ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कुणाल शुक्ला ने कहा कि रायपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने अंतागढ़ टेप कांड के प्रमुख आरोपी मंतूराम पवार और डॉ पुनीत गुप्ता की अग्रिम जमानत याचिका 7 फरवरी को निरस्त कर दी है. वहीं अन्य दो आरोपी अजीत जोगी और अमित जोगी ने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए कोई याचिका नहीं दी है. मामले में शामिल चारों मुख्य आरोपी पुलिस के सामने ही कानून व्यवस्था की खुलेआम माखोल उड़ाते घूम रहे हैं.
पुलिस पर लगाया ये आरोप
कुणाल शुक्ला ने पुलिस पर आरोप लगाया कि अग्रिम जमानत याचिका निरस्त हो जाने के बावजूद पुलिस इन्हें गिरफ्तार करने से पीछे हट रही है. इन्हें सिर्फ इसलिए छूट दी जा रही है ताकी सभी आरोपी आगे हाई कोर्ट में जमानत के लिए विकल्प तलाश सकें.
आरटीआई कार्यकर्ता ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी का आदेश देने के लिए अनुरोध किया है. जिससे आरोपी सबूतों के साथ छेड़छाड़ ना कर सके.
5 लोगों पर एफआईआर दर्ज
बता दें कि किरणमयी नायक ने अंतागढ़ के तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे और पूर्व विधायक अमित जोगी सहित पूर्व सीएम रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ताा और पूर्व पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत के खिलाफ 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया है.
क्या था मामला
अंतागढ़ सीट खाली होने के बाद 12 सितंबर 2014 को वहां उप-चुनाव हुआ. चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के अलावा 13 उम्मीदवार मैदान में थे. नाम वापसी की समय सीमा गुजरने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार ने चुनाव न लड़ने की घोषणा ऐसे समय की जब कांग्रेस दूसरा उम्मीदवार खड़ा नहीं कर सकती थी. उप-चुनाव के एक साल बाद दिसंबर 2015 में मीडिया में अंतागढ़ चुनाव में हुई खरीद-फरोख्त का खुलासा करने वाला टेप सामने आया. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के शामिल होने के आरोप लगे.