जिसमें उन्हें 2771 मतों से हार का सामना करना पड़ा. हार के दूसरे दिन से जनता के बीच निकलकर जनता के साथ संपर्क बनाकर पांच वर्ष अपने क्षेत्र में लगातार मेहनत किया.
2013 में लता उसेंडी को हरा कर विधायक बने: 2013 में कांग्रेस ने मोहन मरकाम को कोंडागांव से टिकट दिया और इस बार वे भाजपा प्रत्याशी व छत्तीसगढ़ शासन में लगातार 10 वर्षों से मंत्री रही लता उसेंडी को शिकस्त दे दी. इसी प्रकार 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी की ओर से लड़ते हुए फिर से भाजपा प्रत्याशी को हराया और लगातार दूसरी बार विधायक बने. चतुर्थ विधानसभा सत्र 2013 से 2018 के लिए उन्हे विधानसभा में उत्कृष्ट विधायक का सम्मान भी दिया गया.
विधानसभा चुनावों के अलावा नगर पालिका चुनावों में भी मोहन मरकाम ने अपनी उपयोगिता साबित की. 2014 में उनके नेतृत्व में कोण्डांगाव नगर पालिका का चुनाव संपन्न हुआ. जिसमें नगरपालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित पार्टी ने 22 में से 16 वार्डों में जीत हासिल की. इसी प्रकार 2015 में जिला पंचायत के चुनाव में भी उनकी भूमिका सराहनीय रही जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित 12 में से 9 सदस्यों ने जीत हासिल की. वहीं कोण्डागांव विधानसभा क्षेत्र में अधिकतर पंच व सरपंचों ने पार्टी के बैनर तले जीत हासिल की.
लोकसभा चुनाव 2019 में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के लिए जी तोड़ मेहनत की और प्रचंड मोदी लहर के बाद भी कोण्डागांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को 12890 वोटों को बढ़त दिलाई. इन तमाम चीजों से ही उनके क्षेत्र में उनकी पकड़ और प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है. जिला कांग्रेस कमेटी से लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी तक के कार्यक्रमों में सहभागिता निभाना और अपना सहयोग देना उनकी आदतों में शामिल है.
सामाजिक जीवन में मोहन मरकाम: राजनीति के अलावा सामाजिक और सहकारी क्षेत्रों में भी मोहन मरकाम की सहभागिता काफी सराहनीय रही है. आदिवासी गोण्ड समाज का अध्यक्ष और आदिवासी विकास परिषद का संभागीय उपाध्यक्ष भी बनाया गया. वही सहकारी क्षेत्र में काम करते हुए उन्होने किसानों एवं ग्रामवासियों के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया.
जनहित से जुड़े मुद्दों पर कार्य करते हुए मोहन मरकाम ने कई आंदोलनों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई. नसबंदी कांण्ड के विरोध में उन्होंने पेण्डारी, बिलासपुर से रायुपर तक 150 किमी की पदयात्रा की. वहीं किसानों के बोनस व अन्य मांगों को लेकर बलौदाबाजार से रायपुर तक 50 किमी की पदयात्रा की. उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ किसानों की समस्याओं और भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध में भी पदयात्रा की. वहीं चुनाव पूर्व पार्टी द्वारा आयोजित परिवर्तन यात्रा में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष रहे टीएस सिंहदेव के साथ जगदलपुर से कोण्डागांव व डोंगरगढ़ से रायपुर तक पैदलयात्रा में शामिल रहे.
170 किमी की पदयात्रा की: इसके अलावा प्रदेश व क्षेत्र की खुशहाली के लिए क्षेत्र के लोगों व सैकड़ों श्रृद्धालुओं के साथ बस्तर की अराध्य देवी मां दंतेश्वरी के द्वार दंतेवाड़ा तक 170 किमी की लगातार 03 वर्षों तक पदयात्रा कर अमन चैन की प्रार्थना की.नगरनार स्टील प्लाण्ट के निजीकरण के विरोध, नगरनार के कर्मचारियों, भूविस्थापितों एवं अन्य मांगों को लेकर पदयात्रा किया गया.मोहन मरकाम ने कांग्रेस पार्टी के लिए कार्य करते हुए अपने पूरे विधानसभा क्षेत्र 83 में सदस्यता अभियान के लिए साइकिल से यात्रा की और लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम किया.