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10 लाख की आबादी वाले रायपुर में नहीं है सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

रायपुर शहर से रोजाना 165 एमएलडी सीवरेज निकलता है. लेकिन शहर में निकलने वाले इस सीवरेज को बिना ट्रीटमेंट के नदियों में बहाया जा रहा है. जिससे रायपुर की खारून नदी दूषित हो रही है.

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सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को तरसती राजधानी
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Published : Feb 23, 2021, 10:27 PM IST

रायपुर: रायपुर नगर निगम में रोजाना 165 एमएलडी सीवरेज निकलता है. लेकिन रायपुर शहर में निकलने वाले सीवरेज को बड़े-बड़े नालों से होकर बिना ट्रीटमेंट के शहर की जीवनदायिनी खारून नदी में छोड़ा जा रहा है. ऐसे में नगर निगम प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है.

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को तरसती राजधानी

रायपुर नगर निगम ने अब तक सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए संयंत्र नहीं लगाया है. जबकि राजधानी में रोजाना 165 एमएलडी सीवेज निकलता है. रायपुर शहर में कुल 17 बड़े नालों का पानी खारुन नदी में जा रहा है. जिसके चलते शहर की जीवनदायनी खारुन नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है.

स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी

शहर में ओपन ड्रेनेज होने के कारण और खारुन नदी में शहर से निकलने वाले लाखों लीटर सीवरेज छोड़ने पर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जाहिर की है. लोगों का कहना है कि शहर में खुली नालियां हैं और शहर का पूरा गंदा पानी खारून नदी में छोड़ा जाता है. ऐसे में कई बार दूषित जल पीने से भी लोगों के स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ता है. कई बार पीलिया जैसी बीमारियों का प्रकोप भी शहर में देखा गया है. जिसकी वजह कहीं न कहीं सीवरेज का सही ढंग से ट्रीटमेंट नहीं होना भी है.

नालियों की नहीं सुधरी हालत

स्थानीय निवासी देवेंद्र कुमार का कहना है कि कोई भी नया महापौर बनकर आता है, सबसे पहले नालियों को तोड़ता है और बनाता है. लेकिन हम देखें कि जब से रायपुर डेवलपमेंट की ओर बढ़ रहा है, नालियों का सिस्टम वैसा ही बना हुआ है. बारिश में भी पानी भरने से नालियां जाम हो जाती है. लेकिन इसके लिए भी कोई बेहतर व्यवस्था नहीं की गई है. शहर की जीवनदायनी खारुन नदी की स्थिति बद से बदतर होते जा रही है. रायपुर नगर निगम को यह व्यवस्था करनी चाहिए जिससे दूषित जल को ट्रीटमेंट करने के बाद नदी में छोड़ा जाए.

रायपुर: ना मास्क, ना सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां

बरसात तक हो जाएगा काम: निगम आयुक्त

नगर निगम अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि रायपुर शहर से जितना भी सीवरेज निकल रहा है, उसके लिए चार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम जारी है. ये काम दिसंबर महीने तक पूरा होना था. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण काम पूरा नहीं हो पाया. फिलहाल 6 महीने एक्सटेंशन पर काम चल रहा है. बरसात के पहले ये काम पूरा हो जाएगा.

4 सीवरेज ट्रीटमेंट की होगी स्थापना

मिशन क्लीन खारून के तहत, रायपुर नगर निगम क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से प्रभावित होने वाले नालों का सीवरेज सीधे खारुन नदी में जाता था. लेकिन अब इसके लिए 4 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं जिनमें

  • चंदनडीह में 75 एमएलडी क्षमता
  • कारा में 35 एमएलडी क्षमता
  • निमोरा में 90 एमएलडी क्षमता
  • भाठागांव निकट 6 एमएलडी क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं.

सीवरेज लाइन बिछाने के दौरान मिट्टी धंसने से मजदूर की मौत

261 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

रायपुर नगर निगम ने जो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की योजना शुरू की है उसकी कुल लागत 261 करोड़ रुपए है. जिनमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एसबीआर टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. इस एसटीपी में 15 साल के संचालन और संधारण का काम भी शामिल किया गया है.

इन नालों के सीवेज का होगा ट्रीटमेंट

रायपुर नगर निगम क्षेत्र के 70 वार्डों के अंतर्गत प्रवाहित होने वाले 70 नालों में मुख्य रूप से चिंगरी नाला ,गोवर्धन नाला, वंडरपार्क नाला, अटारी नाला, तेंदुआ नाला ,छोकरा नाला, अछोली नाला है. जिनके सीवेज को उपचारित और साफ कर खारुन नदी में प्रवाहित किया जाएगा. पुलक भट्टाचार्य ने बताया की 6 इंटेक चैंबर और कुल 11.78 किलोमीटर लंबी आरसीसी पाइप के जरिए नालों का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाएगा.

लंबे समय से थी समस्या

अपर आयुक्त ने बताया कि अब तक रायपुर शहर में लंबे समय से यह समस्या थी, जिसके चलते भूजल भी प्रदूषित होता था. लेकिन अब सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होने से खारून नदी प्रदूषण मुक्त हो जाएगी. जिससे शहर से निकलने वाले सीवेज का पानी साफ कर उसे खारून नदी में छोड़ा जाएगा.

रायपुर: रायपुर नगर निगम में रोजाना 165 एमएलडी सीवरेज निकलता है. लेकिन रायपुर शहर में निकलने वाले सीवरेज को बड़े-बड़े नालों से होकर बिना ट्रीटमेंट के शहर की जीवनदायिनी खारून नदी में छोड़ा जा रहा है. ऐसे में नगर निगम प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है.

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को तरसती राजधानी

रायपुर नगर निगम ने अब तक सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए संयंत्र नहीं लगाया है. जबकि राजधानी में रोजाना 165 एमएलडी सीवेज निकलता है. रायपुर शहर में कुल 17 बड़े नालों का पानी खारुन नदी में जा रहा है. जिसके चलते शहर की जीवनदायनी खारुन नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है.

स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी

शहर में ओपन ड्रेनेज होने के कारण और खारुन नदी में शहर से निकलने वाले लाखों लीटर सीवरेज छोड़ने पर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जाहिर की है. लोगों का कहना है कि शहर में खुली नालियां हैं और शहर का पूरा गंदा पानी खारून नदी में छोड़ा जाता है. ऐसे में कई बार दूषित जल पीने से भी लोगों के स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ता है. कई बार पीलिया जैसी बीमारियों का प्रकोप भी शहर में देखा गया है. जिसकी वजह कहीं न कहीं सीवरेज का सही ढंग से ट्रीटमेंट नहीं होना भी है.

नालियों की नहीं सुधरी हालत

स्थानीय निवासी देवेंद्र कुमार का कहना है कि कोई भी नया महापौर बनकर आता है, सबसे पहले नालियों को तोड़ता है और बनाता है. लेकिन हम देखें कि जब से रायपुर डेवलपमेंट की ओर बढ़ रहा है, नालियों का सिस्टम वैसा ही बना हुआ है. बारिश में भी पानी भरने से नालियां जाम हो जाती है. लेकिन इसके लिए भी कोई बेहतर व्यवस्था नहीं की गई है. शहर की जीवनदायनी खारुन नदी की स्थिति बद से बदतर होते जा रही है. रायपुर नगर निगम को यह व्यवस्था करनी चाहिए जिससे दूषित जल को ट्रीटमेंट करने के बाद नदी में छोड़ा जाए.

रायपुर: ना मास्क, ना सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां

बरसात तक हो जाएगा काम: निगम आयुक्त

नगर निगम अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि रायपुर शहर से जितना भी सीवरेज निकल रहा है, उसके लिए चार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम जारी है. ये काम दिसंबर महीने तक पूरा होना था. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण काम पूरा नहीं हो पाया. फिलहाल 6 महीने एक्सटेंशन पर काम चल रहा है. बरसात के पहले ये काम पूरा हो जाएगा.

4 सीवरेज ट्रीटमेंट की होगी स्थापना

मिशन क्लीन खारून के तहत, रायपुर नगर निगम क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से प्रभावित होने वाले नालों का सीवरेज सीधे खारुन नदी में जाता था. लेकिन अब इसके लिए 4 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं जिनमें

  • चंदनडीह में 75 एमएलडी क्षमता
  • कारा में 35 एमएलडी क्षमता
  • निमोरा में 90 एमएलडी क्षमता
  • भाठागांव निकट 6 एमएलडी क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं.

सीवरेज लाइन बिछाने के दौरान मिट्टी धंसने से मजदूर की मौत

261 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

रायपुर नगर निगम ने जो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की योजना शुरू की है उसकी कुल लागत 261 करोड़ रुपए है. जिनमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एसबीआर टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. इस एसटीपी में 15 साल के संचालन और संधारण का काम भी शामिल किया गया है.

इन नालों के सीवेज का होगा ट्रीटमेंट

रायपुर नगर निगम क्षेत्र के 70 वार्डों के अंतर्गत प्रवाहित होने वाले 70 नालों में मुख्य रूप से चिंगरी नाला ,गोवर्धन नाला, वंडरपार्क नाला, अटारी नाला, तेंदुआ नाला ,छोकरा नाला, अछोली नाला है. जिनके सीवेज को उपचारित और साफ कर खारुन नदी में प्रवाहित किया जाएगा. पुलक भट्टाचार्य ने बताया की 6 इंटेक चैंबर और कुल 11.78 किलोमीटर लंबी आरसीसी पाइप के जरिए नालों का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाएगा.

लंबे समय से थी समस्या

अपर आयुक्त ने बताया कि अब तक रायपुर शहर में लंबे समय से यह समस्या थी, जिसके चलते भूजल भी प्रदूषित होता था. लेकिन अब सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होने से खारून नदी प्रदूषण मुक्त हो जाएगी. जिससे शहर से निकलने वाले सीवेज का पानी साफ कर उसे खारून नदी में छोड़ा जाएगा.

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