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जानलेवा न बन जाए दर्दनिवारक दवा, बिना डॉक्टर की सलाह के न करें इसका इस्तेमाल !

दवाएं (medicines) दर्द मिटाने और बीमारी (Disease) भगाने के लिए होती हैं. लेकिन अगर उसे सही तरीके और सही मात्रा में न लिया जाए तो वे दर्द की वजह भी बन सकती हैं. ऐलोपैथिक दवाओं के मामले में तो ऐसी आशंका और भी ज्यादा होती है. खासकर पेनकिलर (painkiller) दवाइयों को लेकर

दर्द निवारक दवाइयां
दर्द निवारक दवाइयां
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Published : Sep 5, 2021, 11:47 PM IST

रायपुर: दवाएं दर्द मिटाने और बीमारी भगाने के लिए होती हैं, लेकिन अगर उन्हें सही तरीके और सही मात्रा में न लिया जाए तो वे दर्द की वजह भी बन सकती हैं. खास तौर पर पेनकिलर (painkiller) दवाइयां. ऐलोपैथिक दवाओं (allopathic medicines) के मामले में तो ऐसी आशंकाएं और भी ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसी दवाओं को लेते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. कई मामलों में यह भी देखने को मिला है कि दर्द निवारक दवाइयों (pain relievers) के लोग आदि हो जाते हैं और नियमित तौर पर इसका सेवन करने लगते हैं. अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि ज्यादा दर्द निवारक दवाइयां लेना शरीर के लिए घातक साबित हो सकता है. वहीं बुजुर्ग और कुछ स्पोर्ट्स पर्सन शरीर में अक्सर होने वाले दर्द को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं.

जानलेवा न बन जाए दर्दनिवारक दवा

60 साल से ऊपर के बुजुर्ग जिनको अक्सर घुटने में दर्द, कमर में दर्द , गठिया की शिकायत जैसी बीमारियां रहती है या जो बॉडीबिल्डर जिम जाकर बॉडी बनाते हैं. इस दौरान उन्हें दर्द काफी होता है. उस दर्द को कम करने के लिए वो लंबे समय तक दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करते हैं. यह खतरनाक और हो जाता है. जब वह बिना किसी डॉक्टर की सलाह के इन दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं. खासकर हरी पन्नी की गोली और नीली पन्ने की गोली ज्यादा नुकसानदायक होती है. जैसे "डाइक्लोफिनेक" (diclofenac) इस दवाई का ज्यादा सेवन करने से यह आपके किडनी (kidney) को नुकसान पहुंचाती है. "एस्प्रिन" दवाई (Aspirin medicine) का ज्यादा सेवन करने से यह पेट को नुकसान पहुंचाती है. जबकि "पेरासिटामोल" दवाई (Paracetamol medicine) का ज्यादा सेवन लिवर को नुकसान पहुंचाता है. ऐसी दवाई ज्यादा लंबे समय तक खाने से किडनी और लिवर को डैमेज कर देता है.


दर्द निवारक दवाइयों के गंभीर नुकसान

मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉक्टर आर एल खरे (Dr RL Khare) ने बताया कि जरूरत से ज्यादा दर्द निवारक दवाइयों का यूज करना बहुत खतरनाक होता है. जब आप दर्द निवारक दवाएं या सिर दर्द के लिए जो दवाई लेते हैं. वह लंबे समय तक लगातार रोज या हफ्ते में 5 दिन इस प्रकार अगर आप महीनो-सालों लेते हैं तो वो आपके शरीर के हर एक अंग को प्रभावित कर सकता है. क्योंकि यह दवाई पेट में जाकर घुलती है तो पेट में जाकर एसिडिटी करना, बहुत ज्यादा मात्रा में पेट में एसिड बनाना. जिसको हम हाइपर एसिडिटी (hyper acidity) कहते हैं और अगर यह प्रक्रिया लंबे समय तक चलती रही तो पेट में अल्सर की भी समस्या उत्पन्न हो सकती है. जो शरीर के लिए काफी खतरनाक है.

लिवर फेल होने का होता है रिस्क
ऐसे भी लोग अत्यधिक मात्रा में दर्द निवारक दवाओं का सेवन करते हैं. जिससे लिवर में सूजन (inflammation of the liver) आना और जौंडिस (jaundice) होना लाजिमी है. आप अधिक दर्द निवारक दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो इस तरह की बीमारियां भी लिवर में हो सकती है या ऐसी दवा जिसमें दो या तीन दर्द निवारक दवाओं का मिश्रण है. अगर वह आप लेते हैं तो एक रिस्क हो सकता है.

दर्द निवारक दवाइयों के सेवन से व्यक्ति की जा सकती है जान
तीसरा जो सबसे नाजुक अंग किडनी है जो दर्द निवारक दवाइयों के खाने से प्रभावित होती है. पेट में जाने के बाद सारी दवाइयां किडनी के माध्यम से बाहर निकलती है. ज्यादा पेन किलर खाने से किडनी को प्रभावित करता है. लेकिन अगर आप लंबे समय तक दर्द निवारक दवाएं लेते हैं तो वह किडनी फेलियर (kidney failure) या क्रॉनिक किडनी फैलियर (chronic kidney failure) जिसको हम परमानेंट किडनी डैमेज बोलेते है. वह हो सकता है.

अलग अलग बीमारियों में अलग-अलग दवाई यूज होती है, तो अलग-अलग बीमारियों में एक ही पेन किलर नहीं दिया जाता और इसका खून पर भी दुष्प्रभाव होता है. जैसे प्लेटलेट की मात्रा यह काम करती है या खून के जमने की जो शक्ति है उसको भी कम करती है. शरीर में चोट लगने पर ब्लीडिंग होने का रिस्क भी बढ़ जाता है. ज्यादा अच्छा यह रहेगा कि आप पेन किलर का कम इस्तेमाल करें और चिकित्सकों की सलाह लेकर ही उसका इस्तेमाल करें.

"पेरासिटामोल" दर्द निवारक दवाई है. लेकिन बहुत अधिक मात्रा में उसको लेना हानिकारक होता है. यह सारी दवाइयों को हम over-the-counter बोलते हैं. मतलब इसे मेडिकल या किराना दुकान से बिना पर्ची दिखाएं खरीदा जा सकता है. तो दवाई ज्यादा मात्रा में लेने से अचानक लिवर फेलियर जैसे परेशानी भी होती है.

रायपुर: दवाएं दर्द मिटाने और बीमारी भगाने के लिए होती हैं, लेकिन अगर उन्हें सही तरीके और सही मात्रा में न लिया जाए तो वे दर्द की वजह भी बन सकती हैं. खास तौर पर पेनकिलर (painkiller) दवाइयां. ऐलोपैथिक दवाओं (allopathic medicines) के मामले में तो ऐसी आशंकाएं और भी ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसी दवाओं को लेते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. कई मामलों में यह भी देखने को मिला है कि दर्द निवारक दवाइयों (pain relievers) के लोग आदि हो जाते हैं और नियमित तौर पर इसका सेवन करने लगते हैं. अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि ज्यादा दर्द निवारक दवाइयां लेना शरीर के लिए घातक साबित हो सकता है. वहीं बुजुर्ग और कुछ स्पोर्ट्स पर्सन शरीर में अक्सर होने वाले दर्द को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं.

जानलेवा न बन जाए दर्दनिवारक दवा

60 साल से ऊपर के बुजुर्ग जिनको अक्सर घुटने में दर्द, कमर में दर्द , गठिया की शिकायत जैसी बीमारियां रहती है या जो बॉडीबिल्डर जिम जाकर बॉडी बनाते हैं. इस दौरान उन्हें दर्द काफी होता है. उस दर्द को कम करने के लिए वो लंबे समय तक दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करते हैं. यह खतरनाक और हो जाता है. जब वह बिना किसी डॉक्टर की सलाह के इन दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं. खासकर हरी पन्नी की गोली और नीली पन्ने की गोली ज्यादा नुकसानदायक होती है. जैसे "डाइक्लोफिनेक" (diclofenac) इस दवाई का ज्यादा सेवन करने से यह आपके किडनी (kidney) को नुकसान पहुंचाती है. "एस्प्रिन" दवाई (Aspirin medicine) का ज्यादा सेवन करने से यह पेट को नुकसान पहुंचाती है. जबकि "पेरासिटामोल" दवाई (Paracetamol medicine) का ज्यादा सेवन लिवर को नुकसान पहुंचाता है. ऐसी दवाई ज्यादा लंबे समय तक खाने से किडनी और लिवर को डैमेज कर देता है.


दर्द निवारक दवाइयों के गंभीर नुकसान

मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉक्टर आर एल खरे (Dr RL Khare) ने बताया कि जरूरत से ज्यादा दर्द निवारक दवाइयों का यूज करना बहुत खतरनाक होता है. जब आप दर्द निवारक दवाएं या सिर दर्द के लिए जो दवाई लेते हैं. वह लंबे समय तक लगातार रोज या हफ्ते में 5 दिन इस प्रकार अगर आप महीनो-सालों लेते हैं तो वो आपके शरीर के हर एक अंग को प्रभावित कर सकता है. क्योंकि यह दवाई पेट में जाकर घुलती है तो पेट में जाकर एसिडिटी करना, बहुत ज्यादा मात्रा में पेट में एसिड बनाना. जिसको हम हाइपर एसिडिटी (hyper acidity) कहते हैं और अगर यह प्रक्रिया लंबे समय तक चलती रही तो पेट में अल्सर की भी समस्या उत्पन्न हो सकती है. जो शरीर के लिए काफी खतरनाक है.

लिवर फेल होने का होता है रिस्क
ऐसे भी लोग अत्यधिक मात्रा में दर्द निवारक दवाओं का सेवन करते हैं. जिससे लिवर में सूजन (inflammation of the liver) आना और जौंडिस (jaundice) होना लाजिमी है. आप अधिक दर्द निवारक दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो इस तरह की बीमारियां भी लिवर में हो सकती है या ऐसी दवा जिसमें दो या तीन दर्द निवारक दवाओं का मिश्रण है. अगर वह आप लेते हैं तो एक रिस्क हो सकता है.

दर्द निवारक दवाइयों के सेवन से व्यक्ति की जा सकती है जान
तीसरा जो सबसे नाजुक अंग किडनी है जो दर्द निवारक दवाइयों के खाने से प्रभावित होती है. पेट में जाने के बाद सारी दवाइयां किडनी के माध्यम से बाहर निकलती है. ज्यादा पेन किलर खाने से किडनी को प्रभावित करता है. लेकिन अगर आप लंबे समय तक दर्द निवारक दवाएं लेते हैं तो वह किडनी फेलियर (kidney failure) या क्रॉनिक किडनी फैलियर (chronic kidney failure) जिसको हम परमानेंट किडनी डैमेज बोलेते है. वह हो सकता है.

अलग अलग बीमारियों में अलग-अलग दवाई यूज होती है, तो अलग-अलग बीमारियों में एक ही पेन किलर नहीं दिया जाता और इसका खून पर भी दुष्प्रभाव होता है. जैसे प्लेटलेट की मात्रा यह काम करती है या खून के जमने की जो शक्ति है उसको भी कम करती है. शरीर में चोट लगने पर ब्लीडिंग होने का रिस्क भी बढ़ जाता है. ज्यादा अच्छा यह रहेगा कि आप पेन किलर का कम इस्तेमाल करें और चिकित्सकों की सलाह लेकर ही उसका इस्तेमाल करें.

"पेरासिटामोल" दर्द निवारक दवाई है. लेकिन बहुत अधिक मात्रा में उसको लेना हानिकारक होता है. यह सारी दवाइयों को हम over-the-counter बोलते हैं. मतलब इसे मेडिकल या किराना दुकान से बिना पर्ची दिखाएं खरीदा जा सकता है. तो दवाई ज्यादा मात्रा में लेने से अचानक लिवर फेलियर जैसे परेशानी भी होती है.

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