रायपुर: महिलाओं द्वारा किया गया सोलह श्रृंगार का एक खास महत्व होता है. खासकर मेहंदी सुन्दरता को बढ़ाने के साथ-साथ ठंडक भी देती है. मेहंदी से कई तरह की बातें जुड़ी हुई है. मेहंदी का रंग गाढ़ा होना पति के प्रेम के साथ-साथ शुक्र के प्रभाव को भी दर्शाता है.
मेहंदी के रंग का ज्योतिषीय महत्व: मेहंदी दिमाग को ठंडा रखता है. साथ है ज्योतिषों के अनुसार मेहंदी का रंग जितना ही गाढ़ा होता है, उतना ही परिवार में प्रेम बना रहता है. मेहंदी का गाढ़ा रंग सास और बहू के मेल के साथ-साथ पति के प्रेम को भी दर्शाता है. मेहंदी लगाने से पति की उम्र बढ़ती है. मेहंदी के गहरे रंग से शादीशुदा जीवन की शुरुआत होती है. ये रंग वर-वधु के बीच प्रेम स्थापित करता है.
"मेहंदी में केवड़ा, कपूर, नारियल तेल को मिलाकर लगाने से उसका रंग और भी गहरा होता है. ऐसा करने से मेहंदी का लाभ दोगुना बढ़ जाता है. इससे हाथों में शुक्र का वास होता है. जितनी ज्यादा गहरी मेहंदी का रंग होगा, उतना ज्यादा शुक्र का प्रभाव बढ़ेगा. ." - शैलेंद्र पचौरी, पंडित
मेहंदी का धार्मिक महत्व: धार्मिक मायनों में भी मेहंदी खास होती है. कहते हैं कि मेहंदी का लाल रंग माता रानी को काफी प्रिय है. लाल रंग श्रृंगार का प्रमुख रंग है. इसलिए मेहंदी का धार्मिक दृष्टि से भी कफी महत्वपूर्ण होता है. कई लोग पूजा-पाठ में माता रानी को मेहंदी चढ़ाते हैं. ऐसे करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. दुल्हन को भेंट की जाने वाली श्रृंगार की सामग्री में मेहंदी अनिवार्य रूप से रखा जाता है.