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मकर संक्रांति: आकर्षक फूलों से सजा महाकाल का गर्भ गृह - महाकाल की सजावट

उज्जैन में मकर संक्रांति पर महाकाल मंदिर को आकर्षक फूलों से सजाया गया. वहीं रंग-बिरंगे पतंगों ने बाजार की रंगत बढ़ाई है.

Mahakal Temple of Ujjain
आकर्षक फूलों से सजा महाकाल का गर्भ गृह
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Published : Jan 14, 2021, 7:45 AM IST

उज्जैन: 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक महाकाल की नगरी उज्जैन में मकर संक्रांति की रौनक देखने को मिली. एक तरफ जहां महाकाल मंदिर के गर्भ गृह और नंदी हॉल को आकर्षक फूलों से सजाया गया, वहीं दूसरी तरफ बाजार भी रंग-बिरंगे पतंगों से सजा रहा.

पुजारी यश प्रदीप ने बताया कि मंदिर की साज-सज्जा उज्जैन के कलाकारों द्वारा की गई. पुष्प विन्यास से एक आकर्षक पतंग भी बनाई गई है. वहीं एक तरफ पूरा बाजार भी रंग-बिरंगी पतंगों से सजा हुआ देखने को मिला. मान्यता है किसी भी पर्व की शुरुआत सबसे पहले बाबा महाकाल के आंगन से की जाती है. सुबह भस्म आरती में बाबा को पतंग भेंट कर त्योहार की शुरुआत की गई.

महाकाल के दर्शन के बाद शुरू त्योहार

मकर संक्रांति पर्व सूर्य के दक्षिणायण से उत्तरायण की ओर जाने पर मनाया जाता है. इस दिन लाखों की संख्या में बाबा के दरबार में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. क्षिप्रा घाट पर स्नान और दान-पुण्य किया जाता है. पुराणों के अनुसार इस दिन का दान-पुण्य अक्षय होता है, तो वहीं नहान से ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है. बाबा महाकाल के आंगन की साज-सज्जा के बाद सुबह भस्म आरती के बाद बाबा को पतंग भेंट कर त्योहार की शुरुआत की जाएगी. एक तरफ बाजार भी रंग-बिरंगी पतंगों से सजा हुआ दिखा. युवाओं में खरीदारी का उत्साह और जोश अलग ही नजर आया.

गार्ड की इमानदारी

महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा गार्ड नीता को शाम को मंदिर परिसर स्थित सफेद चबूतरे पर एक चाबी का गुच्छा और सोने की अंगूठी मिली थी, जिसे उसने तुरंत मंदिर कंट्रोल रूम में जमा कराया. कंट्रोल रूम के चन्द्रकान्त सक्सेना ने पूर्ण परिसर में उद्घोषणा कर दर्शनार्थी गण से अनुरोध किया कि जिस किसी का भी सामान हो, वह तुरंत पहचान व अन्य जानकारी देकर इसे प्राप्त करे. उज्जैन निवासी दर्शनार्थी अर्पण कुमार दुबे कंट्रोल रूम पहुंचे और सामान की जानकारी दी. पहचान और फोटो से सत्यापित कर कंट्रोल रूम प्रभारी सक्सेना ने उन्हें सोने की अंगूठी सौंपी.

उज्जैन: 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक महाकाल की नगरी उज्जैन में मकर संक्रांति की रौनक देखने को मिली. एक तरफ जहां महाकाल मंदिर के गर्भ गृह और नंदी हॉल को आकर्षक फूलों से सजाया गया, वहीं दूसरी तरफ बाजार भी रंग-बिरंगे पतंगों से सजा रहा.

पुजारी यश प्रदीप ने बताया कि मंदिर की साज-सज्जा उज्जैन के कलाकारों द्वारा की गई. पुष्प विन्यास से एक आकर्षक पतंग भी बनाई गई है. वहीं एक तरफ पूरा बाजार भी रंग-बिरंगी पतंगों से सजा हुआ देखने को मिला. मान्यता है किसी भी पर्व की शुरुआत सबसे पहले बाबा महाकाल के आंगन से की जाती है. सुबह भस्म आरती में बाबा को पतंग भेंट कर त्योहार की शुरुआत की गई.

महाकाल के दर्शन के बाद शुरू त्योहार

मकर संक्रांति पर्व सूर्य के दक्षिणायण से उत्तरायण की ओर जाने पर मनाया जाता है. इस दिन लाखों की संख्या में बाबा के दरबार में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. क्षिप्रा घाट पर स्नान और दान-पुण्य किया जाता है. पुराणों के अनुसार इस दिन का दान-पुण्य अक्षय होता है, तो वहीं नहान से ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है. बाबा महाकाल के आंगन की साज-सज्जा के बाद सुबह भस्म आरती के बाद बाबा को पतंग भेंट कर त्योहार की शुरुआत की जाएगी. एक तरफ बाजार भी रंग-बिरंगी पतंगों से सजा हुआ दिखा. युवाओं में खरीदारी का उत्साह और जोश अलग ही नजर आया.

गार्ड की इमानदारी

महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा गार्ड नीता को शाम को मंदिर परिसर स्थित सफेद चबूतरे पर एक चाबी का गुच्छा और सोने की अंगूठी मिली थी, जिसे उसने तुरंत मंदिर कंट्रोल रूम में जमा कराया. कंट्रोल रूम के चन्द्रकान्त सक्सेना ने पूर्ण परिसर में उद्घोषणा कर दर्शनार्थी गण से अनुरोध किया कि जिस किसी का भी सामान हो, वह तुरंत पहचान व अन्य जानकारी देकर इसे प्राप्त करे. उज्जैन निवासी दर्शनार्थी अर्पण कुमार दुबे कंट्रोल रूम पहुंचे और सामान की जानकारी दी. पहचान और फोटो से सत्यापित कर कंट्रोल रूम प्रभारी सक्सेना ने उन्हें सोने की अंगूठी सौंपी.

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