रायपुर: दुनिया भर में कोविड-19 अपना कहर बरपा रहा है. भारत में 1 लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में हैं. इसके संक्रमण को रोकने के लिए भारत में 50 दिनों से भी अधिक समय से लॉकडाउन चल रहा है. कोरोना संकट और लॉकडाउन ने तमाम सेक्टरों पर असर दिखाना शुरू कर दिया है. ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा मार प्राइवेट सेक्टर पर काम कर रहे नौकरी पेशा लोगों की नौकरियों पर पड़ रहा है. बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां जा रही हैं. आने वाले समय में भी नौकरियों के और कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसे हालात में लोग परेशान होने लगे हैं. उन्हें भविष्य के हालातों की चिंता सताने लगी है.
कोरोना वायरस का प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है. लंबे समय से चल रहे लॉकडाउन से ना केवल व्यापार जगत बल्कि नौकरी पेशा लोग भी प्रभावित हो रहे हैं. लॉकडाउन ने लाखों मजदूरों को सड़क पर निकलने को मजबूर कर दिया है. लोग लगातार अपने घरों की ओर निकल रहे हैं. साथ ही बड़े पैमाने पर चल रहे स्टार्टअप और नौकरी पेशा कंपनियों में काम कर रहे लोगों की नौकरियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. यदि लॉकडाउन का समय और बढ़ता है, तो प्राइवेट सेक्टर में बड़े पैमाने में नौकरियों की कटौती हो सकती है. मामले को देखते हुए ETV भारत ने आम लोगों और कैरियर काउंसलर से बात कर जाना की आखिर लॉकडाउन का नौकरियों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है.
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इन सेक्टरों पर प्रभाव
हाल ही में प्रदेश में हमने कई कंपनियों में काम कर रहे हैं युवाओं से जब बात की, तो उनका कहना था कि सर्विस सेक्टर खासकर होटल इंडस्ट्रीज और फूड सेक्टर में इसका ज्यादा प्रभाव देखने को मिला है. इससे जुड़ी कंपनी से बड़े पैमाने पर लोगों को हटाया जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक ऐसी संस्थानों से 8 सौ से 11 सौ लोगों को नौकरी से हटाया जा चुका है. इन युवाओं से जब हम बात करते हैं तो वे कहते हैं कि लॉकडाउन के चलते लोगों ने होम डिलीवरी फूड मंगाना बंद कर दिया है. लंबे समय से होटल भी बंद चल रहे हैं. ऐसे में इन सेक्टरों में फुल टाइम जॉब कर रहे लोगों को इस लॉकडॉउन ने परेशान किया है.
दरअसल कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए लंबे समय से लॉकडाउन किया जा रहा है. 50 दिनों से ज्यादा समय होने के कारण तमाम इंडस्ट्रीज तमाम आईटी सेक्टर, होटल इंडस्ट्रीज, बैंकिंग सेक्टर, एविएशन इंडस्ट्रीज समेत छोटे-बड़े सभी काम बंद हो चुके हैं. अब धीरे-धीरे करके लाकडाउन में छूट भी दी जा रही है. बावजूद इसके सामान्य स्थिति आने में महीनों लग जाएंगे. ऐसे में प्राइवेट सेक्टर की नौकरी के भरोसे जीवन यापन करने वाले बहुत बड़े तबके पर इसका असर दिख रहा है. लगातार नौकरी जाने से लोग डिप्रेशन में भी जा रहे हैं.
आत्मविश्वास बचाकर रखें
इसे लेकर ETV भारत ने कैरियर काउंसलर श्याम वर्मा से भी बात की है तो उनका कहना है कि ऐसे बुरे दौर में आत्मविश्वास बचाकर रखना बेहद जरूरी है. खासकर प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोग हतोत्साहित ना हो और अपनी जरूरतों को कम से कम करके जीवन को बचाने के उद्देश्य से काम करते रहें. कंपनियों में हजारों लोगों की छंटनी की जा रही है. साथ ही लंबे समय से प्रोडक्शन बंद होने से अब बड़े-बड़े सेक्टर में भी इसका असर दिखने लगा है. सीधे तौर पर नौकरियां खत्म ना करने के दबाव के चलते कई कंपनियां सैलरी में कटौती और अनावश्यक टारगेट का दबाव कर्मचारियों पर बना रही है.