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जानिए महाशिवरात्रि पर किस मुहूर्त में करें पूजा, कैसे रखें व्रत ? - auspicious time to worship lord shiva

महाशिवरात्रि को लेकर कैसे रखें व्रत, कैसे करें पूजा और क्या रहेगा मुहूर्त, इस बारे में महाकाल मंदिर के महेश पुजारी से ईटीवी भारत ने विशेष चर्चा की.

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महाशिवरात्रि
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Published : Mar 11, 2021, 10:23 AM IST

भोपाल: महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च को यानी आज मनाया जा रहा है. यह दिन भगवान शिव को मनाने और उनकी कृपा पाने के लिए बहुत जरूरी माना जाता है. इस दिन व्रत और विशेष पूजा भी की जाती है. व्रत रखने के दौरान किन बातों का ध्यान रखें, कौन -कौन सी साम्रगी पूजन के लिए इस्तेमाल करें, इन सभी सवालों के जवाब दिए ईटीवी भारत की विशेष चर्चा में महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने.

भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त

सवाल : महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है ?

जवाब:(महेश पुजारी): भगवान शिव का यह पर्व है और उसे विवाह के रूप में मनाया जाता है. शिव आदि और आनादि देवता हैं. शिवरात्रि के दिन रात 12 से 4 बजे तक पूजा करने का महत्व माना जाता है.

सवाल: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का सही तरीका क्या है ?

जवाब:(महेश पुजारी): भगवान शिव को जल बहुत प्रिय है. अगर जल की धारा भगवान शिव के मस्तिष्क पर डाला जाता है, तो उनको शीतलता मिलती है. भगवान को जल, बेल पत्र और बेर का प्रसाद देने की परंपरा है.

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग, जिनके दर्शन से नष्ट होते हैं सभी संकट और पाप

सवाल: ऐसी मनाएताएं हैं कि भगवान शिव केवल एक लोटा जल और बेल पत्र अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं ?

जवाब:(महेश पुजारी):भगवान शिव को जल बहुत प्रिय है. अगर किसी के पास जल नहीं भी होता है, तो हमारे पास एक स्रोत होता है हिम जल. उसे भी भक्त अर्पित कर सकते हैं. 5 श्लोकों के साथ भक्त भगवान को चढ़ावा चढ़ा सकते हैं.

सवाल: कोरोना काल में भगवान शिव के दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन ने क्या व्यवस्था की है ?

जवाब:(महेश पुजारी): करीब 25 हजार भक्तों के दर्शन की व्यवस्था की गई है. कोरोना महामारी के कारण भक्तों की संख्या को सीमित किया गया है. सुबह से ही भक्त महाकाल के दर्शन कर सकेंगे. करीब 48 घंटे का समय निर्धारित किया गया है. सुबह 2.30 बजे द्वार खुलने के बाद 4.30 बजे भस्म आरती होगी. उसके बाद रात 11 बजे तक महाकाल के दर्शन किए जा सकते हैं.

महाशिवरात्रि पर ऐसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न, जानिए राशि के अनुसार पूजा की विधि

सवाल: शिवरात्रि के दिन ऐसे कौन से कार्य हैं, जो भूलकर भी नहीं करने चाहिए ?

जवाब:(महेश पुजारी): इस दिन व्यक्ति को शिवनिंदा नहीं करनी चाहिए. इस दिन किसी से लड़ाई, झगड़ा या झूठ भी नहीं बोलना चाहिए.

सवाल: इस दिन भगवा रंग पहनने की परंपरा भी है. क्या मान्यता है इसकी ?

जवाब:(महेश पुजारी): सनातन धर्म के अनुसार भगवा रंग धारण करने से मन साफ रहता है.

भोपाल: महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च को यानी आज मनाया जा रहा है. यह दिन भगवान शिव को मनाने और उनकी कृपा पाने के लिए बहुत जरूरी माना जाता है. इस दिन व्रत और विशेष पूजा भी की जाती है. व्रत रखने के दौरान किन बातों का ध्यान रखें, कौन -कौन सी साम्रगी पूजन के लिए इस्तेमाल करें, इन सभी सवालों के जवाब दिए ईटीवी भारत की विशेष चर्चा में महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने.

भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त

सवाल : महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है ?

जवाब:(महेश पुजारी): भगवान शिव का यह पर्व है और उसे विवाह के रूप में मनाया जाता है. शिव आदि और आनादि देवता हैं. शिवरात्रि के दिन रात 12 से 4 बजे तक पूजा करने का महत्व माना जाता है.

सवाल: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का सही तरीका क्या है ?

जवाब:(महेश पुजारी): भगवान शिव को जल बहुत प्रिय है. अगर जल की धारा भगवान शिव के मस्तिष्क पर डाला जाता है, तो उनको शीतलता मिलती है. भगवान को जल, बेल पत्र और बेर का प्रसाद देने की परंपरा है.

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग, जिनके दर्शन से नष्ट होते हैं सभी संकट और पाप

सवाल: ऐसी मनाएताएं हैं कि भगवान शिव केवल एक लोटा जल और बेल पत्र अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं ?

जवाब:(महेश पुजारी):भगवान शिव को जल बहुत प्रिय है. अगर किसी के पास जल नहीं भी होता है, तो हमारे पास एक स्रोत होता है हिम जल. उसे भी भक्त अर्पित कर सकते हैं. 5 श्लोकों के साथ भक्त भगवान को चढ़ावा चढ़ा सकते हैं.

सवाल: कोरोना काल में भगवान शिव के दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन ने क्या व्यवस्था की है ?

जवाब:(महेश पुजारी): करीब 25 हजार भक्तों के दर्शन की व्यवस्था की गई है. कोरोना महामारी के कारण भक्तों की संख्या को सीमित किया गया है. सुबह से ही भक्त महाकाल के दर्शन कर सकेंगे. करीब 48 घंटे का समय निर्धारित किया गया है. सुबह 2.30 बजे द्वार खुलने के बाद 4.30 बजे भस्म आरती होगी. उसके बाद रात 11 बजे तक महाकाल के दर्शन किए जा सकते हैं.

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सवाल: शिवरात्रि के दिन ऐसे कौन से कार्य हैं, जो भूलकर भी नहीं करने चाहिए ?

जवाब:(महेश पुजारी): इस दिन व्यक्ति को शिवनिंदा नहीं करनी चाहिए. इस दिन किसी से लड़ाई, झगड़ा या झूठ भी नहीं बोलना चाहिए.

सवाल: इस दिन भगवा रंग पहनने की परंपरा भी है. क्या मान्यता है इसकी ?

जवाब:(महेश पुजारी): सनातन धर्म के अनुसार भगवा रंग धारण करने से मन साफ रहता है.

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