रायपुर: कोविड-19 के कारण बड़ी तादाद में मजदूर अपने घरों से दूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. इनमें से कई मजदूर अपनी घर वापसी के लिए लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में लगातार महाराष्ट्र सीमा को पार कर मजदूरों का दल पहुंच रहा है. इनमें से ज्यादातर विशाखापट्टनम तो कुछ पश्चिम बंगाल की ओर जाने वाले मजदूर हैं. तमाम खतरों का सामना करते हुए पैदल ही ये मजदूर अपने घर की ओर लौट रहे हैं, लेकिन इससे सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर ये लोग महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा को कैसे पार कर रहे हैं.
बीते दिनों ETV भारत ने अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में दिखाया था कि कैसे महाराष्ट्र सीमा पर चेकिंग के नाम पर लापरवाही बरती जा रही है, लोग धड़ल्ले से छत्तीसगढ़ की सीमा में दाखिल हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ पहुंचने के बाद राजनादगांव और दुर्ग जिले को पार करते हुए मजदूर राजधानी रायपुर तक पहुंच रहे हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर कैसे ये मजदूर सीमा पार कर जिलों की बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए राजधानी तक पहुंच रहे हैं.
आश्रय गृह में मजदूरों को किया गया आइसोलेट
जब मजदूरों से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि वे कुछ दूर पैदल चलकर आए, तो कुछ दूर तक लिफ्ट लेकर रायपुर तक पहुंचे हैं. फिलहाल इन्हें रायपुर के आश्रय गृह में आइसोलेट कर दिया गया है.
डीजीपी डीएम अवस्थी ने दिए सुरक्षा के आदेश
ETV भारत पर खबर दिखाए जाने के बाद प्रदेश के डीजीपी डीएम अवस्थी ने सीमा पर सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद करने के निर्देश जारी किए हैं, हालांकि इसके बाद भी मजदूर लॉकडाउन तोड़कर सीमा पार कर रहे हैं. इस पर हमने पुलिस प्रशासन से बात की, तो उनका कहना है कि कुछ मजदूर अंदरूनी इलाकों से पगडंडी से होते हुए यहां तक पहुंच रहे हैं. उन्हें रोककर आइसोलेट किया जा रहा है. रायपुर एसएसपी आरिफ शेख ने कहा कि सभी सीमाओं को बंद कर दिया गया है. जो मजदूर पगडंडी पकड़कर जा रहे हैं, उन पर भी नजर रखी जा रही है.
पुलिस-प्रशासन पर उठ रहे सवाल
इस वक्त देश में महाराष्ट्र कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्य है, ऐसे में वहां से मजदूरों का इस तरह से पलायन करना और छत्तीसगढ़ में प्रवेश करना प्रशासन की बड़ी चूक साबित हो सकता है.
कई राज्यों के मजदूर आश्रय गृह में आइसोलेट
बता दें कि राजधानी के आश्रय गृह बीएसयूपी फ्लैट्स ब्रह्म नगर लाभांडी रायपुर में कुल 319 लोगों को ठहराया गया है. जहां पर छत्तीसगढ़ के 100 और अन्य राज्यों के 219 लोग ठहरे हुए हैं, जिसमें महाराष्ट्र के 13, झारखंड के 53, ओडिशा के 34, आंध्र प्रदेश के 58, मध्य प्रदेश के 35, बिहार के 5, उत्तर प्रदेश के 12, राजस्थान के 2, हरियाणा के 5 और पश्चिम बंगाल के 2 लोग ठहरे हुए हैं.