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रायपुर: अपने घर लौटे मजदूर, कहा- 'अपने गांव के आसपास रोजगार ढूंढेंगे'

देशभर से छत्तीसगढ़ के श्रमिक विभिन्न ट्रेनों के जरिए वापस अपने-अपने जिले पहुंच रहे हैं. वापसी के बाद रायपुर रेलवे स्टेशन पर सभी का मेडिकल चेकअप हुआ, उसके बाद उन्हें रवाना किया गया. ETV भारत से मजदूरों ने अब अपने ही गांव के आस-पास रोजगार ढूंढने की बात कही.

migrant laborers of chhattisgarh are reaching their respective districts by trains
देशभर से श्रमिकों की हो रही घर वापसी
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Published : May 14, 2020, 3:13 PM IST

Updated : May 14, 2020, 5:46 PM IST

रायपुर: लॉकडाउन के ऐलान के बाद देशभर के प्रवासी मजदूरों पर जैसे पहाड़ टूट पड़ा और दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर अपने-अपने राज्य और घर जाने के लिए बेचैन हो गए और अपने पैरों को ही अपनी ताकत बनाकर पैदल निकल पड़े. जगह-जगह हाइवे और सड़क पर मजदूरों की भीड़ बढ़ने के बाद सरकार को इन गरीब मजदूरों की याद आई और उसके बाद इनके लिए ट्रेनें शुरू की गई.

देशभर से श्रमिकों की हो रही घर वापसी

छत्तीसगढ़ राज्य के प्रवासी श्रमिक जो दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं उन्हें 21 ट्रेनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ वापस लाया जा रहा है. जिसका सिलसिला 11 मई से शुरू हो चुका है.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर श्रम विभाग के अधीन गठित नोडल टीम के अनुसार 9 ट्रेनों से आने वाले 11 हजार 946 श्रमिकों के लिए 6 रेलवे मंडलों को कुल 71 लाख 93 हजार 230 रुपए का भुगतान किया जा चुका है.इसके अलावा अलग-अलग राज्यों से और भी कई ट्रेनों की मांग की है.

राज्य सरकार ने जिन ट्रेनों की मांग की है वो इस प्रकार है.

  • अहमदाबाद से बिलासपुर 2 ट्रेन
  • विजयवाड़ा से बिलासपुर 1 ट्रेन
  • अमृतसर से चांपा 1 ट्रेन
  • वीरमगाम अहमदाबाद से बिलासपुर 1 ट्रेन
  • लखनऊ से रायपुर 3 ट्रेन
  • लखनऊ से भाटापारा 2 ट्रेन
  • मुजफ्फरपुर से रायपुर 1 ट्रेन
  • दिल्ली से बिलासपुर 1 ट्रेन
  • गुजरात से बिलासपुर, चांपा 1 ट्रेन
  • लिंगमपल्ली हैदराबाद से दुर्ग 1 ट्रेन
  • हैदराबाद से दुर्ग, रायपुर होते हुए बिलासपुर 1 ट्रेन
  • दिल्ली से बिलासपुर, रायपुर 1 ट्रेन
  • साबरमती अहमदाबाद से बिलासपुर 1 ट्रेन
  • कानपुर से बिलासपुर, भाटापारा, रायपुर होते हुए दुर्ग 1 ट्रेन
  • इलाहाबाद से बिलासपुर, भाटापारा, रायपुर, दुर्ग 2 ट्रेन

इसके अलावा भी कई ट्रेनें हैं, जिसके माध्यम से देश के दूसरे इलाकों में रहने वाले श्रमिकों को वापस प्रदेश लाया जा रहा है.

कई स्थानों से लौटे लोग
अब तक अहमदाबाद से बिलासपुर ट्रेन में 1208 श्रमिक छत्तीसगढ़ वापस लौटे हैं, इसी तरह साबरमती से बिलासपुर 1212 श्रमिक वापस पहुंच चुके हैं. वहीं वीरमगाम से रायपुर 1210 श्रमिक, मेहसाणा से बिलासपुर से 1210 श्रमिक , दिल्ली से रायपुर 1400 श्रमिक, लखनऊ से भाटापारा रायपुर ट्रेन में 1584 श्रमिक, खेड़ा नाड़ियाद से चांपा 1710 श्रमिक, साबरमती से चांपा 1222 श्रमिक, अमृतसर से चांपा 1200 श्रमिक वापस लौटेंगे.


राज्य सरकार ने इन ट्रेनों में सफर के लिए ऑनलाइन लिंक भी जारी किया है जो कि इस प्रकार है.

cglabour.nic.in/covid19migrantregistrationservice.aspx

वहीं कुछ ऐसे मजदूर हैं जिन्हें कुछ दिनों पहले रायपुर से बसों के माध्यम से झारखंड भेजा गया था. रायपुर जिले से झारखंड जाने वाले मजदूरों के लिए रायपुर के धर्मपुरा राधा स्वामी सत्संग व्यास आश्रम से बसों का इंतजाम किया गया, जहां से 1000 से ज्यादा मजदूरों को बसों के माध्यम से झारखंड भेजा गया.

हजारों मजदूरों को वापस भेजा गया

हैदराबाद, महाराष्ट्र से अपने घर झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल के लिए भी कई मजदूर पैदल ही निकल पड़े, रायपुर के टाटीबंध में कई मजदूरों को शासन, प्रशासन और पुलिस की मदद से ट्रक और बसों का इंतजाम कर उनके गृह राज्य भी भेजा गया, सड़क और बसों के माध्यम से करीब 30 हजार श्रमिकों को उनके राज्य भेजा गया.

अब तक रायपुर पहुंचे श्रमिकों से जब ETV भारत ने बातचीत की तो श्रमिकों ने बताया कि लखनऊ से रायपुर आने में उन्हें किसी तरह की तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ा, ट्रेन में चढ़ने से पहले उनका चेकअप किया गया वहीं उतरने के बाद भी सैनिटाइज कर दोबारा चेकअप किया गया. मजदूरों ने साफ शब्दों में कहा कि अब अपने गांव के आस-पास ही कमाई का जरिया ढूंढेंगे.

रायपुर: लॉकडाउन के ऐलान के बाद देशभर के प्रवासी मजदूरों पर जैसे पहाड़ टूट पड़ा और दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर अपने-अपने राज्य और घर जाने के लिए बेचैन हो गए और अपने पैरों को ही अपनी ताकत बनाकर पैदल निकल पड़े. जगह-जगह हाइवे और सड़क पर मजदूरों की भीड़ बढ़ने के बाद सरकार को इन गरीब मजदूरों की याद आई और उसके बाद इनके लिए ट्रेनें शुरू की गई.

देशभर से श्रमिकों की हो रही घर वापसी

छत्तीसगढ़ राज्य के प्रवासी श्रमिक जो दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं उन्हें 21 ट्रेनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ वापस लाया जा रहा है. जिसका सिलसिला 11 मई से शुरू हो चुका है.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर श्रम विभाग के अधीन गठित नोडल टीम के अनुसार 9 ट्रेनों से आने वाले 11 हजार 946 श्रमिकों के लिए 6 रेलवे मंडलों को कुल 71 लाख 93 हजार 230 रुपए का भुगतान किया जा चुका है.इसके अलावा अलग-अलग राज्यों से और भी कई ट्रेनों की मांग की है.

राज्य सरकार ने जिन ट्रेनों की मांग की है वो इस प्रकार है.

  • अहमदाबाद से बिलासपुर 2 ट्रेन
  • विजयवाड़ा से बिलासपुर 1 ट्रेन
  • अमृतसर से चांपा 1 ट्रेन
  • वीरमगाम अहमदाबाद से बिलासपुर 1 ट्रेन
  • लखनऊ से रायपुर 3 ट्रेन
  • लखनऊ से भाटापारा 2 ट्रेन
  • मुजफ्फरपुर से रायपुर 1 ट्रेन
  • दिल्ली से बिलासपुर 1 ट्रेन
  • गुजरात से बिलासपुर, चांपा 1 ट्रेन
  • लिंगमपल्ली हैदराबाद से दुर्ग 1 ट्रेन
  • हैदराबाद से दुर्ग, रायपुर होते हुए बिलासपुर 1 ट्रेन
  • दिल्ली से बिलासपुर, रायपुर 1 ट्रेन
  • साबरमती अहमदाबाद से बिलासपुर 1 ट्रेन
  • कानपुर से बिलासपुर, भाटापारा, रायपुर होते हुए दुर्ग 1 ट्रेन
  • इलाहाबाद से बिलासपुर, भाटापारा, रायपुर, दुर्ग 2 ट्रेन

इसके अलावा भी कई ट्रेनें हैं, जिसके माध्यम से देश के दूसरे इलाकों में रहने वाले श्रमिकों को वापस प्रदेश लाया जा रहा है.

कई स्थानों से लौटे लोग
अब तक अहमदाबाद से बिलासपुर ट्रेन में 1208 श्रमिक छत्तीसगढ़ वापस लौटे हैं, इसी तरह साबरमती से बिलासपुर 1212 श्रमिक वापस पहुंच चुके हैं. वहीं वीरमगाम से रायपुर 1210 श्रमिक, मेहसाणा से बिलासपुर से 1210 श्रमिक , दिल्ली से रायपुर 1400 श्रमिक, लखनऊ से भाटापारा रायपुर ट्रेन में 1584 श्रमिक, खेड़ा नाड़ियाद से चांपा 1710 श्रमिक, साबरमती से चांपा 1222 श्रमिक, अमृतसर से चांपा 1200 श्रमिक वापस लौटेंगे.


राज्य सरकार ने इन ट्रेनों में सफर के लिए ऑनलाइन लिंक भी जारी किया है जो कि इस प्रकार है.

cglabour.nic.in/covid19migrantregistrationservice.aspx

वहीं कुछ ऐसे मजदूर हैं जिन्हें कुछ दिनों पहले रायपुर से बसों के माध्यम से झारखंड भेजा गया था. रायपुर जिले से झारखंड जाने वाले मजदूरों के लिए रायपुर के धर्मपुरा राधा स्वामी सत्संग व्यास आश्रम से बसों का इंतजाम किया गया, जहां से 1000 से ज्यादा मजदूरों को बसों के माध्यम से झारखंड भेजा गया.

हजारों मजदूरों को वापस भेजा गया

हैदराबाद, महाराष्ट्र से अपने घर झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल के लिए भी कई मजदूर पैदल ही निकल पड़े, रायपुर के टाटीबंध में कई मजदूरों को शासन, प्रशासन और पुलिस की मदद से ट्रक और बसों का इंतजाम कर उनके गृह राज्य भी भेजा गया, सड़क और बसों के माध्यम से करीब 30 हजार श्रमिकों को उनके राज्य भेजा गया.

अब तक रायपुर पहुंचे श्रमिकों से जब ETV भारत ने बातचीत की तो श्रमिकों ने बताया कि लखनऊ से रायपुर आने में उन्हें किसी तरह की तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ा, ट्रेन में चढ़ने से पहले उनका चेकअप किया गया वहीं उतरने के बाद भी सैनिटाइज कर दोबारा चेकअप किया गया. मजदूरों ने साफ शब्दों में कहा कि अब अपने गांव के आस-पास ही कमाई का जरिया ढूंढेंगे.

Last Updated : May 14, 2020, 5:46 PM IST
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