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महाशिवरात्रि का व्रत 2022: भगवान शिव और माता पार्वती के शुभ विवाह का पर्व महाशिवरात्रि, जानिए पूजा मुहूर्त - भगवान शिव और पार्वती का विवाह

एक मार्च को महाशिवरात्रि का व्रत है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए इस दिन को महाशिवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ को चंदन, अक्षत, बेलपत्र, धतूरा और आंकड़े के फूल अर्पित किए जाते हैं

Mahashivratri Puja Muhurta
महाशिवरात्रि का मुहूर्त
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Published : Feb 27, 2022, 7:40 PM IST

रायपुर: भगवान शिव और पार्वती के शुभ विवाह का पर्व महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चौदस तिथि को मनाया जाता है. मंगलवार 1 मार्च 2022 को धनिष्ठा नक्षत्र परिघ योग है. इस दिन उत्पात योग और मकर, कुंभ राशि के प्रभाव में यह पावन पर्व मनाया जाएगा. आज के शुभ दिन माता पार्वती की महान तपस्या के पश्चात उन्हें भोलेनाथ जी वर के रूप में प्राप्त हुए थे. माता पार्वती ने इस हेतु असाध्य कठिन और अनुपम तपस्या की थी. आज के शुभ दिन व्रत उपवास और उपासना करने पर कुंवारी कन्या को अच्छे वर की प्राप्ति होती है.

महाशिवरात्रि का व्रत करने से होती है संतान की प्राप्ति

ऐसे दंपति जिनकी संतान नहीं हुई है. उन्हें भी महाशिवरात्रि का व्रत करने पर शीघ्र ही सुंदर संतान की प्राप्ति होती है. भगवान शिव सभी की मनोकामना को पूर्ण करने के लिए प्रसिद्ध हैं. आज के शुभ दिन शिवजी को जल चढ़ाने मात्र से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ को चंदन, अक्षत, बेलपत्र, धतूरा और आंकड़े के फूल अर्पित किए जाते हैं. भगवान शिव जलाभिषेक से जल्दी प्रसन्न होते हैं.

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भगवान भोलेनाथ का करें अभिषेक

शिवरात्रि के त्यौहार में अनादि शंकर जी को शुद्ध जल, कच्चे दूध, गन्ने के रस, नर्मदा के जल, गंगाजल और कृष्णा, कावेरी नदी के जल से भी अभिषेक किया जाता है. जलाभिषेक से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. भगवान शंकर जी को मात्र गंगा मिश्रित शुद्ध जल से अभिषेक करने पर वे अति शीघ्र प्रसन्न होकर समस्त मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. शिवभक्त आज के शुभ दिन निराहार फलाहारी विभिन्न रूपों से व्रत और उपवास करते हैं. पंचाक्षरी मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, शिव संकल्प मंत्र, रुद्राष्टकम, शिव अष्टकम, शिव तांडव, लिंगाष्टकम आदि मंत्रों का पाठ कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकते हैं.

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ओम नम: शिवाय मंत्र का जरूर करें पाठ

ओम नम: शिवाय मंत्र का पाठ करने से भी भक्तों को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. आज के दिन गायत्री मंत्र से भी शिव जी का अभिषेक किया जा सकता है. अभिषेक करते समय ध्यान रखें कि जल पूरी तरह से विनिर्माण एवं शुद्ध होना चाहिए. अबीर, गुलाल, रोली, चंदन, जनेऊ, परिमल, अष्ट चंदन, गोपा चंदन, मलयाचल चंदन आदि पदार्थों से भी भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करना शुभकारी माना गया है. आज के दिन भगवान श्री भोलेनाथ जी की आरती गायन भी की जाती है. साथ ही माता पार्वती जी की भी आरती गाने का विधान है. कपूर का उपयोग भी शिवजी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. आज के शुभ दिन आरती करना बेहद शुभकारी है.

रायपुर: भगवान शिव और पार्वती के शुभ विवाह का पर्व महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चौदस तिथि को मनाया जाता है. मंगलवार 1 मार्च 2022 को धनिष्ठा नक्षत्र परिघ योग है. इस दिन उत्पात योग और मकर, कुंभ राशि के प्रभाव में यह पावन पर्व मनाया जाएगा. आज के शुभ दिन माता पार्वती की महान तपस्या के पश्चात उन्हें भोलेनाथ जी वर के रूप में प्राप्त हुए थे. माता पार्वती ने इस हेतु असाध्य कठिन और अनुपम तपस्या की थी. आज के शुभ दिन व्रत उपवास और उपासना करने पर कुंवारी कन्या को अच्छे वर की प्राप्ति होती है.

महाशिवरात्रि का व्रत करने से होती है संतान की प्राप्ति

ऐसे दंपति जिनकी संतान नहीं हुई है. उन्हें भी महाशिवरात्रि का व्रत करने पर शीघ्र ही सुंदर संतान की प्राप्ति होती है. भगवान शिव सभी की मनोकामना को पूर्ण करने के लिए प्रसिद्ध हैं. आज के शुभ दिन शिवजी को जल चढ़ाने मात्र से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ को चंदन, अक्षत, बेलपत्र, धतूरा और आंकड़े के फूल अर्पित किए जाते हैं. भगवान शिव जलाभिषेक से जल्दी प्रसन्न होते हैं.

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भगवान भोलेनाथ का करें अभिषेक

शिवरात्रि के त्यौहार में अनादि शंकर जी को शुद्ध जल, कच्चे दूध, गन्ने के रस, नर्मदा के जल, गंगाजल और कृष्णा, कावेरी नदी के जल से भी अभिषेक किया जाता है. जलाभिषेक से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. भगवान शंकर जी को मात्र गंगा मिश्रित शुद्ध जल से अभिषेक करने पर वे अति शीघ्र प्रसन्न होकर समस्त मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. शिवभक्त आज के शुभ दिन निराहार फलाहारी विभिन्न रूपों से व्रत और उपवास करते हैं. पंचाक्षरी मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, शिव संकल्प मंत्र, रुद्राष्टकम, शिव अष्टकम, शिव तांडव, लिंगाष्टकम आदि मंत्रों का पाठ कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकते हैं.

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ओम नम: शिवाय मंत्र का पाठ करने से भी भक्तों को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. आज के दिन गायत्री मंत्र से भी शिव जी का अभिषेक किया जा सकता है. अभिषेक करते समय ध्यान रखें कि जल पूरी तरह से विनिर्माण एवं शुद्ध होना चाहिए. अबीर, गुलाल, रोली, चंदन, जनेऊ, परिमल, अष्ट चंदन, गोपा चंदन, मलयाचल चंदन आदि पदार्थों से भी भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करना शुभकारी माना गया है. आज के दिन भगवान श्री भोलेनाथ जी की आरती गायन भी की जाती है. साथ ही माता पार्वती जी की भी आरती गाने का विधान है. कपूर का उपयोग भी शिवजी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. आज के शुभ दिन आरती करना बेहद शुभकारी है.

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