रायपुर : राजधानी में पीलिया के बढ़ते मामलों के कारण कोहराम मचा हुआ है. पीलिया से 2 महिलाओं की मौत हो गई है, जिसमें से एक महिला गर्भवती थी. पीलिया के बढ़ते खतरे को देखते हुए महापौर एजाज ढेबर ने ETV भारत से कहा कि पीलिया से जो 2 मौतें हुई हैं, उसका कारण दूषित भोजन और पानी भी हो सकता है. वहीं विधानसभा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पलटवार करते हुए कहा कि नगर निगम की यह स्थिति नहीं है कि स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था तक कर सके.
महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि नालियों से गुजरने वाली पाइपलाइनों को उठाया जा रहा है. लगातार पानी को उबालकर और छानकर पीने की बात कही जा रही है. सीवरेज का पानी जो नदी की ओर जाता था, उन नालों को भी डायवर्ट किया गया है. फिल्टर प्लांट को भी सुधारा जा रहा है, ताकि गंदा पानी नहीं आए.
'अलग-अलग जगहों पर पीलिया टेस्ट कराते थे'
पीलिया के लगातर बढ़ते मामले पर महापौर ने यह दलील दी है कि लॉकडाउन के दौरान सिर्फ एक जगह पर लोग अपना चेकअप करवा रहे हैं, इसलिए इतनी संख्या देखने को मिल रही है. पहले लोग अलग-अलग जगहों पर पीलिया टेस्ट कराते थे, इसलिए हमें पता नहीं चलता था. अभी सिर्फ पीलिया की जांच जिला अस्पतालों में हो रहा है, इसलिए यह संख्या बहुत दिख रही है. मेयर का कहना है कि अभी पीलिया पीड़ितों की संख्या 600 के पार चली गई है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि सभी को पीलिया दूषित पानी से हुआ है. दूषित भोजन से भी लोगों को पीलिया हो सकता है. लोगों को स्वच्छ पानी देने का काम नगर निगम कर रहा है.
'पीलिया रोके नहीं रुक रहा'
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि लगातार पीलिया के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. इसे हल्के में नहीं लेकर काम करने की जरूरत है. पीलिया की मुख्य वजह है दूषित पानी. नगर निगम की यह स्थिति नहीं है कि स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था कर सके. पेयजल की पाइपलाइन नालियों में बिछी हुई है, जहां टंकियों की साफ-सफाई होनी चाहिए. वहां गड़बड़ी होने के कारण लोगों को दूषित पानी मिला है.