कांकेर: डीएफओ आलोक बाजपेयी ने बताया कि "सरोना वन परिक्षेत्र के कुंए में तेंदुए के गिरने की सूचना वन विभाग को मिली. वन विभाग का अमला तत्काल वहां पहुंचा. एक लकड़ी का प्लेटफॉर्म सबसे पहले वहां डाला गया. जिस पर तेंदुआ चढ़ कर रेस्ट कर रहा था. आखिरकार तेंदुआ खुद लकड़ी के पट्टे के सहारे बाहर निकल गया. इस तरह 16 घंटे बाद तेंदुए का रेसक्यू ऑपरेशन सफल रहा."
सुरक्षा के लिहाज से गांवों में कराई गई मुनादी: डीएफओ आलोक बाजपेयी ने बताया कि "आस-पास के गांव में मुनादी करा दी गई है. महुआ का सीजन है, ग्रामीण महुआ बीनने जाते हैं. सुरक्षा के लिहाज से आसपास के गांव में लोगों को हिदायत दी गई है कि वह गांव से रात को बाहर न निकलें. क्योंकि यहां जंगली जानवर घूमते रहते हैं."
रेंजर धनलाल साहू ने बताया कि "तेंदुए की उम्र लगभग चार वर्ष है. तेंदुआ रात में पालतू कुत्तों का शिकार करने आया होगा और 25 फीट गहरे कुएं में जा गिरा. कुएं में 6 फीट पानी है, रात से फंसे होने के चलते तेंदुआ थक गया था. तेंदुए को भोजन दिया गया है. जिसके बाद वह हलचल कर रहा था. फिर वह निकल गया.
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गर्मी में पानी की तलाश में भटक रहे वन्यजीव: गर्मी का मौसम आते ही भोजन पानी की तलाश में वन्य प्राणी गांव के पास पहुंच जाते हैं और वे दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. यहां पहुंचा तेंदुआ भी इसी वजह से हादसे का शिकार हो गया. वह भोजन पानी की तलाश में आया था. रविवार को भी एक तेंदुआ गरियाबंद जिले के जंगल में मृत मिला था.