रायपुर: जल्द ही आपको अब बाजारों में गोबर से बने चरक चटाई देखने को मिलेंगे. खाने में जिस तरह से औषधिय गुण आपको निरोगी बनाते हैं,उसी तरह ये चटाई आपकी काया को प्रोटेक्ट करेगा. चरक चटाई को बनाने वाले हैं रायपुर के अखिल जैन. अखिल रायपुर में बने मनोहर गौशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी भी हैं. जैन बताते हैं कि चरक चटाई से गंभीर से गंभीर बीमारियों का न सिर्फ इलाज होगा बल्कि स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहेगा.
चरक चटाई बनाने की कहां से मिली प्रेरणा: लंबे वक्त से गायों की सेवा से जुड़े अखिल जैन करते हैं कि उनके माता से उनको गाय की सेवा करने का संस्कार मिला. गायों और चरक ऋषि के बारे में पढ़ते हुए उनको गाय के गोबर का महत्व समझ में आया. जैन ने तुरंत अपने तुरंत ठान लिया कि वो गाय के गोबर से कोई ऐसी चीज बनाएंगे जो प्राकृतिक भी होगी और निरोगी भी बनाएगी. काफी विचार के बाद उनको गाय के गोबर से चरक चटाई बनाने का ख्याल आया.
चरक चटाई बनाने में लगे पांच साल: कई कारीगरों से संपर्क करने के बाद प्रमोद नाम के कारीगर ने गोबर से चटाई बनाने में मदद देने की बात स्वीकारी. धीरे धीरे करके गाय के गोबर को कई चरणों में प्रोसेस किया गया फिर उससे चटाई की बत्तियां बनाई गई. चटाई की बत्तियां बनाने के बाद उसमें धागा पिरोने का काम किया गया. पहली चटाई जो बनी उसे बनाने में अखिल और प्रमोद को पांच साल का वक्त लगा. चटाई को बनाने में चटाई बनाने वाले की कारीगरों की राय भी ली गई तब कहीं जाकर चटाई बन पाई.
पीएम को भेजी जाएगी गोबर की बनी चटाई: चरक चटाई बनाने वाले अखिल जैन कहते हैं कि पीएम दिन रात काम करते हैं. पीएम का स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहे इसके लिए वो पीएम को गोबर की बनाई चटाई भेज रहे हैं. जल्द ही ये चटाई पीएम को कुरियर कर जाएगी. अखिल का कहना है कि गोबर में कई औषधिय गुण होते हैं. अगर इसका सही से इस्तेमाल किया जाए तो ये सेहत के लिए रामबाण दवा हो सकती है. लोगों की जिंदगी में जिस तरह से प्लास्टिक का जहर फैल रहा है उसे गोबर से बनी चीजों से दूर किया जा सकता है. अखिल बताते हैं कि ये चटाई शुगर मरीजों के शुगर कंट्रोल में भी काम आएगा. गोबर से बने सामानों पर कई रिसर्च भी हो रहे हैं. सेहत और पर्यावरण की नजर से चरक चटाई कितना काम करती है ये तो आने वाला वक्त बताएगा.