रायपुर: कुंवर सिंह निषाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं. उन्हें सीएम भूपेश बघेल का करीबी भी बताया जाता है. संगठन में भी उन्हें कई मौकों पर बड़ी जिम्मेदारी दी गई. कुंवर सिंह मछुआ समुदाय से आते हैं. छतीसगढ़ में मछुआरों की संख्या करीब 24 लाख है. राज्य गठन के बाद से किसी भी राष्ट्रीय पार्टी ने मछुआरों को टिकट नहीं दिया था. पहली बार कांग्रेस ने मछुआ समुदाय से कुंवर सिंह निषाद को 2018 विधानसभा चुनाव का प्रत्याशी बनाया था. करीब 50 हजार वोटों से उन्होंने जीत दर्ज की थी. ईटीवी भारत ने विधायक कुंवर सिंह निषाद से खास बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा.
सवाल: राजनीति में आने से पहले आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं थी. कैसे आप की एंट्री हुई?
जवाब: परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. मेरे पिता जी मछली का व्यवसाय करते हैं. मेरे भाई भी करते हैं और मैं भी करता था. मैं कुछ अलग सोच कर प्राइवेट सेक्टर में काम करता था. मेरा शुरू से झुकाव समाज की तरफ था. छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी मुझे जाने का अवसर मिला. वह मेरे लिए एक पहचान बनी. लोगों के बीच जाने का माध्यम बना. उसके बाद मैंने समाज का भी काम किया. समाज के लोगों ने मुझे मान दिया, सम्मान दिया. एक आशीर्वाद दिया तो समाज और सांस्कृतिक के कारण एक नई उपलब्धि का मुझे रास्ता मिला. वह राजनीति के रूप में आया.
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सवाल: आप छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार भी रहे हैं. क्या मानते हैं कि आपके चयन में इस माध्यम का भी बड़ा योगदान रहा?
जवाब: निश्चित ही... देखिए जनता के बीच सहज उपलब्ध हो जाने का नजरिया होता है. गांव से निकलकर में बहुत से मंचों पर अपनी प्रस्तुति दी. निश्चित ही मीडिया के माध्यम से या अन्य संसाधनों से लोगों ने मुझे जाना कि यह कुंवर सिंह निषाद है, जिसे कभी मंच पर या कभी टीवी में या एल्बम पर थिरकते देखा करते थे. वह मेरे लिए एक वरदान साबित हुआ. समाजसेवा तो पूरे जीवन में था, लेकिन उस मंच ने मुझे यहां तक पहुंचाया. मैं उसके लिए अपने कला साधकों को, कला के उन गुरुओं को और अपने कलाकार परिवारों को भी बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं.
सवाल: मछुआ समुदाय से आप पहले विधायक हैं. समाज में अभी भी काफी पिछड़ापन और गरीबी है. इसके लिए आप क्या कर रहे हैं?
जवाब: अभावों के बीच हमारे समाज के लोगों ने जो संघर्ष किया, उस संघर्ष की बदौलत, जैसे अन्य समाजों में क्रांति आई वैसा ही परिवर्तन आज हमारे समाज में भी आया हैं. शिक्षा से ही समाज की उन्नति होती है और शिक्षा के व्यापक प्रसार से ही समाज में बहुत से ऐसे आयाम है जो बनाए जाते हैं और जोड़े जाते हैं. निश्चित ही मेरे भी समाज में बदलाव हुआ. लोगों की सोच बदली. लोगों में शिक्षा का प्रसार हुआ और आज उसी शिक्षा के प्रसार के कारण आप देख रहे हैं निषाद समाज के लड़के हो, चाहे लड़कियां हो. आज बहुत पढ़े-लिखे मिल जाएंगे.
सवाल: आप सत्ता में है. आपके सत्ता में आने से पहले मछुआ समुदाय ने आरक्षण को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी है, लेकिन अब भी उनकी मांगें पूरी नहीं हुई?
जवाब: हमारा जो अधिकार 1950 तक था, हम उस अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में थे, उसके मांग की लड़ाई हम लोग लड़ रहे हैं. विधायक होने के नाते सबसे शुरुआत में जब मेरा कार्यकाल 1 साल हुआ था. तब शासकीय संकल्प लाया था. उस समय पारित नहीं हुआ. अभी फिर इसी विधानसभा सत्र में शासकीय संकल्प होकर आया, लेकिन केवल शासकीय संकल्प होकर पारित करके भेजना एक सामान्य प्रक्रिया हो जाती है. लेकिन वहां तक जाने के बाद उस मांग को हम कैसे समाज के लिए लड़ाई लड़े, पूरा कर सके. यह सबसे बड़ी बात प्रक्रिया की होती है तो उस प्रक्रिया में हमारे समाज के बहुत से ऐसे लोग हैं जो समाज की सारी संरचना ढांचा को समझते हैं. उनसे सहयोग भी लिया जा रहा है और प्रशासन ने भी हमें आश्वस्त किया है जो भी सहयोग रहेगा वह प्रशासनिक रूप से करेंगे तो निश्चित ही मुझे लगता है जरूर इसमें कुछ ना कुछ हमारे समाज के लिए एक नया जुड़कर आएगा.
सवाल: 4 साल हो गए आपके कार्यकाल को, मछुआ समुदाय के लिए आपकी उपलब्धि क्या रही?
जवाब: आपने देखा है 15 साल भी पूर्ववर्ती सरकार रही और वर्तमान में 4 साल में लगभग हमारे 2 साल का सफर कोरोना में बीत गया. इन 2 साल में सरकार ने समाज के लिए बहुत से काम किए हैं. हमारे पास आर्थिक संसाधन नहीं थे. हम लोग अपने तालाब, पोखर या नदी नाले सबको व्यापारी को दे देते थे. उन पर ही मजदूरी करके काम किया करते थे, लेकिन अब एक बदलाव आया है. आज सरकार ने उसे कृषि का दर्जा दिया है. कृषि के दर्जा के हिसाब से आपको सारे संसाधन कृषि करने वाले को दिया जा रहा है. वह सारे सुविधाएं मिलेंगी. निशुल्क मछली बीज दिया जाता है. फुटकर जो बेचते हैं बाजार में जाकर उनके लिए बढ़िया आइस बॉक्स और मोटरसाइकिल दिया जा रहा और जो बड़े व्यवसाई हैं उनके लिए फोर व्हीलर की सुविधा है और जो बड़े हैं उसे केज कल्चर की सुविधा है. ऐसे बहुत सी सुविधाएं हैं जो सरकार दे रही है.
सवाल: आपको मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बेहद करीबी बताया जाता है. संगठन में भी राष्ट्रीय अधिवेशन में आपको बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. आने वाले विधानसभा में कांग्रेस की क्या स्थिति रहेगी.
जवाब: निश्चित ही मुख्यमंत्री जी का प्रेम है. आज छत्तीसगढ़ की जनता ने जो परिवर्तन देखें, जो बदलाव देखें. वो बदलाव 15 साल और 4 साल बनाम आप स्पष्ट देख सकते हैं. छत्तीसगढ़ के आर्थिक स्थिति की बात करूं तो किसान और किसानी में सारी सुविधाएं निहित हैं. चाहे वह नौकरी वाले हों, रोजगार वाले हों या अन्य संसाधन वाले, सबसे पहले वे किसान परिवार से हैं. यदि हमारा किसान आर्थिक रूप से सक्षम रहेगा तो निश्चित रूप से हमारा परिवार मजबूत रहेगा. आज उन्होंने सबसे पहले उसको मजबूत करने की कोशिश किया और आज हम देख रहे हैं किसानों के जेब में पैसा है और जेब का पैसा कहां जाता है मार्केट में. अगर मार्केट में उछाल है तो निश्चित ही उस प्रदेश की अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी रहेगी. जनता फिर एक बार भूपेश बघेल का नेतृत्व स्वीकार करेगी.