रायपुर: प्रदेश के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिए गए दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन में जीवन और जीविकोपार्जन में संतुलन को ध्यान में रखते हुए वन विभाग विशेष तैयारी कर रहा है. वनांचल क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए कई क्षेत्रों में काम शुरू किया गया है. वनमंत्री ने बताया कि वन क्षेत्रों में लोगों को रोजगार दिलाने के लिए तेन्दूपत्ता संग्रहण की तैयारी पूरी कर ली गई है.
मंत्री अकबर ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से चर्चा की. उन्होंने लॉकडाउन में प्रदेश के लोगों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव और राहत पहुंचाने के लिए विभाग द्वारा लिए गए कई अहम फैसलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य में 13 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों को लगभग 650 करोड़ रुपए की राशि संग्रहण के लिए भुगतान की जाएगी.
वनोपज को ज्यादा दर पर बेच सकते हैं संग्राहक
वन मंत्री ने बताया कि राज्य में अभी 23 लघु वनोपजों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है. इसमें महुआ फूल की खरीदी 17 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर की जा रही थी, जिसे बढ़ाकर राज्य सरकार ने 30 रुपए प्रति किलोग्राम कर दिया है. किसी व्यवसायी के इन लघु वनोपजों के निर्धारित समर्थन मूल्य से ज्यादा के दर पर खरीदी किए जाने पर संग्राहकों को उनके स्वेच्छा से बिक्री करने की भी छूट दी गई है. इस तरह संग्राहक अपने वनोपज को ज्यादा दर पर विक्रय करने के लिए स्वतंत्र है.