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SPECIAL: अनलॉक की जटिल प्रक्रिया से ट्रैवल एजेंसी का धंधा मंदा, कोरोना संकट ने कमाई पर लगाया ब्रेक

कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन ने सभी सेक्टर्स को प्रभावित किया है. इससे ट्रैवल एजेंसियां भी अछूती नहीं है. राजधानी के टैक्सी चालकों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

Effect of lockdown on travel agencies
ट्रैवल ऐजेंसियों पर पड़ा ताला
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Published : Jul 19, 2020, 6:07 PM IST

महासमुंद: कोरोना संक्रमण की वजह से देश में लगभग सभी गतिविधियां ठप पड़ी हुई है. संक्रमण की वजह से टैक्सी सेवा पर भी ब्रेक लग गया है. टैक्सी सेवा पहले की तरह नहीं रही. न तो यात्री मिल रहे और न ही पहले जैसी कमाई हो रही है. ट्रैवल एजेंसियों पर तो जैसे ग्रहण ही लग गया है. ऐसे में टैक्सी चालकों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है.

टैक्सी चालकों का धंधा मंदा

लॉकडाउन से राहत देते हुए सरकार ने कुछ छूट तो दी है, लेकिन अनलॉक के बाद भी टैक्सी चालकों को राहत नहीं मिली है. इन्हें अब भी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ट्रैवल एजेंसियों के सामने गाड़ी के फाइनेंस की ईएमआई चुकाने की भी समस्या है.

SPECIAL: ऑटो चालकों पर पड़ी कोरोना की मार, कमाई पर लगा ग्रहण !

हालांकि, टैक्सी चालकों को कुछ बुकिंग मिलने लगी है, लेकिन अनलॉक के नियम कानून के चलते यह बुकिंग भी या तो चालक कैंसिल करते हैं या तो कस्टमर कर देता है. जैसे गाड़ी बुकिंग में व्यक्ति सिर्फ दो ही होते हैं. साथ ही किसी भी ट्रीप के लिए ई-पास की जरूरत होती है. यही नहीं वापस आने के बाद ड्राइवरों को क्वॉरेंटाइन भी होना पड़ता है.

SPECIAL : कोरोना संक्रमण के डर से नहीं मिल रहे यात्री, खाली जा रही बसें

टैक्सी चालकों का कहना है कि बुकिंग में गाड़ियां चली जाएं तो रास्ते में पुलिस वाले ड्राइवरों को परेशान करते हैं. साथ ही अलग से पैसे की मांग करते हैं. जिसके चलते ट्रैवल एजेंसी के मालिकों को गाड़ी भेजने की इच्छा नहीं होती. गाड़ी मालिकों का कहना है कि सरकार को हमारे तरफ भी ध्यान देना चाहिए. कोरोना के कहर ने किसी भी सेक्टर को नहीं छोड़ा है. सभी के सामने आर्थिक समस्या है. ऐसे में अब व्यापारी वर्ग इसी इंतजार में हैं कि कब सब कुछ पहले जैसा हो और इनके बिजनेस की गाड़ी पटरी पर दौड़ने लगे.

महासमुंद: कोरोना संक्रमण की वजह से देश में लगभग सभी गतिविधियां ठप पड़ी हुई है. संक्रमण की वजह से टैक्सी सेवा पर भी ब्रेक लग गया है. टैक्सी सेवा पहले की तरह नहीं रही. न तो यात्री मिल रहे और न ही पहले जैसी कमाई हो रही है. ट्रैवल एजेंसियों पर तो जैसे ग्रहण ही लग गया है. ऐसे में टैक्सी चालकों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है.

टैक्सी चालकों का धंधा मंदा

लॉकडाउन से राहत देते हुए सरकार ने कुछ छूट तो दी है, लेकिन अनलॉक के बाद भी टैक्सी चालकों को राहत नहीं मिली है. इन्हें अब भी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ट्रैवल एजेंसियों के सामने गाड़ी के फाइनेंस की ईएमआई चुकाने की भी समस्या है.

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हालांकि, टैक्सी चालकों को कुछ बुकिंग मिलने लगी है, लेकिन अनलॉक के नियम कानून के चलते यह बुकिंग भी या तो चालक कैंसिल करते हैं या तो कस्टमर कर देता है. जैसे गाड़ी बुकिंग में व्यक्ति सिर्फ दो ही होते हैं. साथ ही किसी भी ट्रीप के लिए ई-पास की जरूरत होती है. यही नहीं वापस आने के बाद ड्राइवरों को क्वॉरेंटाइन भी होना पड़ता है.

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टैक्सी चालकों का कहना है कि बुकिंग में गाड़ियां चली जाएं तो रास्ते में पुलिस वाले ड्राइवरों को परेशान करते हैं. साथ ही अलग से पैसे की मांग करते हैं. जिसके चलते ट्रैवल एजेंसी के मालिकों को गाड़ी भेजने की इच्छा नहीं होती. गाड़ी मालिकों का कहना है कि सरकार को हमारे तरफ भी ध्यान देना चाहिए. कोरोना के कहर ने किसी भी सेक्टर को नहीं छोड़ा है. सभी के सामने आर्थिक समस्या है. ऐसे में अब व्यापारी वर्ग इसी इंतजार में हैं कि कब सब कुछ पहले जैसा हो और इनके बिजनेस की गाड़ी पटरी पर दौड़ने लगे.

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