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हर टूटती सांस के साथ बढ़ा रहे हैं फीस, आपदा में भी अवसर तलाश रहे प्राइवेट अस्पताल !

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए शुल्क तय कर दिया गया है, लेकिन कई निजी अस्पताल सभी नियमों को ताक पर रखकर इलाज के नाम पर मनमानी कीमतें वसूल रहे हैं. प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि कई अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से पहले ही 50 हजार रुपए तक का एडवांस जमा करा रहे हैं, तो कई अस्पताल 6 दिन के इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपए से लेकर 7 लाख रुपए तक का बिल बना रहे हैं.

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प्राइवेट अस्पतालों में इलाज महंगा
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Published : Apr 27, 2021, 9:50 PM IST

Updated : Apr 28, 2021, 12:06 PM IST

रायपुर: कोरोना से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. कोरोना की दूसरी लहर में अब देश में हर दिन 3 लाख से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं. छत्तीसगढ़ में भी हर दिन 15 हजार से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में हर दिन 200 से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना से हो रही है. लगातार बढ़ते केस को देखते हुए सरकार ने कुछ प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना के इलाज के लिए चुना है, लेकिन कोरोना जैसी महामारी में भी प्राइवेट अस्पताल मनमाना पैसे वसूल रहे हैं.

प्राइवेट अस्पतालों में इलाज महंगा

50 हजार एडवांस के बाद ही मिलता है एडमिशन

हजारों लोग हर दिन अस्पताल में एडमिट हो रहे हैं, सभी बेड की तलाश कर रहे हैं. ऐसे में सरकारी अस्पताल में बेड न होने के कारण इमरजेंसी में लोगों को प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ रहा है. प्राइवेट अस्पताल में मरीज को एडमिट करने के लिए पहले 50 हजार रुपए तक एडवांस लिया जा रहा है. पैसे लेने के बाद ही मरीज का इलाज शुरू होता है. कई ऐसे अस्पताल हैं, जहां 6 दिन में ही मरीजों के इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपए से लेकर 7 लाख रुपए तक का बिल बनाया जा रहा है.

ग्रामीण क्षेत्रों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और जांच बढ़ाने का स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने दिया निर्देश

मजबूरी में जाना पड़ रहा प्राइवेट अस्पताल

प्राइवेट अस्पताल से इलाज कराकर लौटे एक कोरोना संक्रमित शख्स के भाई सैयद शफीक अमन ने बताया कि उनका छोटा भाई कोरोना से संक्रमित हो गया था. सरकारी अस्पताल में जगह नहीं मिली. जिसके बाद मजबूरी में उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. यहां 6 दिन भर्ती रहने पर अस्पताल प्रबंधन ने 1 लाख 11 हजार रुपए का बिल बना दिया. इसके अलावा 89 हजार रुपए की दवाई का बिल अलग से दिया गया. हालांकि सैयद शफीक अमन की बिल भरने की असमर्थता और अपील पर अस्पताल प्रबंधन से थोड़ी छूट दी गई.

छत्तीसगढ़ सरकार ने विधायक निधि के खर्च पर लगाई रोक, बीजेपी ने जताई आपत्ति

प्राइवेट अस्पतालों ने जारी कर रखा है पैकेज

छत्तीसगढ़ भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने बताया कि प्रदेश में कोरोना से हालत काफी खराब हैं. निजी अस्पताल जनता की जेब पर डाका डाल रहे हैं. राज्य सरकार निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाने में असमर्थ है. बीजेपी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार प्राइवेट अस्पतालों में मॉनिटरिंग नहीं कर रही है. जिससे अस्पताल प्रबंधन जनता को मनमाने तरीके लूट रहा है. निजी अस्पतालों में लूट का ऐसा सिलसिला है कि अस्पताल प्रबंधन पैकेज में डील कर रहा है. 3 लाख से लेकर 5 लाख रुपए तक के पैकेज में निजी अस्पताल में इलाज हो रहा है.

रायपुर: कोरोना से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. कोरोना की दूसरी लहर में अब देश में हर दिन 3 लाख से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं. छत्तीसगढ़ में भी हर दिन 15 हजार से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में हर दिन 200 से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना से हो रही है. लगातार बढ़ते केस को देखते हुए सरकार ने कुछ प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना के इलाज के लिए चुना है, लेकिन कोरोना जैसी महामारी में भी प्राइवेट अस्पताल मनमाना पैसे वसूल रहे हैं.

प्राइवेट अस्पतालों में इलाज महंगा

50 हजार एडवांस के बाद ही मिलता है एडमिशन

हजारों लोग हर दिन अस्पताल में एडमिट हो रहे हैं, सभी बेड की तलाश कर रहे हैं. ऐसे में सरकारी अस्पताल में बेड न होने के कारण इमरजेंसी में लोगों को प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ रहा है. प्राइवेट अस्पताल में मरीज को एडमिट करने के लिए पहले 50 हजार रुपए तक एडवांस लिया जा रहा है. पैसे लेने के बाद ही मरीज का इलाज शुरू होता है. कई ऐसे अस्पताल हैं, जहां 6 दिन में ही मरीजों के इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपए से लेकर 7 लाख रुपए तक का बिल बनाया जा रहा है.

ग्रामीण क्षेत्रों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और जांच बढ़ाने का स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने दिया निर्देश

मजबूरी में जाना पड़ रहा प्राइवेट अस्पताल

प्राइवेट अस्पताल से इलाज कराकर लौटे एक कोरोना संक्रमित शख्स के भाई सैयद शफीक अमन ने बताया कि उनका छोटा भाई कोरोना से संक्रमित हो गया था. सरकारी अस्पताल में जगह नहीं मिली. जिसके बाद मजबूरी में उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. यहां 6 दिन भर्ती रहने पर अस्पताल प्रबंधन ने 1 लाख 11 हजार रुपए का बिल बना दिया. इसके अलावा 89 हजार रुपए की दवाई का बिल अलग से दिया गया. हालांकि सैयद शफीक अमन की बिल भरने की असमर्थता और अपील पर अस्पताल प्रबंधन से थोड़ी छूट दी गई.

छत्तीसगढ़ सरकार ने विधायक निधि के खर्च पर लगाई रोक, बीजेपी ने जताई आपत्ति

प्राइवेट अस्पतालों ने जारी कर रखा है पैकेज

छत्तीसगढ़ भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने बताया कि प्रदेश में कोरोना से हालत काफी खराब हैं. निजी अस्पताल जनता की जेब पर डाका डाल रहे हैं. राज्य सरकार निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाने में असमर्थ है. बीजेपी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार प्राइवेट अस्पतालों में मॉनिटरिंग नहीं कर रही है. जिससे अस्पताल प्रबंधन जनता को मनमाने तरीके लूट रहा है. निजी अस्पतालों में लूट का ऐसा सिलसिला है कि अस्पताल प्रबंधन पैकेज में डील कर रहा है. 3 लाख से लेकर 5 लाख रुपए तक के पैकेज में निजी अस्पताल में इलाज हो रहा है.

Last Updated : Apr 28, 2021, 12:06 PM IST
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