रायपुर: स्वास्थ्य विभाग ने एमबीबीएस उत्तीर्ण 296 नए डॉक्टरों की पदस्थापना की है. इनकी पोस्टिंग प्रदेश के विभिन्न शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों, मातृ एवं शिशु अस्पतालों, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में किया गया है. दस दिनों के भीतर ड्यूटी जॉइन करने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेशभर में बड़ी संख्या में इन डॉक्टरों की नियुक्ति से कोरोना महामारी संक्रमितों के इलाज और प्रबंधन में मदद मिलेगी.
MBBS प्रवेश के समय दो साल का बॉन्ड
छत्तीसगढ़ चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा स्नातक प्रवेश नियम के तहत इनकी पदस्थापना एमबीबीएस प्रवेश के समय निष्पादित शासकीय/ग्रामीण सेवा के अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) के अनुसार संविदा आधार पर दो साल के लिए की गई है.
MBBS/BDS स्नातक प्रवेश नियम के तहत अनुबंधित डॉक्टरों को एमबीबीएस प्रवेश के समय निष्पादित अनुबंध के अनुसार संविदा के आधार पर दो साल की शासकीय सेवा करना अनिवार्य है. एस्मा एक्ट 1979 (Essential Services Maintenance Act), एपिडेमिक एक्ट (1897) में निहित प्रावधानों के तहत नवपदस्थ डॉक्टर अगर निर्धारित समय-सीमा में ड्यूटी जॉइन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
रायपुर: 2 साल की अनिवार्य ग्रामीण सेवा पूरी नहीं करने पर 54 MBBS डॉक्टरों पर हो सकती कार्रवाई
बंध-पत्र (Bond) के उल्लंघन करने पर कार्रवाई
- नियम के अनुसार निर्धारित बॉन्ड राशि वसूली जाएगी.
- विश्वविद्यालय से डिग्री प्रदान नहीं किया जाएगा.
- राज्य मेडिकल काउंसिल में पंजीयन नहीं किया जाएगा.
- पाठ्यक्रम अवधि के दौरान दी गई सभी प्रकार की छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) की राशि की वसूली भू-राजस्व के बकाया के रूप में किए जाने का प्रावधान है.