रायपुर : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का आज जन्मदिन है. लालकृष्ण आडवाणी 92 साल के हो गए हैं. ये कहा जा सकता है कि आडवाणी वो नेता हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में अतुलनीय योगदान दिया है. उन्होंने कई बार पार्टी अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी निभाई. राजनीति के 6 दशक में उन्होंने अपना गहरा असर छोड़ा है.
छत्तीसगढ़ से उनका गहरा नाता है. बात लालकृष्ण आडवाणी की हो और जिक्र छत्तीसगढ़ का न हो या फिर बात छत्तीसगढ़ की हो और जिक्र आडवाणी का न हो ऐसा हो नहीं सकता. साल 2000 में छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से अलग होकर देश का 26वां राज्य बना. साल 2000 में जब केंद्र में एनडीए की सरकार थी, उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनेट में वो महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल रहे थे. लालकृष्ण आडवाणी उस समय गृह मंत्री थे और 25 जुलाई साल 2000 में उन्होंने छत्तीसगढ़ निर्माण संबंधी विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत किया था, जिसे 31 जुलाई को पारित किया गया.
संसद में रखा था प्रस्ताव
ऐसा कह सकते हैं कि छत्तीसगढ़ निर्माण का प्रस्ताव संसद में लेकर आने वाले शख्स लालकृष्ण आडवाणी ही हैं. उन्होंने कई बार कहा है कि छत्तीसगढ़ आने पर उन्हें बहुत खुशी मिलती है क्योंकि इस राज्य के निर्माण में उनका अहम रोल रहा है'. अक्सर बातों में उन्होंने छत्तीसगढ़ के विकास की कामना की है.
- लालकृष्ण आडवाणी तीन बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं.
- आडवाणी 4 बार राज्यसभा के और 5 बार लोकसभा के सदस्य रहे.
- 1977 से 1979 तक पहली बार कैबिनेट मंत्री की हैसियत से लालकृष्ण आडवाणी ने दायित्व संभाला. आडवाणी उस दौरान सूचना प्रसारण मंत्री रहे.
- लालकृष्ण आडवाणी ने साल 1999 में एनडीए की सरकार बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनेट में केंद्रीय गृह मंत्री का पद संभाला.
- लालकृष्ण आडवाणी को 29 जून साल 2002 को उपप्रधानमंत्री पद का दायित्व भी सौंपा गया.
आंदोलन ने बढ़ा दिया था आडवाणी का कद
वर्ष 1990 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या के लिए रथयात्रा निकाली. हालांकि उन्हें बीच में ही गिरफ़्तार कर लिया गया था लेकिन इस यात्रा के बाद आडवाणी का राजनीतिक कद बड़ा हो गया. 1990 की रथयात्रा ने लालकृष्ण आडवाणी की लोकप्रियता को चरम पर पहुंचा दिया था.