रायपुर: छत्तीसगढ़ में मानसून के आते ही प्रदेश भर में बारिश शुरू हो गई है. मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार और बुधवार की तरह ही गुरुवार को भी प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. वहीं एक-दो जगहों पर भारी बारिश हो सकती है. बता दें कि 11 जून को छत्तीसगढ़ में मानसून प्रवेश कर चुका है और बारिश की शुरुआत बस्तर से हो चुकी है. वहीं राजधानी सहित कई हिस्सों में भी मानसून पहुंच चुका है. छत्तीसगढ़ में इस बार बादल जमकर बरस रहे हैं. मौसम विभाग के मुताबिक मानसून सामान्य तिथि से एक हफ्ते पहले ही प्रदेश में दस्तक दे चुका है.
मौसम विज्ञानी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मानसून सक्रिय हो चुका है. वहीं एक द्रोणिका पूर्वी उत्तर प्रदेश से बांग्लादेश तक 1.5 किलोमीटर और 3.1 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. एक चक्रीय चक्रवाती घेरा झारखंड और उसके आसपास 3.1 किलोमीटर और 5.8 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है. वहीं एक विंडशियर जोन झारखंड से कोंकण तक छत्तीसगढ़ तेलंगाना होते हुए 3.1 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है. इसके साथ ही चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्वी उत्तर प्रदेश और उसके आसपास 3.6 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है.
उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ में ज्यादा बारिश होने की संभावना
मौसम विभाग के मुताबिक एक द्रोणिका मध्य पाकिस्तान से बांग्लादेश, उत्तर राजस्थान, दक्षिण उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल तक 16 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है. चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्वी विदर्भ के ऊपर 5 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है. इन मौसमी तंत्रों के प्रभाव से गुरुवार को भी प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में गरज- चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. साथ ही एक-दो जगहों पर भारी बारिश हो सकती है. वहीं मौसम विभाग के मुताबिक अधिकतम तापमान में फिलहाल विशेष बदलाव होने की संभावना नहीं है. वहीं उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ में ज्यादा बारिश होने की संभावना है.
पढ़ें: सूरजपुर: अंबिकापुर-बनारस स्टेट हाईवे पर भरा पानी, PWD बना मूकदर्शक
समय से पहले केरल पहुंचा मानसून
इस साल मानसून समय से केरल पहुंच गया है. पिछले साल मानसून 8 दिन की देरी से केरल पहुंचा था. इधर, दक्षिण-पश्चिम मानसून पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को पार कर गोवा के साथ ही महाराष्ट्र तक पहुंच गया है. मानसून ने दक्षिणी छत्तीसगढ़ और दक्षिणी ओडिशा के साथ ही आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ, मराठवाड़ा, तटीय कर्नाटक, गंगीय पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में भी दस्तक दे दी है.