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Mainpat Mahotsav 2023 सैलानियों का पसंदीदा हिल स्टेशन बनता मैनपाट

Mainpat छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाला मैनपाट अब सैलानियों का पसंदीदा हिल स्टेशन बनते जा रहा है. चारों ओर से पहाड़ी व सुरम्य वादियों से घिरा मैनपाट प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर होने के साथ तिब्बती व जनजातीय संस्कृति का संगम स्थल भी है. यहां संस्कृतियां सद्भाव के साथ फल फूल रही हैं. यहीं वजह है कि 14 फरवरी से 16 फरवरी तक प्रशासन की तरफ से मैनपाट महोत्सव शुरू हो रहा है. महोत्सव का आयोजन रोपाखार जलाशय के पास किया जा रहा है. Shimla of Chhattisgarh

Mainpat Mahotsav 2023
मैनपाट
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Published : Feb 12, 2023, 9:21 AM IST

रायपुर/सरगुजा: मैनपाट में पर्यटन को बढ़ावा देने और विकास को गति देने के लिए हर साल मैनपाट महोत्सव का आयोजन किया जाता है. जिसमें देश के नामी कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देते हैं. इस दौरान विभागीय स्टॉल्स के जरिए विकास की झलक भी देखने को मिलती है. मैनपाट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रशासन सड़क विकास के साथ सुविधायें और टूरिस्ट पॉइंट को बेहतर करने का प्रयास कर रहा है. पर्यटकों के ठहरने के लिए रिजॉर्ट व विश्राम गृह भी बनाये गए हैं.

अंबिकापुर से दरिमा होते हुए मैनपाट जाने के दौरान जैसे ही घाट शुरू होता है दूर-दूर तक हरियाली नजर आती है. पहाड़ी पर घुमावदार रास्ते के दोनों ओर ऊंचे ऊंचे पेड़ देखते ही बनते हैं. मैनपाट पहुंचने पर बौद्ध मंदिर, तिब्बती, लामा को देखकर अलग ही एहसास होता है. सरगुजा में मैनपाट, उल्टापानी, जलजली, फिश प्वाइंट, मेहता प्वाइंट, करमा एथनिक रिसॉर्ट और जोहार मोटल देखने लायक जगह है.

टाइगर प्वाइंट- मैनपाट के महत्वपूर्ण प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट में टाइगर प्वाइंट का अपना विशेष महत्व है. टाइगर प्वाइंट एक खूबसूरत प्राकृतिक झरना है जिसमें पानी इतनी तेजी से गिरता है कि शेर के गरजने जैसी आवाज आती है. टाइगर प्वाइंट देखने के लिए बहुत ही अच्छी जगह है. चारों तरफ घनघोर जंगलों के बीच पहाड़ से गिरता हुआ झरना बहुत ही आकर्षक लगता है. टाइगर प्वाइंट दर्शनीय स्थल में बहुत पहले शेर हुआ करते थे जो झरने का पानी पीने आते थे. इसलिए इस स्थान का नाम टाइगर प्वाइंट पड़ा. टाइगर प्वाइंट इको प्वाइंट के नाम से भी जाना जाता है.

Bemetara Bhadrakali Temple बेमेतरा में भद्रकाली ने खुद बनवाया मंदिर

उल्टापानी: मैनपाट के बिसरपानी गांव में स्थित उल्टापानी छत्तीसगढ़ का सबसे ज्यादा अचंभित और हैरान करने वाला दर्शनीय स्थल है. यहां पानी का बहाव नीचे की तरफ न होकर ऊपर यानी ऊँचाई की ओर होता है. यहां सड़क पर खड़ी न्यूट्रल चारपहिया गाड़ी 110 मीटर तक गुरुत्वाकर्षण के विरूद्ध पहाड़ी की ओर अपने आप लुढ़कती है. यहां से घाटी का खूबसूरत नजारा देखकर मन तृप्त हो जाता है. .

जलजली: मैनपाट में जलजली वह पिकनिक स्पॉट है जहां दो से तीन एकड़ जमीन काफी नर्म है और इसमें कूदने से धरती गद्दे की तरह हिलती है. आसपास के लोग बताते हैं कि कभी यहां जल स्त्रोत रहा होगा जो समय के साथ उपर से सूख गया लेकिन अंदर से जमीन दलदली रह गई. इसी वजह से यह जमीन दलदली व स्पंजी लगती है. यहां पर पास में ही जंगल और पहाड़ों के बीच एक झरना भी बहता है. यहां पर्यटक घुड़सवारी का भी आनन्द लेते हैं.

फिश प्वाइंट: मैनपाट में पर्यटकों के लिए जंगलों के बीच एक रोमांचकारी और मन को लुभाने वाला मशहूर जगह फिश प्वाइंट स्थित है. फिश प्वाइंट में जलधारा में तैरती रंगीन मछलियां मन को मोह लेती हैं.

मेहता प्वाइंट: मैनपाट में स्थित मेहता प्वाइंट एक अद्भुत झरना दर्शनीय स्थल के पास स्थित है जो चारों तरफ लम्बे पहाड़ों और घाटियों से घिरा हुआ है. मैनपाट की खूबसूरत वादियों में प्रकृति का आनंद लेने के लिए मेहता प्वाइंट प्रसिद्ध है. मेहता प्वाइंट में छत्तीसगढ़ व भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. मैनपाट आने वाले पर्यटक प्रकृति के अनसुलझे रहस्यों का आनन्द लेने के लिए इस पिकनिक स्पॉट पर जरूर पहुंचते हैं.

करमा एथनिक रिसॉर्ट एवं जोहार मोटल: स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत 21 करोड़ 37 लाख 38 हजार रुपये की लागत से मैनपाट विकासखंड के कमलेश्वरपुर में ’’इको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन’’ के रूप में करमा एथनिक रिसॉर्ट विकसित किया गया है. पर्यटकों के लिए सरगुजा क्षेत्र के ग्रामीण परिवेश की थीम पर एथनिक रिसॉर्ट का विकास किया गया है जिससे पर्यटक स्थानीय जनजाति और ग्रामीण परिवेश में रहने और यहां की आदिवासी संस्कृति और इको टूरिस्ट स्थलों को करीब से जानने का अनुभव ले सकेंगे.

रायपुर/सरगुजा: मैनपाट में पर्यटन को बढ़ावा देने और विकास को गति देने के लिए हर साल मैनपाट महोत्सव का आयोजन किया जाता है. जिसमें देश के नामी कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देते हैं. इस दौरान विभागीय स्टॉल्स के जरिए विकास की झलक भी देखने को मिलती है. मैनपाट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रशासन सड़क विकास के साथ सुविधायें और टूरिस्ट पॉइंट को बेहतर करने का प्रयास कर रहा है. पर्यटकों के ठहरने के लिए रिजॉर्ट व विश्राम गृह भी बनाये गए हैं.

अंबिकापुर से दरिमा होते हुए मैनपाट जाने के दौरान जैसे ही घाट शुरू होता है दूर-दूर तक हरियाली नजर आती है. पहाड़ी पर घुमावदार रास्ते के दोनों ओर ऊंचे ऊंचे पेड़ देखते ही बनते हैं. मैनपाट पहुंचने पर बौद्ध मंदिर, तिब्बती, लामा को देखकर अलग ही एहसास होता है. सरगुजा में मैनपाट, उल्टापानी, जलजली, फिश प्वाइंट, मेहता प्वाइंट, करमा एथनिक रिसॉर्ट और जोहार मोटल देखने लायक जगह है.

टाइगर प्वाइंट- मैनपाट के महत्वपूर्ण प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट में टाइगर प्वाइंट का अपना विशेष महत्व है. टाइगर प्वाइंट एक खूबसूरत प्राकृतिक झरना है जिसमें पानी इतनी तेजी से गिरता है कि शेर के गरजने जैसी आवाज आती है. टाइगर प्वाइंट देखने के लिए बहुत ही अच्छी जगह है. चारों तरफ घनघोर जंगलों के बीच पहाड़ से गिरता हुआ झरना बहुत ही आकर्षक लगता है. टाइगर प्वाइंट दर्शनीय स्थल में बहुत पहले शेर हुआ करते थे जो झरने का पानी पीने आते थे. इसलिए इस स्थान का नाम टाइगर प्वाइंट पड़ा. टाइगर प्वाइंट इको प्वाइंट के नाम से भी जाना जाता है.

Bemetara Bhadrakali Temple बेमेतरा में भद्रकाली ने खुद बनवाया मंदिर

उल्टापानी: मैनपाट के बिसरपानी गांव में स्थित उल्टापानी छत्तीसगढ़ का सबसे ज्यादा अचंभित और हैरान करने वाला दर्शनीय स्थल है. यहां पानी का बहाव नीचे की तरफ न होकर ऊपर यानी ऊँचाई की ओर होता है. यहां सड़क पर खड़ी न्यूट्रल चारपहिया गाड़ी 110 मीटर तक गुरुत्वाकर्षण के विरूद्ध पहाड़ी की ओर अपने आप लुढ़कती है. यहां से घाटी का खूबसूरत नजारा देखकर मन तृप्त हो जाता है. .

जलजली: मैनपाट में जलजली वह पिकनिक स्पॉट है जहां दो से तीन एकड़ जमीन काफी नर्म है और इसमें कूदने से धरती गद्दे की तरह हिलती है. आसपास के लोग बताते हैं कि कभी यहां जल स्त्रोत रहा होगा जो समय के साथ उपर से सूख गया लेकिन अंदर से जमीन दलदली रह गई. इसी वजह से यह जमीन दलदली व स्पंजी लगती है. यहां पर पास में ही जंगल और पहाड़ों के बीच एक झरना भी बहता है. यहां पर्यटक घुड़सवारी का भी आनन्द लेते हैं.

फिश प्वाइंट: मैनपाट में पर्यटकों के लिए जंगलों के बीच एक रोमांचकारी और मन को लुभाने वाला मशहूर जगह फिश प्वाइंट स्थित है. फिश प्वाइंट में जलधारा में तैरती रंगीन मछलियां मन को मोह लेती हैं.

मेहता प्वाइंट: मैनपाट में स्थित मेहता प्वाइंट एक अद्भुत झरना दर्शनीय स्थल के पास स्थित है जो चारों तरफ लम्बे पहाड़ों और घाटियों से घिरा हुआ है. मैनपाट की खूबसूरत वादियों में प्रकृति का आनंद लेने के लिए मेहता प्वाइंट प्रसिद्ध है. मेहता प्वाइंट में छत्तीसगढ़ व भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. मैनपाट आने वाले पर्यटक प्रकृति के अनसुलझे रहस्यों का आनन्द लेने के लिए इस पिकनिक स्पॉट पर जरूर पहुंचते हैं.

करमा एथनिक रिसॉर्ट एवं जोहार मोटल: स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत 21 करोड़ 37 लाख 38 हजार रुपये की लागत से मैनपाट विकासखंड के कमलेश्वरपुर में ’’इको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन’’ के रूप में करमा एथनिक रिसॉर्ट विकसित किया गया है. पर्यटकों के लिए सरगुजा क्षेत्र के ग्रामीण परिवेश की थीम पर एथनिक रिसॉर्ट का विकास किया गया है जिससे पर्यटक स्थानीय जनजाति और ग्रामीण परिवेश में रहने और यहां की आदिवासी संस्कृति और इको टूरिस्ट स्थलों को करीब से जानने का अनुभव ले सकेंगे.

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