रायपुर: लक्ष्मीनारायण राज योग ऐसा योग है, जो आगर किसी का बन जाए तो रातों रात उसकी किस्मत बदल सकती है. ऐसे जातक कई बार शुरुआती जीवन में दरिद्रता के साथ जीते हैं, लेकिन आगे चलकर ऐसे जातक धन और यश से भर जाते हैं. जिस तरह से कन्या लग्न के जातक की कुंडली में द्वितीय भाव धनेश शुक्र होकर जो कि भाग्य भी है, अर्थात भाग्य भाव का स्वामी भी है वह ग्रह आय स्थान में यानी कर्क राशि में विराजित हो जाता है. तो भी भाग्यलक्ष्मी योग का निर्माण होता है.
यहां मिलते हैं अच्छे संयोग: ज्योतिष और वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "ऐसे जातकों के जीवन में शुक्र की महादशा शुक्र की अंतर्दशा शुक्र की प्रत्यंतर दशा और शुक्रवार का विशेष महत्व रहता है. शुक्र के नक्षत्र शुक्र के अच्छे योग संयोग मिलते हैं. शुक्र के नक्षत्र आदि में ऐसे जातकों को लाभ मिलता है और परिश्रम पुरुषार्थ और कर्म करते हुए ऐसे जातक बहुत धन कमाते हैं. ऐसे जातकों के जीवन में अनेक तरह की आय होती है. आय के अनेक स्रोत होते हैं और इन स्रोतों से व्यक्ति उज्जवल जीवन जीता है. साथ ही लक्ष्मीनारायण राज योग की धनी जातक अनेक लोगों को रोजगार देते हैं."
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ज्योतिष और वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "लक्ष्मीनारायण राज योग के जातक अनेक लोगों को अपने कार्य क्षेत्र में वेतन देते हैं. अनेक स्रोतों से उपार्जित आय से देश राज्य और अर्थव्यवस्था का विकास करते हैं. धनलक्ष्मी योग एक महत्वपूर्ण योग होता है. इस जातक के जीवन में आर्थिक कुशलता का पता चलता है. आय स्थान में उच्च के ग्रह स्वग्रही होकर दूसरे भाव में उच्च के योग आदि सभी होने पर शुभ योगों का निर्माण होता है."
zodiac prediction: लक्ष्मीनारायण राज योग से कौन सी राशि की चमकने वाली है किस्मत, आइए जानते हैं
लक्ष्मीनारायण राज योग भाग्यलक्ष्मी योग या धनलक्ष्मी योग को एक महत्वपूर्ण योग माना जाता है. इस योग के माध्यम से व्यक्ति को राज योग मिल सकता है. ऐसे जातक के जीवन में सुख समृद्धि ऐश्वर्य और प्रतिष्ठा का बाहुल्य होता है. तो जानिए किन जातकों को इस योग से लाभ होने वाला है.
रायपुर: लक्ष्मीनारायण राज योग ऐसा योग है, जो आगर किसी का बन जाए तो रातों रात उसकी किस्मत बदल सकती है. ऐसे जातक कई बार शुरुआती जीवन में दरिद्रता के साथ जीते हैं, लेकिन आगे चलकर ऐसे जातक धन और यश से भर जाते हैं. जिस तरह से कन्या लग्न के जातक की कुंडली में द्वितीय भाव धनेश शुक्र होकर जो कि भाग्य भी है, अर्थात भाग्य भाव का स्वामी भी है वह ग्रह आय स्थान में यानी कर्क राशि में विराजित हो जाता है. तो भी भाग्यलक्ष्मी योग का निर्माण होता है.
यहां मिलते हैं अच्छे संयोग: ज्योतिष और वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "ऐसे जातकों के जीवन में शुक्र की महादशा शुक्र की अंतर्दशा शुक्र की प्रत्यंतर दशा और शुक्रवार का विशेष महत्व रहता है. शुक्र के नक्षत्र शुक्र के अच्छे योग संयोग मिलते हैं. शुक्र के नक्षत्र आदि में ऐसे जातकों को लाभ मिलता है और परिश्रम पुरुषार्थ और कर्म करते हुए ऐसे जातक बहुत धन कमाते हैं. ऐसे जातकों के जीवन में अनेक तरह की आय होती है. आय के अनेक स्रोत होते हैं और इन स्रोतों से व्यक्ति उज्जवल जीवन जीता है. साथ ही लक्ष्मीनारायण राज योग की धनी जातक अनेक लोगों को रोजगार देते हैं."
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ज्योतिष और वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "लक्ष्मीनारायण राज योग के जातक अनेक लोगों को अपने कार्य क्षेत्र में वेतन देते हैं. अनेक स्रोतों से उपार्जित आय से देश राज्य और अर्थव्यवस्था का विकास करते हैं. धनलक्ष्मी योग एक महत्वपूर्ण योग होता है. इस जातक के जीवन में आर्थिक कुशलता का पता चलता है. आय स्थान में उच्च के ग्रह स्वग्रही होकर दूसरे भाव में उच्च के योग आदि सभी होने पर शुभ योगों का निर्माण होता है."