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आदिवासी आरक्षण में कटौती MBBS छात्रों के लिए बनी रोड़ा, जानिए मेडिकल स्टूडेंट की राय

tribal reservation in chhattisgarh प्रदेश में आरक्षण में कटौती आदिवासी छात्रों के लिए बड़ी समस्या बन गई है. पूरे प्रदेश में एमबीबीएस के 104 छात्र हैं. जिन्हें पात्र होने के बाद भी एमबीबीएस में प्रवेश नहीं मिल पाया है. जिस कारण एमबीबीएस के इन छात्रों को भटकना पड़ रहा है.

reduction in tribal reservation
आदिवासी आरक्षण में कटौती से एमबीबीएस छात्र परेशान
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Published : Nov 29, 2022, 6:27 PM IST

रायपुर: tribal reservation in chhattisgarh आदिवासी लगातार 32% आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे हैं. बावजूद इसके अब तक सरकार के द्वारा इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई है. हालांकि दिसंबर के प्रथम सप्ताह में आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया गया है. आदिवासी छात्र छात्राओं ने बताया कि वे एमबीबीएस भर्ती परीक्षा में पात्र होने के बाद भी प्रवेश से वंचित हैं. जिसे लेकर आदिवासी छात्र संगठन ने मंगलवार को राज्यपाल अनसुईया उइके को ज्ञापन सौंपा है.

आदिवासी आरक्षण में कटौती से एमबीबीएस छात्र परेशान
सर्व आदिवासी समाज का प्रदेशभर में आंदोलन: सर्व आदिवासी समाज पूरे प्रदेश में आरक्षण के मुद्दे को लेकर अक्टूबर महीने से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रही है. सरकार के द्वारा आदिवासियों के 32 फीसदी आरक्षण को घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. जिसके विरोध में 15 नवंबर को पूरे प्रदेश में आर्थिक नाकेबंदी कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था. सर्व आदिवासी समाज ने सरकार पर आरोप लगाया था, कि सरकार ने हाई कोर्ट में अपना पक्ष सही ढंग से नहीं रखा था. जिस कारण आदिवासियों के आरक्षण में कटौती की गई है."पात्र होने के बाद भी एमबीबीएस में प्रवेश नहीं": आदिवासी छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश ठाकुर का कहना है कि "पूरे प्रदेश में एमबीबीएस के 104 छात्र हैं. जिन्हें पात्र होने के बाद भी एमबीबीएस में प्रवेश नहीं मिल पाया है. जिस कारण एमबीबीएस के इन छात्रों को भटकना पड़ रहा है. इनके साथ अन्याय हो रहा है. राज्य सरकार आदिवासी छात्रों के साथ बेईमानी कर रही है."

यह भी पढ़ें: मानव तस्करी के खिलाफ आंध्र प्रदेश के छात्रों की मुहिम, साइकिल यात्रा से लोगों को कर रहे जागरुक

"आखिर संगठन के बड़े पदाधिकारी आज कहां हैं": आदिवासी छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने आदिवासी संगठन को लेकर भी सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि "आखिर संगठन के बड़े पदाधिकारी आज कहां हैं. और क्या कर रहे हैं. आरक्षण को लेकर किस तरह की लड़ाई लड़ी जा रही है."

रायपुर: tribal reservation in chhattisgarh आदिवासी लगातार 32% आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे हैं. बावजूद इसके अब तक सरकार के द्वारा इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई है. हालांकि दिसंबर के प्रथम सप्ताह में आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया गया है. आदिवासी छात्र छात्राओं ने बताया कि वे एमबीबीएस भर्ती परीक्षा में पात्र होने के बाद भी प्रवेश से वंचित हैं. जिसे लेकर आदिवासी छात्र संगठन ने मंगलवार को राज्यपाल अनसुईया उइके को ज्ञापन सौंपा है.

आदिवासी आरक्षण में कटौती से एमबीबीएस छात्र परेशान
सर्व आदिवासी समाज का प्रदेशभर में आंदोलन: सर्व आदिवासी समाज पूरे प्रदेश में आरक्षण के मुद्दे को लेकर अक्टूबर महीने से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रही है. सरकार के द्वारा आदिवासियों के 32 फीसदी आरक्षण को घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. जिसके विरोध में 15 नवंबर को पूरे प्रदेश में आर्थिक नाकेबंदी कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था. सर्व आदिवासी समाज ने सरकार पर आरोप लगाया था, कि सरकार ने हाई कोर्ट में अपना पक्ष सही ढंग से नहीं रखा था. जिस कारण आदिवासियों के आरक्षण में कटौती की गई है."पात्र होने के बाद भी एमबीबीएस में प्रवेश नहीं": आदिवासी छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश ठाकुर का कहना है कि "पूरे प्रदेश में एमबीबीएस के 104 छात्र हैं. जिन्हें पात्र होने के बाद भी एमबीबीएस में प्रवेश नहीं मिल पाया है. जिस कारण एमबीबीएस के इन छात्रों को भटकना पड़ रहा है. इनके साथ अन्याय हो रहा है. राज्य सरकार आदिवासी छात्रों के साथ बेईमानी कर रही है."

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"आखिर संगठन के बड़े पदाधिकारी आज कहां हैं": आदिवासी छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने आदिवासी संगठन को लेकर भी सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि "आखिर संगठन के बड़े पदाधिकारी आज कहां हैं. और क्या कर रहे हैं. आरक्षण को लेकर किस तरह की लड़ाई लड़ी जा रही है."

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