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दूसरे राज्यों के चरवाहों को गांव में घूसने की मनाही, सीएम को लिखा पत्र - लॉकडाउन प्रभाव

दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ में आकर भेड़-बकरी चराने का काम करने वाले चरवाहों को कोरोना के डर से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण गांव में घूसने नहीं दे रहे हैं, जिसको देखते हुए सेवादल के नेता ने सीएम को पत्र लिखा है. साथ ही चरवाहे और उनके जानवरों के लिए पेयजल, राशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है.

Leader of Rural Seva Dal writes letter to CM in raipur
दूसरे राज्यों के चरवाहों को गांव में घूसने की मनाही, सीएम को लिखा पत्र
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Published : Apr 13, 2020, 3:28 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में 400 से ज्यादा लोग अन्य प्रदेश से आकर रोजी-रोटी कमाते हैं. ऐसे ही दूसरे राज्य के कुछ लोग छत्तीसगढ़ में भेड़-बकरी चराने का काम करते हैं, जिन्हें गांवों के लोग गांव में घूसने नहीं दे रहे है, जिसके कारण उनके सामने रोजी-रोटी और रहने की समस्या उत्पन्न हो गई है.

Leader of Rural Seva Dal writes letter to CM in raipur
भेड़ बकरी चराने वाले चरवाहे

इस पर सेवादल के नेता अरूण ताम्रकर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया है. साथ ही चरवाहे और उनके जानवरों के लिए पेयजल, राशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है.

सेवादल के नेता अरूण ताम्रकर ने पत्र में लिखा है-

छत्तीसगढ़ में 400 से ज्यादा लोग अन्य प्रदेशों से आए हैं, जो भेड़ बकरी चराने का काम करते हैं, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के कारण ग्रामीण उन्हें गांवों में घुसने नहीं दे रहे हैं. अब ऐसे में उनके पास खाने-पीने और राशन का अभाव हो गया है. इसलिए ऐसे लोगों और जानवर के लिए पेयजल, राशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने और सभी कलेक्टर, सीईओ, थाना, सरपंच, पंचायत सचिव को सर्कुलर जारी करने की कृपा करें.

बता दें कि सेवादल के नेता अरूण ताम्रकर ने पत्र में बेमेतरा और दुर्ग जिले में 36-36 लोगों के फंसे होने की जानकारी दी है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में 400 से ज्यादा लोग अन्य प्रदेश से आकर रोजी-रोटी कमाते हैं. ऐसे ही दूसरे राज्य के कुछ लोग छत्तीसगढ़ में भेड़-बकरी चराने का काम करते हैं, जिन्हें गांवों के लोग गांव में घूसने नहीं दे रहे है, जिसके कारण उनके सामने रोजी-रोटी और रहने की समस्या उत्पन्न हो गई है.

Leader of Rural Seva Dal writes letter to CM in raipur
भेड़ बकरी चराने वाले चरवाहे

इस पर सेवादल के नेता अरूण ताम्रकर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया है. साथ ही चरवाहे और उनके जानवरों के लिए पेयजल, राशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है.

सेवादल के नेता अरूण ताम्रकर ने पत्र में लिखा है-

छत्तीसगढ़ में 400 से ज्यादा लोग अन्य प्रदेशों से आए हैं, जो भेड़ बकरी चराने का काम करते हैं, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के कारण ग्रामीण उन्हें गांवों में घुसने नहीं दे रहे हैं. अब ऐसे में उनके पास खाने-पीने और राशन का अभाव हो गया है. इसलिए ऐसे लोगों और जानवर के लिए पेयजल, राशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने और सभी कलेक्टर, सीईओ, थाना, सरपंच, पंचायत सचिव को सर्कुलर जारी करने की कृपा करें.

बता दें कि सेवादल के नेता अरूण ताम्रकर ने पत्र में बेमेतरा और दुर्ग जिले में 36-36 लोगों के फंसे होने की जानकारी दी है.

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