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SPECIAL: कोरोना संकट में छत्तीसगढ़ में बढ़ा दवा का कारोबार, रिकॉर्ड बिक्री

लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में दवाओं की बिक्री में इज़ाफा हुआ है. खासतौर पर हार्ट, बीपी और शुगर की दवाईयों की खपत छत्तीसगढ़ में 20 से 30 फीसदी तक बढ़ी है. ETV भारत की टीम ने मेडिकल कॉम्प्लेक्स के तमाम बड़े व्यापारियों से मिलकर इसकी पड़ताल की.

raipur medicines bussiness in lockdown
छत्तीसगढ़ में बढ़ी दवाईयों की बिक्री
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Published : Apr 21, 2020, 4:48 PM IST

रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन का असर कई आवश्यक सेवाओं पर भी दिखने लगा है. लॉकडाउन के दौरान अगर सबसे ज्यादा डिमांड किसी चीज की बढ़ी है, तो वह है मेडिकल सेक्टर की. मेडिकल सेक्टर में जीवनरक्षक दवाओं की खपत सबसे ज्यादा बढ़ी है. खासतौर पर हार्ट, बीपी और शुगर की दवाओं की खपत छत्तीसगढ़ में 20 से 30 फीसदी तक बढ़ी है.

छत्तीसगढ़ में बढ़ी दवाईयों की बिक्री

ETV भारत की टीम ने मेडिकल कॉम्प्लेक्स के तमाम बड़े व्यापारियों से मिलकर इसकी पड़ताल की है. मेडिकल कॉम्प्लेक्स में पड़ताल करने पर यह जानकारी मिली कि साधारण तौर पर छत्तीसगढ़ में हार्ट, बीपी और शुगर की ही दवाओं का कारोबार करीब 60 करोड़ का होता है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान इनका कारोबार करीब 80 करोड़ तक रहा है.

raipur medicines bussiness in lockdown
दवाई की बिक्री बढ़ी

ज्यादा मात्रा में दवाईयों का किया स्टॉक

दवा व्यापारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों में यह भ्रम हो गया कि जीवनरक्षक दवाओं की सप्लाई बंद तो नहीं हो जाएगी, यही वजह है कि लोगों ने घरों में बहुत अधिक दवाईयों का स्टॉक करके रख लिया. ऐसे में जरूरत से ज्यादा सप्लाई होने का असर अब दवा व्यापार पर भी दिखने लगा है.

raipur medicines bussiness in lockdown
बीपी और शुगर की दवाईयों की खपत 20 से 30 फीसदी तक बढ़ी

एक महीने में 25 फीसदी तक बढ़ा दवा कारोबार

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दवाओं का बड़ा कारोबार होता है. यहां का दवा कारोबार ना केवल छत्तीसगढ़ तक सीमित है, बल्कि दूसरे राज्यों में भी यहां से दवाओं की सप्लाई की जाती है. ऐसे में स्थानीय स्तर पर भी दवा व्यापारी बड़े पैमाने पर दवाओं का स्टॉक करते हैं.

कई दवा कंपनियों के डिपो भी रायपुर के आसपास हैं. यहीं से दवा की सप्लाई पूरे छत्तीसगढ़ में होती है. कोरोना संकट के दौरान करीब एक महीने में ही दवा का कारोबार 25 फीसदी तक बढ़ा है. ऐसे में डिपो में भी लिमिटेड स्टॉक होने से दवाईयों की सप्लाई पर इसका असर दिखेगा. दवा कारोबारियों का मानना है कि लोगों के जरूरत से ज्यादा दवा खरीदने से आने वाले समय में इसका इफेक्ट जरूर दिखेगा, क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी लंबे समय से बंद है.

दवाईयों की सप्लाई में होगी दिक्कत

कोरोना संकट के दौरान दवा बाजार में जीवनरक्षक दवाओं के अलावा मास्क और सैनिटाइजर जैसी चीजों की खपत 10 गुना ज्यादा तक बढ़ी है. बाजार में मास्टर सैनिटाइजर साधारण दिनों में ना के बराबर बिकते थे, लेकिन इस कोरोना संकट में करोड़ों रुपए के सिर्फ मास्टर सैनिटाइजर ही बिक चुके हैं. बात की जाए जीवनरक्षक दवाओं की, तो इसकी भी सप्लाई में आने वाले समय में बड़ी दिक्कत आ सकती है.

रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन का असर कई आवश्यक सेवाओं पर भी दिखने लगा है. लॉकडाउन के दौरान अगर सबसे ज्यादा डिमांड किसी चीज की बढ़ी है, तो वह है मेडिकल सेक्टर की. मेडिकल सेक्टर में जीवनरक्षक दवाओं की खपत सबसे ज्यादा बढ़ी है. खासतौर पर हार्ट, बीपी और शुगर की दवाओं की खपत छत्तीसगढ़ में 20 से 30 फीसदी तक बढ़ी है.

छत्तीसगढ़ में बढ़ी दवाईयों की बिक्री

ETV भारत की टीम ने मेडिकल कॉम्प्लेक्स के तमाम बड़े व्यापारियों से मिलकर इसकी पड़ताल की है. मेडिकल कॉम्प्लेक्स में पड़ताल करने पर यह जानकारी मिली कि साधारण तौर पर छत्तीसगढ़ में हार्ट, बीपी और शुगर की ही दवाओं का कारोबार करीब 60 करोड़ का होता है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान इनका कारोबार करीब 80 करोड़ तक रहा है.

raipur medicines bussiness in lockdown
दवाई की बिक्री बढ़ी

ज्यादा मात्रा में दवाईयों का किया स्टॉक

दवा व्यापारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों में यह भ्रम हो गया कि जीवनरक्षक दवाओं की सप्लाई बंद तो नहीं हो जाएगी, यही वजह है कि लोगों ने घरों में बहुत अधिक दवाईयों का स्टॉक करके रख लिया. ऐसे में जरूरत से ज्यादा सप्लाई होने का असर अब दवा व्यापार पर भी दिखने लगा है.

raipur medicines bussiness in lockdown
बीपी और शुगर की दवाईयों की खपत 20 से 30 फीसदी तक बढ़ी

एक महीने में 25 फीसदी तक बढ़ा दवा कारोबार

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दवाओं का बड़ा कारोबार होता है. यहां का दवा कारोबार ना केवल छत्तीसगढ़ तक सीमित है, बल्कि दूसरे राज्यों में भी यहां से दवाओं की सप्लाई की जाती है. ऐसे में स्थानीय स्तर पर भी दवा व्यापारी बड़े पैमाने पर दवाओं का स्टॉक करते हैं.

कई दवा कंपनियों के डिपो भी रायपुर के आसपास हैं. यहीं से दवा की सप्लाई पूरे छत्तीसगढ़ में होती है. कोरोना संकट के दौरान करीब एक महीने में ही दवा का कारोबार 25 फीसदी तक बढ़ा है. ऐसे में डिपो में भी लिमिटेड स्टॉक होने से दवाईयों की सप्लाई पर इसका असर दिखेगा. दवा कारोबारियों का मानना है कि लोगों के जरूरत से ज्यादा दवा खरीदने से आने वाले समय में इसका इफेक्ट जरूर दिखेगा, क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी लंबे समय से बंद है.

दवाईयों की सप्लाई में होगी दिक्कत

कोरोना संकट के दौरान दवा बाजार में जीवनरक्षक दवाओं के अलावा मास्क और सैनिटाइजर जैसी चीजों की खपत 10 गुना ज्यादा तक बढ़ी है. बाजार में मास्टर सैनिटाइजर साधारण दिनों में ना के बराबर बिकते थे, लेकिन इस कोरोना संकट में करोड़ों रुपए के सिर्फ मास्टर सैनिटाइजर ही बिक चुके हैं. बात की जाए जीवनरक्षक दवाओं की, तो इसकी भी सप्लाई में आने वाले समय में बड़ी दिक्कत आ सकती है.

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