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SPECIAL: ट्रेन नहीं चलने का साइड इफेक्ट, होटल-रेस्टोरेंट पर लगा ताला, कई घरों के बुझे चूल्हे

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Published : Oct 3, 2020, 1:18 PM IST

Updated : Oct 3, 2020, 2:17 PM IST

रायपुर में ट्रेनें नहीं चलने से स्टेशन एरिया के कई होटल और रेस्टोरेंट बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं. इनसे जुड़े हजारों लोग भी बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं.

many hotels and restaurants in station area were closed due to non-running of trains in raipur
ट्रेन नहीं चलने से होटल और रेस्टॉरेंट का बिजनेस ठप

रायपुर: कोरोना और लॉकडाउन के कारण ट्रेनें क्या बंद हुईं, उस पर निर्भर कई लोगों का बिजनेस भी ठप पड़ गया. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव रायपुर रेलवे स्टेशन के बाहर लगाए गए कई होटल और रेस्टोरेंट्स पर पड़ा, जो पूरी तरह से रेल यात्रियों पर ही निर्भर रहते थे.

यात्री कम होने से कई होटल और रेस्टोरेंट्स बंद

स्टेशन के बाहर लोगों के ठहरने के लिए जो होटल बने हुए हैं, वे बिल्कुल खाली हैं. ऐसे में जो कारोबार रेल यात्रियों पर ही आश्रित था, आज उनका बिजनेस बिल्कुल ठप हो गया है. इस समय कुछ ट्रेनें चल भी रही हैं, लेकिन न तो उनमें इतने यात्री आ रहे हैं कि वह रेलवे स्टेशन के बाहर बने रेस्टोरेंट में बैठकर खाना खाएं और कुछ तो स्वास्थ्य संबंधी सावधानी के कारण बाहर खाना खाने से बच रहे हैं. इससे भी कई होटल और रेस्टोरेंट्स पर ताला लग गया है.

ट्रेन नहीं चलने से होटल और रेस्टॉरेंट का बिजनेस ठप

पढ़ें: कोरोनाकाल में होटल-रेस्टोरेंट का हाल: Takeaway चला नहीं, dining भी बैठ गया

पहले के मुकाबले यात्रियों की संख्या काफी घटी

रायपुर रेलवे स्टेशन से फिलहाल कुल 10 जोड़ी ट्रेनें होकर गुजर रही हैं. इसके अलावा तीन ट्रेनें प्रदेश भर में चलाई जा रही हैं, जो रायपुर से होकर गुजर रही हैं और एक राजधानी एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है. अनुमान के मुताबिक कोरोना के पहले एक दिन में रायपुर से लगभग 110 ट्रेन गुजरती थी, जिसमें हजारों यात्री रोजाना रायपुर उतरते थे, लेकिन आज 10 ट्रेनें भी बड़ी मुश्किल से गुजर रही हैं. इनमें सिर्फ हजार से डेढ़ हजार यात्री ही रायपुर रेलवे स्टेशन पर उतर रहे हैं.

many hotels and restaurants in station area were closed due to non-running of trains in raipur
ट्रेन नहीं चलने से होटल और रेस्टॉरेंट का बिजनेस ठप

250 करोड़ का बिजनेस प्रभावित

कोरोना और लॉकडाउन का समय गुजरने के बाद अनलॉक में अब धीरे-धीरे ट्रेनें चलाई जा रही हैं, लेकिन इस समय इतनी ट्रेन भी नहीं चल रही है कि रेलवे स्टेशन के बाहर बने रेस्टॉरेंट और होटल को संचालित किया जा सके. रेलवे स्टेशन पर ही कुछ बड़ी कंपनियों के होटल हैं, जो पूरी तरह बंद हैं और रेलवे स्टेशन के बाहर करीब 150 से 200 छोटी और बड़ी दुकानें हैं, जो रेल यात्रियों पर आश्रित हैं. इसके अलावा रेल यात्रियों पर आश्रित कुछ 15 से 20 निजी होटल भी हैं, जो पूरी तरह बंद हो गए हैं. अनुमान के मुताबिक, इन 6 से 7 महीनों में 250 करोड़ के ज्यादा का नुकसान सिर्फ राजधानी के रेलवे स्टेशन के बाहर बने दुकानदारों और होटलों को हुआ है.

many hotels and restaurants in station area were closed due to non-running of trains in raipur
ट्रेन नहीं चलने से होटल व रेस्टोरेंट का बिजनेस ठप

पढ़ें: SPECIAL: सब्जियों के राजा 'आलू' की फसल खराब, आम लोगों के साथ अन्नदाता भी परेशान

सिर्फ 10 परसेंट लोगों के भरोसे होटल-रेस्टोरेंट्स

निजी होटल संचालक अमित बनर्जी ने बताया कि लगभग 6 महीने से वे खाली बैठे हैं. उन्होंने कहा कि हर समय यही डर लगा रहता है कि लॉकडाउन न लग जाए, क्योंकि इससे उनकी परेशानी और बढ़ती जा रही है. स्टेशन एरिया होने के कारण मार्च से पहले तक उनका बिजनेस अच्छा चल रहा था, लेकिन अब पहले जैसा माहौल नहीं है, न ही पहले जैसे ग्राहकी चल रही है. अमित बनर्जी ने बताया कि अब सिर्फ 10 परसेंट लोग ही आ रहे हैं.

करीब 3000 लोग हुए बेरोजगार

निजी रेस्टोरेंट संचालक योगेश कुंद्रा ने बताया कि रेलवे स्टेशन के बाहर बनी दुकानों में करीब 3000 लोग काम करते थे, जिनकी रोजी-रोटी छिन गई है. होटल, मिठाई दुकान या खाने की दुकान बंद है, जिसमें होटलों में काम करने वाले लोग बेरोजगार हो गए हैं. कोई आमदनी नहीं होने के कारण उनके मालिक भी उन्हें वेतन नहीं दे पा रहे हैं, जिनकी वजह से उन्हें अपना परिवार चलाने में काफी तकलीफ हो रही है. कई ऐसी छोटी दुकानें हैं, जो यात्री ना आने की वजह से चल नहीं पा रहे थे, वहीं दुकान किराये पर चलने के कारण आज वे बंद हो गए हैं. योगेश कुंद्रा ने बताया कि 10 परसेंट धंधा भी आज नहीं चल रहा है. उनका बिजनेस पूरी तरह यात्रियों पर आश्रित है.

'अब बाहर खाने में डर लगता है'

वहीं कुछ यात्रियों ने बताया कि पहले वह स्टेशन अगर जल्दी भी आ जाते थे, तो आसपास के रेस्टोरेंट में जाकर चाय-नाश्ता कर लेते थे, लेकिन आज यह स्थिति हो गई है कि बाहर कहीं भी खाने से झिझक रहे हैं.

रायपुर: कोरोना और लॉकडाउन के कारण ट्रेनें क्या बंद हुईं, उस पर निर्भर कई लोगों का बिजनेस भी ठप पड़ गया. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव रायपुर रेलवे स्टेशन के बाहर लगाए गए कई होटल और रेस्टोरेंट्स पर पड़ा, जो पूरी तरह से रेल यात्रियों पर ही निर्भर रहते थे.

यात्री कम होने से कई होटल और रेस्टोरेंट्स बंद

स्टेशन के बाहर लोगों के ठहरने के लिए जो होटल बने हुए हैं, वे बिल्कुल खाली हैं. ऐसे में जो कारोबार रेल यात्रियों पर ही आश्रित था, आज उनका बिजनेस बिल्कुल ठप हो गया है. इस समय कुछ ट्रेनें चल भी रही हैं, लेकिन न तो उनमें इतने यात्री आ रहे हैं कि वह रेलवे स्टेशन के बाहर बने रेस्टोरेंट में बैठकर खाना खाएं और कुछ तो स्वास्थ्य संबंधी सावधानी के कारण बाहर खाना खाने से बच रहे हैं. इससे भी कई होटल और रेस्टोरेंट्स पर ताला लग गया है.

ट्रेन नहीं चलने से होटल और रेस्टॉरेंट का बिजनेस ठप

पढ़ें: कोरोनाकाल में होटल-रेस्टोरेंट का हाल: Takeaway चला नहीं, dining भी बैठ गया

पहले के मुकाबले यात्रियों की संख्या काफी घटी

रायपुर रेलवे स्टेशन से फिलहाल कुल 10 जोड़ी ट्रेनें होकर गुजर रही हैं. इसके अलावा तीन ट्रेनें प्रदेश भर में चलाई जा रही हैं, जो रायपुर से होकर गुजर रही हैं और एक राजधानी एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है. अनुमान के मुताबिक कोरोना के पहले एक दिन में रायपुर से लगभग 110 ट्रेन गुजरती थी, जिसमें हजारों यात्री रोजाना रायपुर उतरते थे, लेकिन आज 10 ट्रेनें भी बड़ी मुश्किल से गुजर रही हैं. इनमें सिर्फ हजार से डेढ़ हजार यात्री ही रायपुर रेलवे स्टेशन पर उतर रहे हैं.

many hotels and restaurants in station area were closed due to non-running of trains in raipur
ट्रेन नहीं चलने से होटल और रेस्टॉरेंट का बिजनेस ठप

250 करोड़ का बिजनेस प्रभावित

कोरोना और लॉकडाउन का समय गुजरने के बाद अनलॉक में अब धीरे-धीरे ट्रेनें चलाई जा रही हैं, लेकिन इस समय इतनी ट्रेन भी नहीं चल रही है कि रेलवे स्टेशन के बाहर बने रेस्टॉरेंट और होटल को संचालित किया जा सके. रेलवे स्टेशन पर ही कुछ बड़ी कंपनियों के होटल हैं, जो पूरी तरह बंद हैं और रेलवे स्टेशन के बाहर करीब 150 से 200 छोटी और बड़ी दुकानें हैं, जो रेल यात्रियों पर आश्रित हैं. इसके अलावा रेल यात्रियों पर आश्रित कुछ 15 से 20 निजी होटल भी हैं, जो पूरी तरह बंद हो गए हैं. अनुमान के मुताबिक, इन 6 से 7 महीनों में 250 करोड़ के ज्यादा का नुकसान सिर्फ राजधानी के रेलवे स्टेशन के बाहर बने दुकानदारों और होटलों को हुआ है.

many hotels and restaurants in station area were closed due to non-running of trains in raipur
ट्रेन नहीं चलने से होटल व रेस्टोरेंट का बिजनेस ठप

पढ़ें: SPECIAL: सब्जियों के राजा 'आलू' की फसल खराब, आम लोगों के साथ अन्नदाता भी परेशान

सिर्फ 10 परसेंट लोगों के भरोसे होटल-रेस्टोरेंट्स

निजी होटल संचालक अमित बनर्जी ने बताया कि लगभग 6 महीने से वे खाली बैठे हैं. उन्होंने कहा कि हर समय यही डर लगा रहता है कि लॉकडाउन न लग जाए, क्योंकि इससे उनकी परेशानी और बढ़ती जा रही है. स्टेशन एरिया होने के कारण मार्च से पहले तक उनका बिजनेस अच्छा चल रहा था, लेकिन अब पहले जैसा माहौल नहीं है, न ही पहले जैसे ग्राहकी चल रही है. अमित बनर्जी ने बताया कि अब सिर्फ 10 परसेंट लोग ही आ रहे हैं.

करीब 3000 लोग हुए बेरोजगार

निजी रेस्टोरेंट संचालक योगेश कुंद्रा ने बताया कि रेलवे स्टेशन के बाहर बनी दुकानों में करीब 3000 लोग काम करते थे, जिनकी रोजी-रोटी छिन गई है. होटल, मिठाई दुकान या खाने की दुकान बंद है, जिसमें होटलों में काम करने वाले लोग बेरोजगार हो गए हैं. कोई आमदनी नहीं होने के कारण उनके मालिक भी उन्हें वेतन नहीं दे पा रहे हैं, जिनकी वजह से उन्हें अपना परिवार चलाने में काफी तकलीफ हो रही है. कई ऐसी छोटी दुकानें हैं, जो यात्री ना आने की वजह से चल नहीं पा रहे थे, वहीं दुकान किराये पर चलने के कारण आज वे बंद हो गए हैं. योगेश कुंद्रा ने बताया कि 10 परसेंट धंधा भी आज नहीं चल रहा है. उनका बिजनेस पूरी तरह यात्रियों पर आश्रित है.

'अब बाहर खाने में डर लगता है'

वहीं कुछ यात्रियों ने बताया कि पहले वह स्टेशन अगर जल्दी भी आ जाते थे, तो आसपास के रेस्टोरेंट में जाकर चाय-नाश्ता कर लेते थे, लेकिन आज यह स्थिति हो गई है कि बाहर कहीं भी खाने से झिझक रहे हैं.

Last Updated : Oct 3, 2020, 2:17 PM IST
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