रायपुर : शहर की सड़कों पर बने डिवाइडर (dividers) को आकर्षक रूप देने के नाम पर सरकारी राशि (government money) का दुरुपयोग किया जा रहा है. डेढ़ सप्ताह पहले जिन सड़कों के डिवाइडर पर रंग-रोगन किया गया था, उसी पर एक बार फिर से रंग-रोगन किया जा रहा है. दोबारा रंग-रोगन किये जाने से रायपुर नगर निगम (Raipur Municipal Corporation) सवालों के घेरे में आ गया है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने जब पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. डिवाइडर को आकर्षक बनाने के लिए कहीं लापरवाही तो कहीं ठेकेदारों की मनमानी सामने आई. कई जगहों पर तो हाल ही में हुई रंगाई पर ही सफेद रंग से पुताई कर दी गई है.
अक्सर लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे रायपुर नगर निगम की एक और लापरवाही सामने आई है. जिसमें निगम ने शहर की सड़कों के डिवाइडर को आकर्षक बनाने के लिए लाखों रुपये फिजूल में खर्च कर रहा है. नगर निगम जिन सड़कों के डिवाइडर पर रंग-रोगन करा रहा है, उसमें छह माह पहले ही रंग-रोगन किया जा चुका है. लेकिन एक बार फिर से उन्हीं सड़कों के डिवाइडर के लिए निगम 20-20 लाख रुपये खर्च कर रहा है.
डेढ़ सप्ताह में ही दोबारा रंग-रोगन
सिद्धार्थ चौक से संतोषी नगर चौक तक की सड़क के डिवाइडर पर किये गये रंग-रोगन की पड़ताल की गई तो कई चौंकाने वाली बात निकलकर सामने आई. स्थानीय निवासी प्रदीप साहू ने बताया कि हफ्ते-दस दिन पहले डिवाइडर पर रंग रोगन का काम किया गया था. एक फिर से उसे ही पुताई कर नया रूप दिया जा रहा है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि ये किस तरह का कार्य किया जा रहा है. पूरी तरह से जनता के पैसों की बर्बादी की जा रही है. यदि करना ही था तो पहले ही अच्छे से काम करना था. वह भी निगम के अधिकारियों के सामने ही ऐसा किया जा रहा है.
ठेकेदार ने टू-डी, थ्री-डी के बजाय नॉर्मल पेंटिंग कर दी
रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि इसकी शिकायत प्राप्त हुई थी. जोन 6 और जोन 10 का मामला है. इसकी तुरंत जांच कराई गई. इसमें हुआ यह था कि 2-डी और थ्री-डी पेंटिंग की जानी थी. लेकिन ठेकेदार ने बदमाशी से या जान-बूझकर नॉर्मल पेंटिंग कर दी थी, जिसे वहां के जोन कमिश्नरों ने ठीक करवाया. साथ ही उसको फिर से वाइट पेंट कराकर वहां 2-डी और थ्री-डी पेंटिंग कराई जा रही है. इसलिए यह कहना गलत है कि एक ही जगह पर दूसरी बार पैसा खर्च किया जा रहा है.
इन सड़कों पर हो रही पेंटिंग
- पचपेड़ी नाका से सिद्धार्थ चौक.
- सिद्धार्थ चौक से संतोषी नगर.
- टैगोर नगर चौक से पुजारी पार्क.
- विधानसभा रोड.
- सभी की लागत 20-20 लाख रुपये.