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अधिक समय तक मास्क का इस्तेमाल शरीर में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा को नहीं बढ़ाता, डॉक्टर ज्योति दास का खुलासा

longer use of masks: कोरोनाकाल में मास्क का अधिक इस्तेमाल कितना कारगर है इसे जानने के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

More use of masks in Corona period
मास्क के फायदे
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Published : Jan 31, 2022, 5:24 PM IST

रायपुर: कोरोना संक्रमण ने मास्क को हमारे दैनिक उपयोग की खास वस्तु बना कर रख दिया है. बिना मास्क के हम कोई काम नहीं कर सकते. क्या वाकई ज्यादा देर तक मास्क लगाने से शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है? इस सवाल के जवाब के लिए ईटीवी भारत ने मेकाहारा की डॉक्टर देवी ज्योति दास से बातचीत की. इस विषय में उनका क्या कहना है आइए जानते हैं...

मास्क के फायदे

डॉक्टर देवी ज्योति दास कहती हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जो लोग लंबे समय तक मास्क पहनकर काम करते हैं. उन्हें शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ गई है ऐसी कोई समस्या देखने को नहीं मिलती. बल्कि मास्क लगाने से कोरोना से बचाव के साथ दूसरी बीमारी या इंफेक्शन से भी हमारे शरीर का बचाव होता है.

मास्क कोरोना के साथ-साथ दूसरी बीमारी से भी बचाता है

रायपुर के मेकाहारा रेस्पिरेट्री मेडिसिन डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. देवी ज्योति दास का कहना है कि ज्यादा देर तक मास्क लगाने से शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा नहीं बढ़ती. हॉस्पिटल में उनका स्टाफ और डॉक्टर सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे तक फुल एयर टाइट मास्क पहनकर ही काम करते हैं.उन्हें कभी इस तरह की समस्या देखने को नहीं मिली है.

उन्होंने बताया कि मास्क पहनने से केवल कोरोना से बचा जा सकता है.ऐसा नहीं है दूसरे तरह की बीमारी और इंफेक्शन से भी हमारा शरीर बचा रहता है. मास्क जिसमें बाहर की हवा अंदर नहीं जा पाती, लेकिन अंदर की हवा जरूर बाहर निकलती है. जिसका फायदा ही होता है.

मास्क के कारण अस्थमा मरीजों की संख्या में आई कमी

उन्होंने कहा कि हेवी वर्क करते समय या फिर एक्सरसाइज के दौरान व्यक्ति को थोड़े ढीले मास्क का उपयोग करना चाहिए क्योंकि उस समय सांस लेने की दर बढ़ जाती है. ऐसे समय में ढीले और आरामदायक मास्क का उपयोग किया जा सकता है. उनका कहना है कि पहले हॉस्पिटल की ओपीडी में अस्थमा और सांस संबंधी बीमारी के मरीज साल में तीन से चार बार आते थे. लेकिन पिछले 2 सालों से कोरोना के चलते मास्क पहनने के बाद मरीज साल में केवल एक बार ही ओपीडी में आ रहे हैं.

कौन सा मास्क ज्यादा सुरक्षित

डॉक्टर देवी ज्योति दास कहती हैं कि, जो भी मास्क आप पहनेंगे वह वायरस से आपकी सुरक्षा जरूर करेगा. लेकिन कोई कम सुरक्षा देगा तो कोई ज्यादा. देश में ओमीक्रोन का संक्रमण बढ़ रहा है. डॉक्टर की मानें तो कपड़े का मास्क ओमिक्रोन वैरीअंट को रोकने में ज्यादा कारगर नहीं है. ऐसे में लोगों को N-95 मास्क का उपयोग करना चाहिए. इस मास्क को सबसे अच्छा माना जा रहा है. यह वायरस से 95 फीसद और बैक्टीरिया से लगभग 100 फीसद रक्षा करता है.

N- 95 मास्क पॉलीप्रोफाइलीन फाइबर से बने होते हैं, जो हवा से कोरोना संक्रमण को आपके शरीर के अंदर जाने से रोकता है. N- 95 मास्क छोटे और बड़े एयरोसोल को फिल्टर करता है. दूसरी तरफ कपड़े वाले मास्क सिर्फ एयरोसोल को फिल्टर करता है. इसलिए कपड़े से ज्यादा N- 95 मास्क को अधिक उपयोगी माना जा रहा है.

यह भी पढ़ें: Protest of Government Employees in Korba: यूपी में लुभावने वादों से नाराज कोरबा के सरकारी कर्मचारियों का विरोध

किस तरह के मास्क पहनें और कैसे पहनें?

  • सिंगल लेयर के मास्क नहीं खरीदने चाहिए, क्योंकि यह कोरोना से बचाव में ज्यादा कारगर नहीं है.
  • अगर कोई मास्क आपको पहनने में ढीला लगे तो इसे ना पहने क्योंकि इसके जरिए वायरस आपकी नाक में जा सकता है.
  • ज्यादा टाइट मास्क पहनने से बचें, इसे पहनने के बाद आप बार-बार अपने मास्क को ढीला करने की कोशिश करेंगे और इससे भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा.

रायपुर: कोरोना संक्रमण ने मास्क को हमारे दैनिक उपयोग की खास वस्तु बना कर रख दिया है. बिना मास्क के हम कोई काम नहीं कर सकते. क्या वाकई ज्यादा देर तक मास्क लगाने से शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है? इस सवाल के जवाब के लिए ईटीवी भारत ने मेकाहारा की डॉक्टर देवी ज्योति दास से बातचीत की. इस विषय में उनका क्या कहना है आइए जानते हैं...

मास्क के फायदे

डॉक्टर देवी ज्योति दास कहती हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जो लोग लंबे समय तक मास्क पहनकर काम करते हैं. उन्हें शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ गई है ऐसी कोई समस्या देखने को नहीं मिलती. बल्कि मास्क लगाने से कोरोना से बचाव के साथ दूसरी बीमारी या इंफेक्शन से भी हमारे शरीर का बचाव होता है.

मास्क कोरोना के साथ-साथ दूसरी बीमारी से भी बचाता है

रायपुर के मेकाहारा रेस्पिरेट्री मेडिसिन डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. देवी ज्योति दास का कहना है कि ज्यादा देर तक मास्क लगाने से शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा नहीं बढ़ती. हॉस्पिटल में उनका स्टाफ और डॉक्टर सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे तक फुल एयर टाइट मास्क पहनकर ही काम करते हैं.उन्हें कभी इस तरह की समस्या देखने को नहीं मिली है.

उन्होंने बताया कि मास्क पहनने से केवल कोरोना से बचा जा सकता है.ऐसा नहीं है दूसरे तरह की बीमारी और इंफेक्शन से भी हमारा शरीर बचा रहता है. मास्क जिसमें बाहर की हवा अंदर नहीं जा पाती, लेकिन अंदर की हवा जरूर बाहर निकलती है. जिसका फायदा ही होता है.

मास्क के कारण अस्थमा मरीजों की संख्या में आई कमी

उन्होंने कहा कि हेवी वर्क करते समय या फिर एक्सरसाइज के दौरान व्यक्ति को थोड़े ढीले मास्क का उपयोग करना चाहिए क्योंकि उस समय सांस लेने की दर बढ़ जाती है. ऐसे समय में ढीले और आरामदायक मास्क का उपयोग किया जा सकता है. उनका कहना है कि पहले हॉस्पिटल की ओपीडी में अस्थमा और सांस संबंधी बीमारी के मरीज साल में तीन से चार बार आते थे. लेकिन पिछले 2 सालों से कोरोना के चलते मास्क पहनने के बाद मरीज साल में केवल एक बार ही ओपीडी में आ रहे हैं.

कौन सा मास्क ज्यादा सुरक्षित

डॉक्टर देवी ज्योति दास कहती हैं कि, जो भी मास्क आप पहनेंगे वह वायरस से आपकी सुरक्षा जरूर करेगा. लेकिन कोई कम सुरक्षा देगा तो कोई ज्यादा. देश में ओमीक्रोन का संक्रमण बढ़ रहा है. डॉक्टर की मानें तो कपड़े का मास्क ओमिक्रोन वैरीअंट को रोकने में ज्यादा कारगर नहीं है. ऐसे में लोगों को N-95 मास्क का उपयोग करना चाहिए. इस मास्क को सबसे अच्छा माना जा रहा है. यह वायरस से 95 फीसद और बैक्टीरिया से लगभग 100 फीसद रक्षा करता है.

N- 95 मास्क पॉलीप्रोफाइलीन फाइबर से बने होते हैं, जो हवा से कोरोना संक्रमण को आपके शरीर के अंदर जाने से रोकता है. N- 95 मास्क छोटे और बड़े एयरोसोल को फिल्टर करता है. दूसरी तरफ कपड़े वाले मास्क सिर्फ एयरोसोल को फिल्टर करता है. इसलिए कपड़े से ज्यादा N- 95 मास्क को अधिक उपयोगी माना जा रहा है.

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किस तरह के मास्क पहनें और कैसे पहनें?

  • सिंगल लेयर के मास्क नहीं खरीदने चाहिए, क्योंकि यह कोरोना से बचाव में ज्यादा कारगर नहीं है.
  • अगर कोई मास्क आपको पहनने में ढीला लगे तो इसे ना पहने क्योंकि इसके जरिए वायरस आपकी नाक में जा सकता है.
  • ज्यादा टाइट मास्क पहनने से बचें, इसे पहनने के बाद आप बार-बार अपने मास्क को ढीला करने की कोशिश करेंगे और इससे भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा.
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