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Raipur latest news : मितानिनों का एक दिवसीय धरना,पांच सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी - स्वास्थ्य मितानिन संघ की पाच सूत्रीय मांग

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य मितानिन एक बार फिर बड़े आंदोलन की तैयारी में है. पिछले साल एक महीने के प्रदर्शन के बाद सरकार ने मितानिनों को आश्वासन दिया था. लेकिन आश्वासन पूरा नहीं होने पर एक बार फिर एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन देकर सरकार को नींद से जगाने का काम किया है.

Raipur latest news
पांच सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी
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Published : Jan 16, 2023, 9:35 PM IST

मितानिनों का एक दिवसीय धरना

रायपुर :राजधानी में प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ अपनी 5 सूत्रीय मांग को लेकर सोमवार को प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन किया. स्वास्थ्य मितानिन संघ का कहना है कि '' उनकी 5 सूत्रीय मांग काफी पुरानी है. इसके पहले भी साल 2022 में एक महीने का प्रदर्शन कर चुके हैं. बावजूद इसके सरकार ने इनकी मांगों पर अब तक किसी तरह की कोई पहल नहीं की है. जिसके कारण मजबूरन स्वास्थ्य मितानिन संघ को प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा. पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य मितानिन की संख्या लगभग 45 हजार है. सरकार आज के प्रदर्शन के बाद भी इनकी मांगों पर किसी तरह की कोई पहल नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ के अनिश्चितकालीन आंदोलन करेगा.''

अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी : स्वास्थ्य मितानिन संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि "साल 2022 में प्रदर्शन के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने इनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था. लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर अब तक कोई अमल नहीं किया है. जिसके कारण प्रदेश के स्वास्थ्य मितानिन संघ को प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा. स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाली मितानिन बताती हैं, कि ''इन्हें स्वास्थ विभाग के साथ ही अन्य विभागों के भी काम करने पड़ते हैं, शासन प्रशासन के द्वारा उन्हें कोई मानदेय और राशि भी नहीं दी जाती. जिसको लेकर स्वास्थ्य मितानिन में नाराजगी और आक्रोश भी देखने को मिला. आज के प्रदर्शन के बाद भी सरकार इनकी मांगों पर किसी तरह की कोई पहल नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में स्वास्थ्य मितानिन संघ के द्वारा अनिश्चितकालीन प्रदर्शन किया जाएगा."


स्वास्थ्य मितानिन संघ की पाच सूत्रीय मांग : स्वास्थ्य मितानिन को दिए जाने वाले राज्य अंश 75% से बढ़ाकर 100% किया जाए. मितानिन प्रशिक्षक ब्लॉक समन्वयक स्वस्थ पंचायत समन्वयक एरिया कोऑर्डिनेटर को 100% राज्य अंश दिया जाए.चुनाव के पूर्व कांग्रेस सरकार ने घोषणा पत्र में मितानिन टीम को प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त प्रति मितानिन प्रति महीने 5 हजार रुपये देने का वादा किया है, उसे पूरा किया जाए.मितानिन को उनके निर्धारित कार्य जिसमें राशि मिलती है, उसके अतिरिक्त अन्य सभी कार्य करती है उसमें भी राशि दिया जाए.मितानिन मितानिन प्रशिक्षक ब्लॉक समन्वयक और स्वस्थ पंचायत समन्वयक एरिया कोऑर्डिनेटर का मासिक भविष्य निधि राशि जमा किया जावे और मितानिन की मृत्यु हो जाने पर नई चयन प्रक्रिया में परिवार वालों को प्राथमिकता दिया जाए. मितानिन की शिकायत संबंधी जांच और निराकरण में एसएचआरसी के साथ बीएमओ बीसी डीसी और संगठन के लोगों को शामिल किया जाए.

ये भी पढ़ें- पदोन्नति की मांग पर कृषि विस्तार अधिकारी करने वाले हैं प्रदर्शन

स्वास्थ्य मितानिन के कार्य : माता मृत्यु बाल मृत्यु रोकने गर्भवती के घर भ्रमण कर खानपान और देखभाल के साथ ही जांच संबंधी सलाह दिया जाता है. संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाता है. मलेरिया दस्त टीबी कुष्ठ रोग सर्दी खांसी निमोनिया और सभी तरह के संक्रामक और गैर संक्रामक रोगों के बचाव और उपचार में मदद करना. स्वास्थ्य संबंधी सभी राष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे पल्स पोलियो टीकाकरण फाइलेरिया दस्त पखवाड़ा आदि में सहयोग करना.सामाजिक मुद्दे जिसमें अवैध शराब की बिक्री बंद कराने बाल विवाह रोकने शौचालय निर्माण कराने जैसी चीजों में सहयोग करना.ग्राम स्वास्थ्य समिति के जरिए ग्राम पंचायतों को स्वच्छ बनाने में सहयोग करना इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग पंचायत द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले कई कार्यों को संचालित करना शामिल है.

मितानिनों का एक दिवसीय धरना

रायपुर :राजधानी में प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ अपनी 5 सूत्रीय मांग को लेकर सोमवार को प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन किया. स्वास्थ्य मितानिन संघ का कहना है कि '' उनकी 5 सूत्रीय मांग काफी पुरानी है. इसके पहले भी साल 2022 में एक महीने का प्रदर्शन कर चुके हैं. बावजूद इसके सरकार ने इनकी मांगों पर अब तक किसी तरह की कोई पहल नहीं की है. जिसके कारण मजबूरन स्वास्थ्य मितानिन संघ को प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा. पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य मितानिन की संख्या लगभग 45 हजार है. सरकार आज के प्रदर्शन के बाद भी इनकी मांगों पर किसी तरह की कोई पहल नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ के अनिश्चितकालीन आंदोलन करेगा.''

अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी : स्वास्थ्य मितानिन संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि "साल 2022 में प्रदर्शन के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने इनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था. लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर अब तक कोई अमल नहीं किया है. जिसके कारण प्रदेश के स्वास्थ्य मितानिन संघ को प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा. स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाली मितानिन बताती हैं, कि ''इन्हें स्वास्थ विभाग के साथ ही अन्य विभागों के भी काम करने पड़ते हैं, शासन प्रशासन के द्वारा उन्हें कोई मानदेय और राशि भी नहीं दी जाती. जिसको लेकर स्वास्थ्य मितानिन में नाराजगी और आक्रोश भी देखने को मिला. आज के प्रदर्शन के बाद भी सरकार इनकी मांगों पर किसी तरह की कोई पहल नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में स्वास्थ्य मितानिन संघ के द्वारा अनिश्चितकालीन प्रदर्शन किया जाएगा."


स्वास्थ्य मितानिन संघ की पाच सूत्रीय मांग : स्वास्थ्य मितानिन को दिए जाने वाले राज्य अंश 75% से बढ़ाकर 100% किया जाए. मितानिन प्रशिक्षक ब्लॉक समन्वयक स्वस्थ पंचायत समन्वयक एरिया कोऑर्डिनेटर को 100% राज्य अंश दिया जाए.चुनाव के पूर्व कांग्रेस सरकार ने घोषणा पत्र में मितानिन टीम को प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त प्रति मितानिन प्रति महीने 5 हजार रुपये देने का वादा किया है, उसे पूरा किया जाए.मितानिन को उनके निर्धारित कार्य जिसमें राशि मिलती है, उसके अतिरिक्त अन्य सभी कार्य करती है उसमें भी राशि दिया जाए.मितानिन मितानिन प्रशिक्षक ब्लॉक समन्वयक और स्वस्थ पंचायत समन्वयक एरिया कोऑर्डिनेटर का मासिक भविष्य निधि राशि जमा किया जावे और मितानिन की मृत्यु हो जाने पर नई चयन प्रक्रिया में परिवार वालों को प्राथमिकता दिया जाए. मितानिन की शिकायत संबंधी जांच और निराकरण में एसएचआरसी के साथ बीएमओ बीसी डीसी और संगठन के लोगों को शामिल किया जाए.

ये भी पढ़ें- पदोन्नति की मांग पर कृषि विस्तार अधिकारी करने वाले हैं प्रदर्शन

स्वास्थ्य मितानिन के कार्य : माता मृत्यु बाल मृत्यु रोकने गर्भवती के घर भ्रमण कर खानपान और देखभाल के साथ ही जांच संबंधी सलाह दिया जाता है. संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाता है. मलेरिया दस्त टीबी कुष्ठ रोग सर्दी खांसी निमोनिया और सभी तरह के संक्रामक और गैर संक्रामक रोगों के बचाव और उपचार में मदद करना. स्वास्थ्य संबंधी सभी राष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे पल्स पोलियो टीकाकरण फाइलेरिया दस्त पखवाड़ा आदि में सहयोग करना.सामाजिक मुद्दे जिसमें अवैध शराब की बिक्री बंद कराने बाल विवाह रोकने शौचालय निर्माण कराने जैसी चीजों में सहयोग करना.ग्राम स्वास्थ्य समिति के जरिए ग्राम पंचायतों को स्वच्छ बनाने में सहयोग करना इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग पंचायत द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले कई कार्यों को संचालित करना शामिल है.

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