महासमुंद: कोरोना संक्रमण की वजह से देश में लगभग सभी गतिविधियां ठप पड़ी हुई है. संक्रमण की वजह से टैक्सी सेवा पर भी ब्रेक लग गया है. टैक्सी सेवा पहले की तरह नहीं रही. न तो यात्री मिल रहे और न ही पहले जैसी कमाई हो रही है. ट्रैवल एजेंसियों पर तो जैसे ग्रहण ही लग गया है. ऐसे में टैक्सी चालकों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है.
लॉकडाउन से राहत देते हुए सरकार ने कुछ छूट तो दी है, लेकिन अनलॉक के बाद भी टैक्सी चालकों को राहत नहीं मिली है. इन्हें अब भी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ट्रैवल एजेंसियों के सामने गाड़ी के फाइनेंस की ईएमआई चुकाने की भी समस्या है.
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हालांकि, टैक्सी चालकों को कुछ बुकिंग मिलने लगी है, लेकिन अनलॉक के नियम कानून के चलते यह बुकिंग भी या तो चालक कैंसिल करते हैं या तो कस्टमर कर देता है. जैसे गाड़ी बुकिंग में व्यक्ति सिर्फ दो ही होते हैं. साथ ही किसी भी ट्रीप के लिए ई-पास की जरूरत होती है. यही नहीं वापस आने के बाद ड्राइवरों को क्वॉरेंटाइन भी होना पड़ता है.
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टैक्सी चालकों का कहना है कि बुकिंग में गाड़ियां चली जाएं तो रास्ते में पुलिस वाले ड्राइवरों को परेशान करते हैं. साथ ही अलग से पैसे की मांग करते हैं. जिसके चलते ट्रैवल एजेंसी के मालिकों को गाड़ी भेजने की इच्छा नहीं होती. गाड़ी मालिकों का कहना है कि सरकार को हमारे तरफ भी ध्यान देना चाहिए. कोरोना के कहर ने किसी भी सेक्टर को नहीं छोड़ा है. सभी के सामने आर्थिक समस्या है. ऐसे में अब व्यापारी वर्ग इसी इंतजार में हैं कि कब सब कुछ पहले जैसा हो और इनके बिजनेस की गाड़ी पटरी पर दौड़ने लगे.