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कोरोना के मोर्चे पर कौन सी वैक्सीन होगी कितनी कारगर, क्या है दवा कंपनियों के दावे ?

कोरोना महामारी की वैक्सीन को लेकर कई देशों के वैज्ञानिक दिन रात महेनत कर रहे हैं. बीते करीब 6 महीनों से दुनियाभर के कई देशों के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन और उसके ट्रायल में लगे हैं. किसी ने वैक्सीन बनाने का दावा कर लिया है तो कुछ आखिरी चरण में होने की बात कह रहे हैं.जानिए कोरोना वैक्सीन की सफलता को लेकर दवा कंपनियों के दावे.

corona vaccine update
कोरोना वैक्सीन अपडेट
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Published : Nov 24, 2020, 10:13 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 1:40 PM IST

रायपुर: देश-दुनिया में कोरोना वायरस ने कोहराम मचा रखा है. दुनिया में कोरोना की वजह से लाखों लोगों की मौत हो चुकी है, भारत में 1 लाख 34 हजार से ज्यादा मरीजों ने दम तोड़ दिया है. कुछ समय पहले कोरोना की रफ्तार कम होती दिख रही थी, लेकिन सर्दी की शुरुआत होते ही कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. दिल्ली समेत कुछ राज्यों में यह स्थिति चिंताजनक है. इस महामारी की वैक्सीन को लेकर कई देशों के वैज्ञानिक दिन रात महेनत कर रहे हैं. बीते करीब 6 महीनों से दुनियाभर के कई देशों के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन और उसके ट्रायल में लगे हैं. किसी ने वैक्सीन बनाने का दावा कर लिया है तो कुछ आखिरी चरण में होने की बात कह रहे हैं.

कोरोना का टीका इजाद करने में लगी फार्मा कंपनी एस्‍ट्राजेनेका/ऑक्‍सफोर्ड (Oxford-AstraZeneca) ने दावा किया है कि उनकी बनाई गई वैक्सीन कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव में 90 फीसदी प्रभावी है. इसी तरह कंपनी फाइजर का दावा है कि, उनका बनाया गया टीका 90 फीसदी असरकारक है. मॉडर्ना ने तो वैक्सीन के 95.5% सफल होने का दावा किया है, वहीं कंपनी स्पूतनिक ने वैक्सीन के 92 फीसदी सही होने की बात कही है.

corona vaccine update
कोरोना वैक्सीन अपडेट

एस्‍ट्राजेनेका/ऑक्‍सफोर्ड (Oxford-AstraZeneca) ने एक बयान में कहा है कि उसकी कोरोना वैक्‍सीन 70 फीसदी असरदार दिख रही है. वहीं, टेस्‍टिंग से यह पता चला है कि यह वैक्‍सीन कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव में 90 फीसदी प्रभावी है.

पढ़ें-कोरोना समीक्षा बैठक: पीएम ने कहा- सभी तक वैक्सीन पहुंचाना हमारा लक्ष्य

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ आदर पूनावाला ने कहा है कि साल 2024 तक संभवत: हर भारतीय तक कोरोना की वैक्सीन पहुंच जाएगी.मीडिया सम्मेलन में बात करते हुए पूनावाला ने कहा कि ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन अगले साल फरवरी तक स्वास्थ्य कर्मियों और बुजुर्गों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी और आम नागरिकों तक यह अप्रैल से मिलनी शुरू हो जाएगी.उन्होंने कहा कि नागरिकों के लिए इसकी दो आवश्यक खुराकों की कीमत अधिकतम 1,000 रुपये रखने की उम्मीद है, जो फिलहाल इसके फाइनल ट्रायल के रिजल्ट पर भी निर्भर करता है.पूनावाला ने कहा कि संभवत: 2024 तक हर भारतीय को वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी.

दवा कंपनी फाइजर ने किया 95 फीसदी सफलता का दावा

दवा कंपनी फाइजर ने कहा कि उसका कोरोना वायरस का टीका 95 प्रतिशत तक कारगर है. कंपनी ने कहा कि प्राथमिक विश्लेषण से पता चलता है कि वैक्सीन की पहली खुराक के 28 दिनों के अंदर यह अपना प्रभाव दिखाने लगता है.

कंपनी ने कहा कि प्राथमिक विश्लेषण से पता चलता है कि वैक्सीन की पहली खुराक के 28 दिनों के अंदर यह अपना प्रभाव दिखाने लगता है.

मॉडर्ना कंपनी ने भी किया टीका बनाने का दावा

मॉडर्ना कंपनी ने दावा किया है कि उसने कोरोना वैक्सीन बना ली है. कंपनी के मुताबिक उनके द्वारा बनाई गई वैक्सीन संक्रमण से बचाव में 94 प्रतिशत तक प्रभावी है.मॉडर्ना के मुताबिक क्लीनिकल ट्रायल के अंतरिम डेटा में उसकी वैक्सीन कोरोना से बचाव करने में 94.5 फीसदी तक प्रभावी रही है. कंपनी का यह भी कहना है कि उसकी वैक्सीन Mrna-1273 जल्द ही आएगी और साल के अंत तक कंपनी वैक्सीन की दो करोड़ खुराक भी तैयार कर लेगी.

पढ़ें-भारत समेत कई देशों में जारी है वैक्सीन का परीक्षण, जानें अपडेट

इस दिशा में काफी कुछ किए जाने की जरूरत

कोविड-19 की वैक्सीन को तैयार करने की तमाम कोशिशें चल रही हैं, लेकिन अभी भी इस दिशा में काफी कुछ किए जाने की जरूरत है. वैक्सीन तैयार होने के बाद पहला काम इसका पता लगाना होगा कि यह कितनी सुरक्षित है. अगर यह बीमारी से कहीं ज्यादा मुश्किलें पैदा करने वाली हुईं तो वैक्सीन का कोई फायदा नहीं होगा. रूस की वैक्सीन को इसी पहलू के चलते शंका के साथ देखा जा रहा है.

रायपुर: देश-दुनिया में कोरोना वायरस ने कोहराम मचा रखा है. दुनिया में कोरोना की वजह से लाखों लोगों की मौत हो चुकी है, भारत में 1 लाख 34 हजार से ज्यादा मरीजों ने दम तोड़ दिया है. कुछ समय पहले कोरोना की रफ्तार कम होती दिख रही थी, लेकिन सर्दी की शुरुआत होते ही कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. दिल्ली समेत कुछ राज्यों में यह स्थिति चिंताजनक है. इस महामारी की वैक्सीन को लेकर कई देशों के वैज्ञानिक दिन रात महेनत कर रहे हैं. बीते करीब 6 महीनों से दुनियाभर के कई देशों के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन और उसके ट्रायल में लगे हैं. किसी ने वैक्सीन बनाने का दावा कर लिया है तो कुछ आखिरी चरण में होने की बात कह रहे हैं.

कोरोना का टीका इजाद करने में लगी फार्मा कंपनी एस्‍ट्राजेनेका/ऑक्‍सफोर्ड (Oxford-AstraZeneca) ने दावा किया है कि उनकी बनाई गई वैक्सीन कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव में 90 फीसदी प्रभावी है. इसी तरह कंपनी फाइजर का दावा है कि, उनका बनाया गया टीका 90 फीसदी असरकारक है. मॉडर्ना ने तो वैक्सीन के 95.5% सफल होने का दावा किया है, वहीं कंपनी स्पूतनिक ने वैक्सीन के 92 फीसदी सही होने की बात कही है.

corona vaccine update
कोरोना वैक्सीन अपडेट

एस्‍ट्राजेनेका/ऑक्‍सफोर्ड (Oxford-AstraZeneca) ने एक बयान में कहा है कि उसकी कोरोना वैक्‍सीन 70 फीसदी असरदार दिख रही है. वहीं, टेस्‍टिंग से यह पता चला है कि यह वैक्‍सीन कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव में 90 फीसदी प्रभावी है.

पढ़ें-कोरोना समीक्षा बैठक: पीएम ने कहा- सभी तक वैक्सीन पहुंचाना हमारा लक्ष्य

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ आदर पूनावाला ने कहा है कि साल 2024 तक संभवत: हर भारतीय तक कोरोना की वैक्सीन पहुंच जाएगी.मीडिया सम्मेलन में बात करते हुए पूनावाला ने कहा कि ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन अगले साल फरवरी तक स्वास्थ्य कर्मियों और बुजुर्गों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी और आम नागरिकों तक यह अप्रैल से मिलनी शुरू हो जाएगी.उन्होंने कहा कि नागरिकों के लिए इसकी दो आवश्यक खुराकों की कीमत अधिकतम 1,000 रुपये रखने की उम्मीद है, जो फिलहाल इसके फाइनल ट्रायल के रिजल्ट पर भी निर्भर करता है.पूनावाला ने कहा कि संभवत: 2024 तक हर भारतीय को वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी.

दवा कंपनी फाइजर ने किया 95 फीसदी सफलता का दावा

दवा कंपनी फाइजर ने कहा कि उसका कोरोना वायरस का टीका 95 प्रतिशत तक कारगर है. कंपनी ने कहा कि प्राथमिक विश्लेषण से पता चलता है कि वैक्सीन की पहली खुराक के 28 दिनों के अंदर यह अपना प्रभाव दिखाने लगता है.

कंपनी ने कहा कि प्राथमिक विश्लेषण से पता चलता है कि वैक्सीन की पहली खुराक के 28 दिनों के अंदर यह अपना प्रभाव दिखाने लगता है.

मॉडर्ना कंपनी ने भी किया टीका बनाने का दावा

मॉडर्ना कंपनी ने दावा किया है कि उसने कोरोना वैक्सीन बना ली है. कंपनी के मुताबिक उनके द्वारा बनाई गई वैक्सीन संक्रमण से बचाव में 94 प्रतिशत तक प्रभावी है.मॉडर्ना के मुताबिक क्लीनिकल ट्रायल के अंतरिम डेटा में उसकी वैक्सीन कोरोना से बचाव करने में 94.5 फीसदी तक प्रभावी रही है. कंपनी का यह भी कहना है कि उसकी वैक्सीन Mrna-1273 जल्द ही आएगी और साल के अंत तक कंपनी वैक्सीन की दो करोड़ खुराक भी तैयार कर लेगी.

पढ़ें-भारत समेत कई देशों में जारी है वैक्सीन का परीक्षण, जानें अपडेट

इस दिशा में काफी कुछ किए जाने की जरूरत

कोविड-19 की वैक्सीन को तैयार करने की तमाम कोशिशें चल रही हैं, लेकिन अभी भी इस दिशा में काफी कुछ किए जाने की जरूरत है. वैक्सीन तैयार होने के बाद पहला काम इसका पता लगाना होगा कि यह कितनी सुरक्षित है. अगर यह बीमारी से कहीं ज्यादा मुश्किलें पैदा करने वाली हुईं तो वैक्सीन का कोई फायदा नहीं होगा. रूस की वैक्सीन को इसी पहलू के चलते शंका के साथ देखा जा रहा है.

Last Updated : Dec 4, 2020, 1:40 PM IST
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