रायपुर : छत्तीसगढ़ में चल रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रविवार को समापन हो गया. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष नानाभाऊ पटोले भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासियों की कला और संस्कृति को देश-दुनिया में पहुंचाने और आदिवासियों में नई ऊर्जा लाने का काम किया है.साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन महाराष्ट्र में भी हो इसके लिए वो सरकार से निवेदन करेंगे.
कार्यक्रम में पटोले ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान खरीदी और कर्जमाफी की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि सी.पी. बरार के समय छत्तीसगढ़ और विदर्भ का क्षेत्र एक साथ था.
'कला और संस्कृति का अनूठा संगम'
बता दें छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया गया था. जिसमें 25 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों सहित बांग्लादेश, थाईलैण्ड, श्रीलंका, युगांडा, बेलारूस और मालदीव के 1800 कलाकारों ने हिस्सा लिया था. यहां 125 से अधिक मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं. आदिवासी कला और संस्कृति का अनूठा संगम तीन दिनों में देखने को मिला.
स्टॉल्स भी रहे आकर्षण का केंद्र
आयोजन में आए कलाकारों ने एक-दूसरे की संस्कृति को करीब से देखा. नृत्य महोत्सव के अंतिम दिन उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, झारखंड, आंध्रप्रदेश, गुजरात सहित छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने बेमिसाल प्रस्तुतियां दीं. वहीं शिल्पग्राम, छत्तीसगढ़ी व्यंजन और विभागीय स्टॉल्स ने भी लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा.