रायपुर: भारत कृषि प्रधान देश है. ज्योतिषी एवं वास्तु शास्त्री योगी विनीत शर्मा कहते हैं कि ऋषियों के बताए गए वेद मार्ग पर चलने से कृषक को अपनी भूमि से अधिकतम लाभ और आमदनी प्राप्त हो सकती है (Auspicious time for sowing ploughing and farming). विद्वान ऋषियों ने शुरू से ही बताया है कि हल कब चलाना चाहिए किस मुहूर्त में कितना बीज किन-किन फसलों का खेत में डालना चाहिए, जिससे फसल की अधिकतम पैदावार ली जा सके.
इस साल हल चलाने का शुभ मुहूर्त 4 जून 2021 शुक्रवार जेष्ठ कृष्ण दशमी से ही प्रारंभ हो गया है. बीजारोपण के लिए 26 जून 2021 शनिवार उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र में पूरे दिन भर शाम 7:16 तक है. इस दिन बीजारोपण किया जा सकता है. इस दिन लालिमा लिए हुए धान का बीजारोपण करना विशेष शुभ रहेगा. 7 जुलाई 2021 रोहिणी नक्षत्र में दिन के 1:49 के बाद हल चलाना और बीजारोपण करना अत्यंत पक्षकारी है. इस दिन भी सफेद धान सफेद चीजों की बुवाई करना योगकारी है.
कौन सा समय रहेगा शुभ फलदायी ?
26 जुलाई 2021 शतभिषा नक्षत्र में प्रातः काल 10:25 के उपरांत खेत खलिहान में बीजारोपण करना अत्यंत ही सकारात्मक होगा. इस दिन मोटा अनाज पश्चिम दिशा में लगाना अनुकूल फलदाई होगा. काली वस्तु का भी बीजारोपण किया जा सकता है. जैसे- तिल और सरसों आदि.
16 अगस्त 2021 अनुराधा नक्षत्र में प्रातः 7:45 के बाद बीजारोपण करना अत्यंत ही शुभ है. इस दिन श्रावण सोमवार का भी व्रत है. सूर्य इसके आस-पास सिंह राशि में प्रवेश कर जाता है. इस दिन राई, मूंगफली, तिल जैसे मोटे अनाज का बीजारोपण बहुत ही शुभ रहेगा.
वैश्विक भूख को समाप्त करने में पारंपरिक कृषि तकनीक मददगार
20 अगस्त 2021 उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र में अनाज का बीज लगाना बहुत ही उत्तम फलदाई रहेगा. इस दिन प्रदोष व्रत होकर आखेटक त्रयोदशी भी है. भूमि का परीक्षण आदि कर सावधानीपूर्वक बीजारोपण करें.
इस साल अच्छी बारिश की संभावना
इस वर्ष सामान्य तौर पर अच्छी वर्षा होगी छत्तीसगढ़ प्रदेश में अच्छी वर्षा की संभावना है. देश के पूर्वी राज्यों बिहार आदि में बाढ़ की आशंका है. पूर्वोत्तर राज्यों में भी बाढ़ आदि के हल्के संकेत हैं. भारत के ऋषि परंपरा में यज्ञ के द्वारा और और सभी गुणों से युक्त पौधे लगाकर वर्षा की प्राप्ति की जाती है. इस समय अधिकतम वृक्ष लगाना वर्षा का कारक बनता है संवत 2078 में किसानों के लिए पर्याप्त वर्षा के अनुकूलतम संकेत है.