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माता सिद्धिदात्री को चढ़ाएं 9 तरह के फूल, दूर होगी बाधाएं

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र धृति योग मकर राशि के चंद्रमा में प्रबल गजकेसरी योग के साथ महानवमी का पावन पर्व मनाया जाएगा. आज के दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री रूप की पूजा अर्चना और आरती की जाती है.

Navratri
सिद्धिदात्री की होगी पूजा
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Published : Oct 8, 2021, 11:11 PM IST

Updated : Oct 14, 2021, 6:25 AM IST

रायपुर: उत्तराषाढ़ा नक्षत्र धृति योग मकर राशि के चंद्रमा में प्रबल गजकेसरी योग के साथ महानवमी का पावन पर्व मनाया जाएगा. इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री रूप की पूजा अर्चना और आरती की जाती है. 'या देवी सर्वभूतेषु माता सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः' इस महामंत्र के द्वारा माता सिद्धिदात्री की उपासना करनी चाहिए. माता सिद्धिदात्री चार भुजाओं से युक्त हैं. यह अज्ञानता को दूर कर पूर्णता प्रदान करने वाली है. मुख्य रूप से आठ सिद्धियां मानी गई है और नौ सिद्धियां होती है माता की कृपा से अष्ट सिद्धि को प्राप्त करने का मनुष्य अधिकारी बन पाता है.आज के दिन माता को 9 प्रकार के पुष्प चढ़ाए जाते हैं. माता को सिंदूर, रोली, कुमकुम, बंधन और सुहाग की सामग्री अर्पित की जाती है. जिससे माता की प्रसन्नता भक्तों को प्राप्त होती है.

मां सिद्धिदात्री की ऐसे करें पूजा

आज के दिन महाकन्या पूजन किया जाता है. नौ कन्याओं को चरण धोकर भोजन कराया जाता है और उन्हें द्रव्य दक्षिणा देकर सम्मान पूर्वक विदा किया जाता है. आज के दिन भोग भंडारा भी करने का विधान है. भक्तगण यथाशक्ति आयोजन करते हैं. सिद्धिदात्री माता की चार भुजाएं हैं. वाहन है और कमल आसन है. देवी को कमल का पुष्प प्रचुर मात्रा में चढ़ाने से माता प्रसन्न होती है. सिद्धिदात्री ध्यान, मंत्र, सिद्धि, कवच सिद्धिदात्री स्रोत का पाठ करने से जीवन की बाधाएं दूर हो जाती हैं और सभी काम सुगम होने लगते हैं.

Horoscope Today 14 October 2021 राशिफल : कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ, मीन राशि वालों को पदोन्नति के योग

अलौकिक शक्तियां देने वाली हैं मां सिद्धिदात्री
प्राचीन मान्यता है कि, सृष्टि के आरंभ होने के पूर्व जब सब तरफ घोर अंधकार था. वहां पर माता सिद्धिदात्री के प्रभाव से ऊर्जा का प्रकाश पुंज सभी जड़ पदार्थों को चेतन रूप प्रदान करता है. पौराणिक मान्यता है कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी सिद्धिदात्री माता के महान भक्त हैं. भगवान शिव गौ माता की कृपा से ही अर्धनारीश्वर स्वरूप प्राप्त हुआ था. आकाशगंगा, झील, वनस्पति, पेड़ पौधे, जल आकाश, थल आदि का निर्माण भी माता सिद्धिदात्री के अनुग्रह से ही हुआ, भक्तों को सिद्धिदात्री की पूजा करने से अलौकिक शक्तियां प्राप्त होती हैं.

रायपुर: उत्तराषाढ़ा नक्षत्र धृति योग मकर राशि के चंद्रमा में प्रबल गजकेसरी योग के साथ महानवमी का पावन पर्व मनाया जाएगा. इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री रूप की पूजा अर्चना और आरती की जाती है. 'या देवी सर्वभूतेषु माता सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः' इस महामंत्र के द्वारा माता सिद्धिदात्री की उपासना करनी चाहिए. माता सिद्धिदात्री चार भुजाओं से युक्त हैं. यह अज्ञानता को दूर कर पूर्णता प्रदान करने वाली है. मुख्य रूप से आठ सिद्धियां मानी गई है और नौ सिद्धियां होती है माता की कृपा से अष्ट सिद्धि को प्राप्त करने का मनुष्य अधिकारी बन पाता है.आज के दिन माता को 9 प्रकार के पुष्प चढ़ाए जाते हैं. माता को सिंदूर, रोली, कुमकुम, बंधन और सुहाग की सामग्री अर्पित की जाती है. जिससे माता की प्रसन्नता भक्तों को प्राप्त होती है.

मां सिद्धिदात्री की ऐसे करें पूजा

आज के दिन महाकन्या पूजन किया जाता है. नौ कन्याओं को चरण धोकर भोजन कराया जाता है और उन्हें द्रव्य दक्षिणा देकर सम्मान पूर्वक विदा किया जाता है. आज के दिन भोग भंडारा भी करने का विधान है. भक्तगण यथाशक्ति आयोजन करते हैं. सिद्धिदात्री माता की चार भुजाएं हैं. वाहन है और कमल आसन है. देवी को कमल का पुष्प प्रचुर मात्रा में चढ़ाने से माता प्रसन्न होती है. सिद्धिदात्री ध्यान, मंत्र, सिद्धि, कवच सिद्धिदात्री स्रोत का पाठ करने से जीवन की बाधाएं दूर हो जाती हैं और सभी काम सुगम होने लगते हैं.

Horoscope Today 14 October 2021 राशिफल : कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ, मीन राशि वालों को पदोन्नति के योग

अलौकिक शक्तियां देने वाली हैं मां सिद्धिदात्री
प्राचीन मान्यता है कि, सृष्टि के आरंभ होने के पूर्व जब सब तरफ घोर अंधकार था. वहां पर माता सिद्धिदात्री के प्रभाव से ऊर्जा का प्रकाश पुंज सभी जड़ पदार्थों को चेतन रूप प्रदान करता है. पौराणिक मान्यता है कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी सिद्धिदात्री माता के महान भक्त हैं. भगवान शिव गौ माता की कृपा से ही अर्धनारीश्वर स्वरूप प्राप्त हुआ था. आकाशगंगा, झील, वनस्पति, पेड़ पौधे, जल आकाश, थल आदि का निर्माण भी माता सिद्धिदात्री के अनुग्रह से ही हुआ, भक्तों को सिद्धिदात्री की पूजा करने से अलौकिक शक्तियां प्राप्त होती हैं.

Last Updated : Oct 14, 2021, 6:25 AM IST
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