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SPECIAL: किस तरह ठग करते हैं ATM कार्ड की क्लोनिंग, कैसे बचें अदृश्य चोरों की जाल से ? - Measures to prevent cloning

छत्तीसगढ़ में इन दिनों साइबर क्राइम का ग्राफ हाई होता जा रहा है. शातिर ठग नए-नए तरकीब से वारदात को अंजाम दे रहे हैं. ये भोले-भाले लोगों को अपने झांसे में लेकर रकम पार कर दे रहे हैं. ऐसे हैकर्स से बचने के लिए साइकबर एक्सपर्ट की सलाह माननी जरूरी है.

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किस तरह ठग करते हैं ATM कार्ड की क्लोनिंग
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Published : Dec 18, 2020, 11:14 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में साइबर क्राइम का ग्राफ चरम पर है. प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से साइबर ठगी के मामले सामने आ रहें हैं. साइबर ठग नए-नए हाईटेक तरीके से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. कई साइबर ठग फर्जी लिंक भेज कर तो कई एटीएम कार्ड के पीछे लिखे सीवीवी नंबर और खाते नंबर से पैसे गायब कर देते हैं. इसके लिए ठग एटीएम कार्ड की क्लोनिंग भी करते हैं.

किस तरह ठग करते हैं ATM कार्ड की क्लोनिंग

पढ़ें: साइबर फ्रॉड मामले में बड़ी सफलता, ठग गिरोह के 4 सदस्य झारखंड से गिरफ्तार

नई तकनीक ने हमारे कई कामकाज को आसान बना दिया है, लेकिन गलत उपयोग ने जोखिम भी बढ़ा दिया है. शातिर ठग दूसरे का मोबाइल और ATM कार्ड यूज कर ठगी का करते हैं. ठगी किए गए रकम से कुछ पैसा उन्हें दे देते हैं. ऐसे रैकेट फरीदाबाद मेवाड़ में चल रहा है. ठगी ज्यादातर दिल्ली, नोएडा जैसे बड़े शहरों में देखने को मिलती है, लेकिन अब अदृश्य चोर रायपुर में भी इंटर कर चुके हैं.

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शातिर ठग नए-नए तरकीब से वारदात को अंजाम दे रहे

पढ़ें: नौकरी का झांसा देकर साइबर ठग कर रहे हैं लूट, एक्सपर्ट से जानें बचने के तरीके

दूसरे का कार्ड और मोबाइल का करते हैं इस्तेमाल
शातिर बदमाश ठगी के मामलों को अंजाम देने के लिए दूसरे का मोबाइल और दूसरे के कार्ड का इस्तेमाल करते हैं. ठगी हो जाने पर कार्ड धारक को ठगी किए गए रकम से कुछ पैसा उन्हें दे देते हैं. यह पूरा रैकेट फरीदाबाद के नजदीक मेवाड़ से संचालित किया जाता है. इस तरह की ठगी ज्यादा कर दिल्ली , नोएडा जैसे बड़े शहरों में देखने को मिलती है, जो कि अब रायपुर में भी देखने को मिल रही है.

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ATM कार्ड की क्लोनिंग
ठग कैसे करते हैं एटीएम फ्रॉडठग सबसे पहले ऐसे एटीएम तलाशते हैं, जो गांव खेड़ी के पास हो. इसके बाद ठग उस एटीएम पर नज़र रखते हैं. कोई व्यक्ति एटीएम से पैसा निकालने आता है. अगर उसे पैसे निकालने में समस्या होती है, तो ठग तुरंत अंदर आ जाते हैं. उस आदमी की मदद करने के नाम से एटीएम कार्ड ले लेते हैं. एटीएम मशीन में डालकर व्यक्ति को पासवर्ड इंटर करने को कहते हैं. जैसे ही पैसा निकलता है. ठग एटीएम मशीन से एटीएम कार्ड निकाल कर व्यक्ति को दे देता है.
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कैसे बचें अदृश्य चोरों की जाल से ?

ओरिजिनल कार्ड की जगह डूप्लीकेट कार्ड से खेल

ठग एटीएम कार्ड देते वक्त ही कार्ड को बदल देता है. हैकर अपने पास अलग-अलग तरह के एटीएम कार्ड पहले से रखे रहते हैं. जैसे ही ठग एटीएम मशीन से कार्ड निकाल कर सामने वाले व्यक्ति को देते हैं. ठग तुरंत कार्ड को एक्सचेंज कर लेते हैं. व्यक्ति के पास ओरिजिनल कार्ड की जगह डूप्लीकेट कार्ड चल जाता है. वह ठगी का शिकार बन जाता है.

Measures to prevent cloning of ATM cards and online fraud in raipur
ATM कार्ड की क्लोनिंग


एटीएम कार्ड की क्लोनिंग

  • खाली ATM को चुनते हैं ठग
  • एटीएम इस्तेमाल न करने वालों को बनाते हैं शिकार
  • सहायता करने के नाम से एटीएम की क्लोनिंग
  • क्लोनिंग के बाद एटीएम कार्ड से निकाल लेते हैं रकम
  • फर्जी लिंक भेज कर लोगों से ठगी
  • लिंक पर क्लिक करने का देते हैं झांसा
  • लिंक क्लिक करने से ठगों के पास चला जाता हैं बैंक डिटेल
  • बैंक डिटेल मिलते ही अकाउंट हो जाता है खाली


ऑनलाइन ठगी से किस तरह बचें

  • अपने कार्ड के पीछे लिखे गए सीवीवी नंबर को याद रखें. कार्ड में सीवीवी नंबर जहां लिखा हुआ है, उससे कलर से मार्क कर दें या मिटा दें.
  • अपने कार्ड के पीछे लिखे नंबर को किसी को न दें.
  • एटीएम में जब आप अंदर जाएं तो अंदर कोई भी न हो.
  • एटीएम में अगर कोई खड़ा रहता है, तो उसे आप बाहर जाने को बोलें
  • यदि आपके खाते से पैसे गायब होते हैं, तो आप बैंक जाने के साथ-साथ अन्य तरीके से भी अपने अकाउंट को ब्लॉक कर सकते हैं.
  • इसका सिंपल सा तरीका है कि आप बैंक ट्रांजेक्शन करें और ओटीपी गलत डालें, जिससे 24 घंटे के लिए खाता ब्लॉक कर दिया जाएगा.
  • हमेशा ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त ऑथराइज्ड वेबसाइट से ही शॉपिंग करें.
  • पेमेंट करते वक्त अपना ओटीपी , अकाउंट नंबर और सीवीवी नंबर किसी से भी शेयर न करें.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में साइबर क्राइम का ग्राफ चरम पर है. प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से साइबर ठगी के मामले सामने आ रहें हैं. साइबर ठग नए-नए हाईटेक तरीके से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. कई साइबर ठग फर्जी लिंक भेज कर तो कई एटीएम कार्ड के पीछे लिखे सीवीवी नंबर और खाते नंबर से पैसे गायब कर देते हैं. इसके लिए ठग एटीएम कार्ड की क्लोनिंग भी करते हैं.

किस तरह ठग करते हैं ATM कार्ड की क्लोनिंग

पढ़ें: साइबर फ्रॉड मामले में बड़ी सफलता, ठग गिरोह के 4 सदस्य झारखंड से गिरफ्तार

नई तकनीक ने हमारे कई कामकाज को आसान बना दिया है, लेकिन गलत उपयोग ने जोखिम भी बढ़ा दिया है. शातिर ठग दूसरे का मोबाइल और ATM कार्ड यूज कर ठगी का करते हैं. ठगी किए गए रकम से कुछ पैसा उन्हें दे देते हैं. ऐसे रैकेट फरीदाबाद मेवाड़ में चल रहा है. ठगी ज्यादातर दिल्ली, नोएडा जैसे बड़े शहरों में देखने को मिलती है, लेकिन अब अदृश्य चोर रायपुर में भी इंटर कर चुके हैं.

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शातिर ठग नए-नए तरकीब से वारदात को अंजाम दे रहे

पढ़ें: नौकरी का झांसा देकर साइबर ठग कर रहे हैं लूट, एक्सपर्ट से जानें बचने के तरीके

दूसरे का कार्ड और मोबाइल का करते हैं इस्तेमाल
शातिर बदमाश ठगी के मामलों को अंजाम देने के लिए दूसरे का मोबाइल और दूसरे के कार्ड का इस्तेमाल करते हैं. ठगी हो जाने पर कार्ड धारक को ठगी किए गए रकम से कुछ पैसा उन्हें दे देते हैं. यह पूरा रैकेट फरीदाबाद के नजदीक मेवाड़ से संचालित किया जाता है. इस तरह की ठगी ज्यादा कर दिल्ली , नोएडा जैसे बड़े शहरों में देखने को मिलती है, जो कि अब रायपुर में भी देखने को मिल रही है.

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ATM कार्ड की क्लोनिंग
ठग कैसे करते हैं एटीएम फ्रॉडठग सबसे पहले ऐसे एटीएम तलाशते हैं, जो गांव खेड़ी के पास हो. इसके बाद ठग उस एटीएम पर नज़र रखते हैं. कोई व्यक्ति एटीएम से पैसा निकालने आता है. अगर उसे पैसे निकालने में समस्या होती है, तो ठग तुरंत अंदर आ जाते हैं. उस आदमी की मदद करने के नाम से एटीएम कार्ड ले लेते हैं. एटीएम मशीन में डालकर व्यक्ति को पासवर्ड इंटर करने को कहते हैं. जैसे ही पैसा निकलता है. ठग एटीएम मशीन से एटीएम कार्ड निकाल कर व्यक्ति को दे देता है.
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कैसे बचें अदृश्य चोरों की जाल से ?

ओरिजिनल कार्ड की जगह डूप्लीकेट कार्ड से खेल

ठग एटीएम कार्ड देते वक्त ही कार्ड को बदल देता है. हैकर अपने पास अलग-अलग तरह के एटीएम कार्ड पहले से रखे रहते हैं. जैसे ही ठग एटीएम मशीन से कार्ड निकाल कर सामने वाले व्यक्ति को देते हैं. ठग तुरंत कार्ड को एक्सचेंज कर लेते हैं. व्यक्ति के पास ओरिजिनल कार्ड की जगह डूप्लीकेट कार्ड चल जाता है. वह ठगी का शिकार बन जाता है.

Measures to prevent cloning of ATM cards and online fraud in raipur
ATM कार्ड की क्लोनिंग


एटीएम कार्ड की क्लोनिंग

  • खाली ATM को चुनते हैं ठग
  • एटीएम इस्तेमाल न करने वालों को बनाते हैं शिकार
  • सहायता करने के नाम से एटीएम की क्लोनिंग
  • क्लोनिंग के बाद एटीएम कार्ड से निकाल लेते हैं रकम
  • फर्जी लिंक भेज कर लोगों से ठगी
  • लिंक पर क्लिक करने का देते हैं झांसा
  • लिंक क्लिक करने से ठगों के पास चला जाता हैं बैंक डिटेल
  • बैंक डिटेल मिलते ही अकाउंट हो जाता है खाली


ऑनलाइन ठगी से किस तरह बचें

  • अपने कार्ड के पीछे लिखे गए सीवीवी नंबर को याद रखें. कार्ड में सीवीवी नंबर जहां लिखा हुआ है, उससे कलर से मार्क कर दें या मिटा दें.
  • अपने कार्ड के पीछे लिखे नंबर को किसी को न दें.
  • एटीएम में जब आप अंदर जाएं तो अंदर कोई भी न हो.
  • एटीएम में अगर कोई खड़ा रहता है, तो उसे आप बाहर जाने को बोलें
  • यदि आपके खाते से पैसे गायब होते हैं, तो आप बैंक जाने के साथ-साथ अन्य तरीके से भी अपने अकाउंट को ब्लॉक कर सकते हैं.
  • इसका सिंपल सा तरीका है कि आप बैंक ट्रांजेक्शन करें और ओटीपी गलत डालें, जिससे 24 घंटे के लिए खाता ब्लॉक कर दिया जाएगा.
  • हमेशा ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त ऑथराइज्ड वेबसाइट से ही शॉपिंग करें.
  • पेमेंट करते वक्त अपना ओटीपी , अकाउंट नंबर और सीवीवी नंबर किसी से भी शेयर न करें.
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