ETV Bharat / state

अजय चंद्राकर के सवाल पर मंत्री लखमा ने कसा तंज, 'मैं तो पढ़ता नहीं हूं, आप पूरा पढ़ लेना और मुझे भी बताना'

author img

By

Published : Aug 27, 2020, 4:26 PM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन शराब खरीदी-बिक्री और ब्रांड को लेकर विपक्ष ने कई सवाल दागे. आबकारी मंत्री कवासी लखमा आधे जवाब ही दे पाए, जिससे विपक्ष संतुष्ट नहीं दिखा. इस बीच सदन में कई बार मंत्री लखमा के जवाबों पर ठहाके भी लगे.

chhattisgarh assembly monsoon session 2020
आबकारी मंत्री कवासी लखमा

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन शराब का मुद्दा गरमाया रहा. प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर सवालों की बौछार कर दी. कई सवालों पर कवासी लखमा घिरते हुए नजर आए. खासतौर पर 6 महीने बाद कितनी शराब नष्ट की गई है, इस सवाल पर लखमा ने कहा कि इस संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है. सदन में तीसरे दिन मंत्री कवासी लखमा के जवाबों से ठहाके लगते रहे.

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में शराब का मुद्दा (भाग-1)

विधायक संतराम नेताम ने बस्तर में सप्लाई होने वाली सरकारी शराब पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्षेत्र के लोगों की शिकायत है कि जो ब्रांड वे चाहते हैं, वह उन्हें नहीं मिल पाती. इसके लिए मांग कब तक पूरी होगी? इस पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने हंसते हुए कहा कि विधायक से सुझाव मांगा जाएगा और बस्तर के लोगों की जो डिमांड होगी, वो पूरी की जाएगी.

इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि शराब के इस गंभीर मुद्दे को हंसी-ठिठोली में ही निकाल दिया जा रहा है.

शराब खरीदी-बिक्री का क्या है लेखा-जोखा ?

अजय चंद्राकर ने यह सवाल भी किया कि पूरे प्रदेश में अंग्रेजी शराब दुकानों में किस महीने कितनी बिक्री हुई और विक्रय से मिली राशि विभाग के खातों में जिलेवार कब जमा की गई. चंद्राकर ने कहा कि मंत्रीजी की तरफ से उत्तर दिया गया है, जिसमें लिखा है कि विक्रय की राशि विभाग के खाते में जमा नहीं की जाती है. चंद्राकर ने यह भी कहा कि अगर शराब बिक्री की राशि विभाग के खाते में जमा नहीं की जाती तो कहां जमा की जाती है. जितनी शराब बिकी, उतनी राशि जमा की जाती है या नहीं.

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में शराब का मुद्दा (भाग-2)

मंत्री कवासी लखमा ने जवाब दिया कि शराब बिक्री से आने वाली राशि मार्केटिंग कॉर्पोरेशन में जमा होती है. इस पैसे को राज्य सरकार कोषालय में एडवांस में जमा करती है. शराब की खरीदी-बिक्री का काम मार्केटिंग सोसायटी का है. विभाग खरीदी-बिक्री नहीं करता.

पढ़ें- छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र: मजदूर एक बार फिर राज्य से पलायन करने को मजबूर, क्या है सरकार की तैयारी ?

अजय चंद्राकर ने तेज आवाज में कहा कि वे शराब की खरीदी-बिक्री से होने वाले इनकम की बात कर रहे हैं. अगर शराब खरीदी गई तो कितनी बिकी और कितनी नहीं बिकी. नहीं बिकने वाली शराब का भी भुगतान कर दिया गया है. जिससे राज्य सरकार को घाटा हो रहा है. उसकी भरपाई कौन करेगा?

मंत्री लखमा ने जवाब दिया कि दस्तावेजों में सभी जानकारी दे दी गई है कि कितनी शराब खरीदी और बेची जाती है. 'मैं तो पढ़ता नहीं हूं, आप पूरा पढ़ लेना और मुझे भी बताना.'

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन शराब का मुद्दा गरमाया रहा. प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर सवालों की बौछार कर दी. कई सवालों पर कवासी लखमा घिरते हुए नजर आए. खासतौर पर 6 महीने बाद कितनी शराब नष्ट की गई है, इस सवाल पर लखमा ने कहा कि इस संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है. सदन में तीसरे दिन मंत्री कवासी लखमा के जवाबों से ठहाके लगते रहे.

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में शराब का मुद्दा (भाग-1)

विधायक संतराम नेताम ने बस्तर में सप्लाई होने वाली सरकारी शराब पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्षेत्र के लोगों की शिकायत है कि जो ब्रांड वे चाहते हैं, वह उन्हें नहीं मिल पाती. इसके लिए मांग कब तक पूरी होगी? इस पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने हंसते हुए कहा कि विधायक से सुझाव मांगा जाएगा और बस्तर के लोगों की जो डिमांड होगी, वो पूरी की जाएगी.

इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि शराब के इस गंभीर मुद्दे को हंसी-ठिठोली में ही निकाल दिया जा रहा है.

शराब खरीदी-बिक्री का क्या है लेखा-जोखा ?

अजय चंद्राकर ने यह सवाल भी किया कि पूरे प्रदेश में अंग्रेजी शराब दुकानों में किस महीने कितनी बिक्री हुई और विक्रय से मिली राशि विभाग के खातों में जिलेवार कब जमा की गई. चंद्राकर ने कहा कि मंत्रीजी की तरफ से उत्तर दिया गया है, जिसमें लिखा है कि विक्रय की राशि विभाग के खाते में जमा नहीं की जाती है. चंद्राकर ने यह भी कहा कि अगर शराब बिक्री की राशि विभाग के खाते में जमा नहीं की जाती तो कहां जमा की जाती है. जितनी शराब बिकी, उतनी राशि जमा की जाती है या नहीं.

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में शराब का मुद्दा (भाग-2)

मंत्री कवासी लखमा ने जवाब दिया कि शराब बिक्री से आने वाली राशि मार्केटिंग कॉर्पोरेशन में जमा होती है. इस पैसे को राज्य सरकार कोषालय में एडवांस में जमा करती है. शराब की खरीदी-बिक्री का काम मार्केटिंग सोसायटी का है. विभाग खरीदी-बिक्री नहीं करता.

पढ़ें- छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र: मजदूर एक बार फिर राज्य से पलायन करने को मजबूर, क्या है सरकार की तैयारी ?

अजय चंद्राकर ने तेज आवाज में कहा कि वे शराब की खरीदी-बिक्री से होने वाले इनकम की बात कर रहे हैं. अगर शराब खरीदी गई तो कितनी बिकी और कितनी नहीं बिकी. नहीं बिकने वाली शराब का भी भुगतान कर दिया गया है. जिससे राज्य सरकार को घाटा हो रहा है. उसकी भरपाई कौन करेगा?

मंत्री लखमा ने जवाब दिया कि दस्तावेजों में सभी जानकारी दे दी गई है कि कितनी शराब खरीदी और बेची जाती है. 'मैं तो पढ़ता नहीं हूं, आप पूरा पढ़ लेना और मुझे भी बताना.'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.