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रायपुर में लॉकडाउन से फलों का व्यापार होगा प्रभावित

रायपुर में आज शाम अर्थात 9 अप्रैल की शाम 6 बजे से 19 अप्रैल तक पूरे जिले को लॉकडाउन किया गया है. ETV भारत ने फल बाजार का जायजा लिया है. रायपुर में लॉकडाउन से फलों का व्यापार प्रभावित होगा.

Lockdown will affect fruit trade
लॉकडाउन से फलों का व्यापार होगा प्रभावित
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Published : Apr 9, 2021, 10:16 PM IST

रायपुर: रायपुर सहित प्रदेश के दूसरे जिलों में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए टोटल लॉकडाउन कर दिया गया है. रायपुर में आज शाम अर्थात 9 अप्रैल की शाम 6 बजे से 19 अप्रैल तक पूरे जिले को लॉकडाउन किया गया है. इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य दुकानें पूरी तरह से बंद रहेंगी. लॉकडाउन से ठीक पहले प्रदेश भर के तमाम होलसेल बाजारों में जमकर भीड़ देखने को मिली है. ETV भारत ने फल बाजार का जायजा लिया है.

लॉकडाउन से फलों का व्यापार होगा प्रभावित

लंबे रुट से आ रही फलों को लेकर परेशानी ज्यादा

राजधानी की बात की जाए तो प्रदेश का सबसे बड़ा फल मार्केट लालपुर में ही है. छत्तीसगढ़ में फल व्यापार पूरी तरह से दूसरे राज्यों पर ही निर्भर है. फल बाजार की 80% से ज्यादा आवक दूसरे राज्य से होती है. ऐसे में फल मार्केट में लॉकडाउन का असर काफी देखने को मिल रहा है. मौके पर पहुंचने पर फल व्यापारियों ने अपनी तकलीफों को बयां किया है.

कोरोना से मौत, वैक्सीनेशन को लेकर आमने-सामने हर्षवर्धन और सिंहदेव

लॉकडाउन लगने से कच्चे माल पर असर दिखेगा. ऐसे में फल देश के तमाम राज्यों से होकर छत्तीसगढ़ आता है. सेव और अंगूर जैसे फल महाराष्ट्र, हिमाचल और कश्मीर से आते हैं. इतने लंबे रूट से गाड़ी आने में 3 से 4 दिन का समय लग जाता है. लॉकडाउन लगने से पहले व्यापारियों को केवल 2 दिन का ही समय मिला. ऐसे में जो गाड़ी निकल गई है. उनके आने को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई. कोरोना के कारण बिगड़ते हालात को देखते हुए कई गाड़ी माल वापस भेजा गया है.

रायपुर में टोटल लॉकडाउन की घोषणा के साथ मार्केट में बढ़े फल के दाम

व्यापारियों ने मांगा है समय

बाजार में स्टाक फलों को भी 10 दिन तक संभालना मुश्किल था. ऐसे में आनन-फानन में कम दामों पर भी फलों को बेचना पड़ा है. क्योंकि फलों के डिमांड अस्पतालों, सैनिक कैंटीन, वृद्धआश्रम और बाल आश्रम में भी होती है. ऐसे में फल व्यापारियों ने कुछ समय की छूट की मांग भी की है. उनका कहना है कि फल भी मेडिसिनल का काम करता है इस लिहाज से भले ही कुछ समय के लिए लेकिन फलों के व्यापारियों को राहत दी जानी चाहिए.

छत्तीसगढ़ के लॉकडाउन का अन्य राज्यों में असर

व्यापारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बाजार से दूसरे राज्यों में भी फलों की सप्लाई होती है. यहां बाजार बंद होने से दूसरे राज्यों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा. ओडिशा और आंध्र में भी फल जाता है. ऐसे में बाजार बंद होने से उन क्षेत्रों में भी फलों की सप्लाई बाधित होगी. वहीं आम लोगों ने भी आग्रह किया है जो कि नवरात्रि और रमजान के त्योहार में फल की जरूरत सभी को होगी.

रायपुर: रायपुर सहित प्रदेश के दूसरे जिलों में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए टोटल लॉकडाउन कर दिया गया है. रायपुर में आज शाम अर्थात 9 अप्रैल की शाम 6 बजे से 19 अप्रैल तक पूरे जिले को लॉकडाउन किया गया है. इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य दुकानें पूरी तरह से बंद रहेंगी. लॉकडाउन से ठीक पहले प्रदेश भर के तमाम होलसेल बाजारों में जमकर भीड़ देखने को मिली है. ETV भारत ने फल बाजार का जायजा लिया है.

लॉकडाउन से फलों का व्यापार होगा प्रभावित

लंबे रुट से आ रही फलों को लेकर परेशानी ज्यादा

राजधानी की बात की जाए तो प्रदेश का सबसे बड़ा फल मार्केट लालपुर में ही है. छत्तीसगढ़ में फल व्यापार पूरी तरह से दूसरे राज्यों पर ही निर्भर है. फल बाजार की 80% से ज्यादा आवक दूसरे राज्य से होती है. ऐसे में फल मार्केट में लॉकडाउन का असर काफी देखने को मिल रहा है. मौके पर पहुंचने पर फल व्यापारियों ने अपनी तकलीफों को बयां किया है.

कोरोना से मौत, वैक्सीनेशन को लेकर आमने-सामने हर्षवर्धन और सिंहदेव

लॉकडाउन लगने से कच्चे माल पर असर दिखेगा. ऐसे में फल देश के तमाम राज्यों से होकर छत्तीसगढ़ आता है. सेव और अंगूर जैसे फल महाराष्ट्र, हिमाचल और कश्मीर से आते हैं. इतने लंबे रूट से गाड़ी आने में 3 से 4 दिन का समय लग जाता है. लॉकडाउन लगने से पहले व्यापारियों को केवल 2 दिन का ही समय मिला. ऐसे में जो गाड़ी निकल गई है. उनके आने को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई. कोरोना के कारण बिगड़ते हालात को देखते हुए कई गाड़ी माल वापस भेजा गया है.

रायपुर में टोटल लॉकडाउन की घोषणा के साथ मार्केट में बढ़े फल के दाम

व्यापारियों ने मांगा है समय

बाजार में स्टाक फलों को भी 10 दिन तक संभालना मुश्किल था. ऐसे में आनन-फानन में कम दामों पर भी फलों को बेचना पड़ा है. क्योंकि फलों के डिमांड अस्पतालों, सैनिक कैंटीन, वृद्धआश्रम और बाल आश्रम में भी होती है. ऐसे में फल व्यापारियों ने कुछ समय की छूट की मांग भी की है. उनका कहना है कि फल भी मेडिसिनल का काम करता है इस लिहाज से भले ही कुछ समय के लिए लेकिन फलों के व्यापारियों को राहत दी जानी चाहिए.

छत्तीसगढ़ के लॉकडाउन का अन्य राज्यों में असर

व्यापारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बाजार से दूसरे राज्यों में भी फलों की सप्लाई होती है. यहां बाजार बंद होने से दूसरे राज्यों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा. ओडिशा और आंध्र में भी फल जाता है. ऐसे में बाजार बंद होने से उन क्षेत्रों में भी फलों की सप्लाई बाधित होगी. वहीं आम लोगों ने भी आग्रह किया है जो कि नवरात्रि और रमजान के त्योहार में फल की जरूरत सभी को होगी.

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