रायपुर : विक्रम संवत 2079 शाके 1944 माघ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 5 फरवरी 2023 रविवार को शुभ माघ पूर्णिमा मनाई जा रही है. यह पावन पर्व इस साल कई महत्वपूर्ण योगों की उपस्थिति में मनाया जा रहा है. पुष्य नक्षत्र, आयुष्मान योग, श्रीवत्स योग, ललिता जयंती, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि पुष्य योग, सूति स्नान, प्रवाल धारण के शुभ मुहूर्त में माघी पूर्णिमा मनाई जा रही है. यह पूर्णिमा दान, यज्ञ, जप, तप, योग और ध्यान के लिए विशेष रूप से जानी जाती है. माघी पूर्णिमा के शुभ दिन छत्तीसगढ़ में श्री शिवरीनारायण और राजिम मेला भी लगता है. जिसमें शामिल होने दूरदराज से गांव वाले इस मेले को मनाने के लिए उत्साह के साथ आते हैं. माघ स्नान का विशेष महत्व माना गया है.
क्या है माघ पूर्णिमा में स्नान का महत्व : ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "व्रत की पूर्णिमा स्नान दान की पूर्णिमा का विशिष्ट महत्व है. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार श्री हरि विष्णु माघी पूर्णिमा के दिन गंगा के जल में निवास करते हैं. प्रातः काल की बेला में जल के हर कण में श्री हरि विष्णु का वास रहता है. अतः आज के शुभ दिन गंगा स्नान, सरस्वती स्नान और यमुना स्नान अति विशिष्ट माना गया है. आज के शुभ दिन नदी, तालाब, पोखर और सरोवरों में स्नान करना बहुत ही पवित्र माना जाता है. माघ पूर्णिमा में स्नान का कई गुना महत्व है. माघी पूर्णिमा के दिन स्नान करने से जन्मों के पाप कट जाते हैं. आज के शुभ दिन संत रविदास जयंती, ललिता जयंती भी मनाई जा रही है. आज के शुभ दिन भद्राकाल की निवृत्ति सुबह 10:43 से होगी. रवि पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, श्री हजरत अली जन्मदिवस और अनेक शुभ योगों की वजह से माघी पूर्णिमा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है."
पूर्णिमा में शिव का आशीर्वाद : पंडित विनीत शास्त्री के मुताबिक ''ज्योतिष एवं वास्तु विद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि "आज के दिन स्नान करने पर जन्म जन्मांतर के रोग और पाप नष्ट हो जाते हैं. आज के दिन योग, ध्यान, योगासनों का अभ्यास करने से शिव सिद्ध होते हैं, और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं. इसी तरह आज के दिन किया गया यज्ञ, तर्पण, ध्यान मंत्र सिद्धि, तंत्र सिद्धि विशेष प्रभाव प्रदान करता है. आज के दिन यज्ञ करने पर कामनाएं पूर्ण होती है. देवताओं का आशीर्वाद मिलता है.''
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माघी पूर्णिमा के दिन पितरों का तर्पण : पंडित विनीत शास्त्री के मुताबिक '' माघी पूर्णिमा के शुभ दिन पितरों का तर्पण करना बहुत पवित्र माना गया. काले तिल से पितरों का तर्पण करना और भी शुभ माना जाता है. माघ स्नान के दिन ब्राह्मणों को दान करना सुयोग्य व्यक्तियों को भोजन अन्य ब्रह्दान करना बहुत ही पवित्र माना गया है. मत्स्य पुराण के अनुसार माघी पूर्णिमा में योग्य ब्राह्मणों को दान करना बहुत ही पुण्य फलदाई होता है. गुड, फली, गन्ना, ऋतु फल, मिष्ठान चीजों का दान करना शुभ माना गया है. यह पर्व दान स्नान और तर्पण के लिए विशेष महत्व रखता है. सरोवरों में क्रमबद्ध होकर अनुशासन के साथ स्नान करना चाहिए. जो जातक घर में ही रहकर स्नान करना चाहते हैं, वे अपने स्नान के पात्र में हल्दी और थोड़ा सा काला तिल डालकर स्नान करें. इस दिन विवाह के भी बहुत सारे मुहूर्त बनते हैं.''