रायपुर: छत्तीसगढ़ एक बार फिर लॉकडाउन की ओर बढ़ता जा रहा है. राजधानी रायपुर समेत अब तक 7-8 जिलों में कलेक्टरों ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी है, ताकि बेलगाम कोरोना संक्रमण पर ब्रेक लगाया जा सके, लेकिन इस लॉकडाउन ने एक बार फिर मुस्कुराये कारोबारियों पर सितम ढा दिया है. 22 से 28 जुलाई तक पूरे राजधानी को लॉकडाउन कर दिया गया है. ऐसे में कारोबारियों को दुकानें बंद करनी पड़ी है, जिससे कारोबारियों का धंधा मंदा पड़ गया है.
यह लॉकडाउन पहले हुए लॉकडाउन के मुकाबले काफी सख्त है. इस लॉकडाउन में राशन दुकान तक बंद रखने की हिदायत दुकानदारों को दी गई है. साथ में लोगों को भी जरूरी सामान लेने के लिए सिर्फ सुबह 6 बजे से 10 बजे तक का ही समय दिया गया है. अकेले रायपुर में अब तक कोरोना मरीजों की संख्या हजार पार हो चुकी है.
रायपुर के कारोबारियों की बढ़ी चिंता
इसके पहले भी लॉकडाउन में सभी कारोबार को करोड़ों का नुकसान हुआ है. वहीं पहले से ही कारोबारी ग्राहक न आने की वजह से काफी परेशान चल रहे थे. दोबारा संक्रमण बढ़ते देख कलेक्टर ने लॉकडाउन का आदेश जारी कर दिया है, जिससे सभी कारोबारियों की चिंता और बढ़ गई है. जबकि त्योहारों का सीजन शुरू हो रहा है. इस दौरान राशन दुकान बंद होने की वजह से दुकानदारों को काफी नुकसान होगा.
कारोबारियों को हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान
वहीं अगर बात की जाए राजधानी रायपुर के गोल बाजार की, तो राजधानी रायपुर के गोल बाजार में 900 से ज्यादा दुकानें हैं. एक दिन यह पूरी दुकानें बंद होने से करोड़ों का नुकसान कारोबारियों को उठाना पड़ता है. ऐसे में एक हफ्ते सारी दुकाने बंद होने पर राजधानी के कारोबारियों को हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ेगा.
कारोबारियों ने लॉकडाउन का किया समर्थन
कारोबारियों ने बताया कि अनलॉक होने के बाद भी ग्राहक न आने की वजह से पहले ही वह काफी परेशान थे. अब दोबारा पूर्ण तरह लॉकडाउन होने की वजह से उनका कारोबार बिल्कुल बंद हो गया है. त्योहार के सीजन में दुकान बंद होने की वजह से हम कारोबारियों को काफी नुकसान सहना पड़ रहा है. छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा ने बताया कि दोबारा हुए लॉकडाउन से वह परेशान तो हैं, लेकिन बढ़ रहे कोरोना के कारण लॉकडाउन भी जरूरी था, हम इसका समर्थन करते हैं.
कारोबारियों को सड़कों पर चहलकदमी का इंतजार
बता दें कि देश में कोरोना संक्रमण को लेकर 25 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी, जिसके बाद से यह लॉकडाउन 3 जून तक चला. अब अनलॉक में लोगों को थोड़ी बहुत रियायत दे दी गई थी, लेकिन अब पूर्ण लॉकडाउन ने सभी कारोबारियों को चिंता में डाल दिया है. अब कारोबारियों को सड़कों पर फिर से चहलकदमी का इंतजार है, ताकि दुकानों में लगे ताले फिर से खुल सके.