रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे बिरगांव नगर निगम में आज भी बुनियादी जरूरतों के लिए लोग तरस रहे हैं. साल 2003 में अजीत जोगी ने बिरगांव नगरपालिका की स्थापना की थी. तब से आज तक बिरगांव नगर निगम बुनियादी जरूरतों के लिए तरस रहा है. यहां कई ऐसे इलाके हैं, जहां अभी तक पक्की सड़क भी नहीं बनी है. वहीं घरों तक नल तो पहुंचा दिये गए हैं, लेकिन साफ पानी अभी भी लोगों को नहीं मिल रहा है.
एक तरफ जहां रायपुर नगर निगम में लगातार विकास का कार्य तेजी से हो रहे हैं. वहीं बिरगांव नगर निगम अभी तक विकास से कोसों दूर है. इसके अंतर्गत 40 वार्ड आते हैं, जिसमें से कई वार्डों में अब तक न नालियां बन पाई हैं और न ही पानी की सप्लाई लोगों के घर तक पहुंच पाई है. कई ऐसे वार्ड हैं जहां पक्की सड़क तक नहीं हैं. लोगों को टूटी-फूटी सड़क से आवाजाही करनी पड़ रही है. सबसे बुरा हाल तो बारिश के मौसम में होता है. बारिश में यहां गड्ढों में पानी भर जाने से सड़क का पता भी नहीं चल पाता, हादसों का खतरा बना रहता है.
पाइप बिछाने के लिए तोड़ी गईं सड़कें, पर अभी तक मरम्मत नहीं
स्थानीय निवासी फूलमणि सोनवानी ने बताया कि बनी हुई सड़क को तोड़कर पाइपलाइन बिछाया गया है, लेकिन दोबारा रोड की मरम्मत अभी तक नहीं हो पाई है. सड़कें ऐसी-ऐसी हैं जिनमें जानलेवा गड्ढे उभर आये हैं. बरसात के समय इन गड्ढों में पानी भर जाता है. कई बार लोग यहां बाइक से गिर जाते हैं. दुर्घटनाएं भी काफी ज्यादा होती हैं. जबकि लोगों के घरों में अभी तक पीने का पानी नहीं पहुंच पाया है. कई जगह पर पाइपलाइन टूटे हैं. महिलाएं पानी लाने को दूर तक जाने को विवश हैं.
पानी में मिलते हैं छोटे-छोटे कीड़े
स्थानीय निवासी मधु शर्मा ने बताया कि बिरगांव नगर निगम में साफ-सफाई की काफी जरूरत है. कई जगह सड़कें ही नहीं बनी हैं. निगम का पानी भी यहां साफ नहीं है. पानी में छोटे-छोटे कीड़े मिलते हैं.