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World Health Day 2023: विश्व स्वास्थ्य दिवस पर जानिए अंगदान क्यों हैं जरूरी

अंगदान के बारे में सभी जानते हैं बावजूद इसके लोग अंगदान करने आगे नहीं आते. लोगों में अंगदान को लेकर जागरूकता लाने के लिए कई कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं फिर भी गिने चुने लोग ही अंगदान करने में रुचि ले रहे हैं. अंगदान जीवित रहने और मौत के बाद भी किया जा सकता है. इसके लिए नियम कानून भी है. आज विश्व स्वास्थ्य दिवस पर आप भी जानिए अंगदान क्या है और कैसे होता है.

World Health Day
विश्व स्वास्थ्य दिवस
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Published : Apr 7, 2023, 11:49 AM IST

Updated : Apr 7, 2023, 12:16 PM IST

रायपुर: अंगदान से कई लोगों को नया जीवन दिया जा सकता है. इसे जीवित और मृत व्यक्ति दोनों ही कर सकते हैं. दान किए गए अंग को जरूरतमंद के शरीर में ट्रांसप्लांट कर उन्हें नया जीवन दिया जा सकता है. इस तरह एक व्यक्ति अपने अंग को दान कर कई लोगों को जीवन दे सकता है. लेकिन अंगदान को लेकर अभी भी समाज में पुरानी सोच है जिसे बदलने की जरूरत है. अंगदान करने की उम्र सीमा भी होती है. 18 साल का कोई भी व्यक्ति जो स्वस्थ है, वह अंगदान कर सकता है.

ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए कानून : अंगदान और ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए परमिशन की जरूरत होती है. जो नियम कानून के तहत दी जाती है. अंगदान और ऑर्गन ट्रांसप्लांट में कई तरह की कानूनी अड़चनें भी थीं. जिन्हें अब दूर किया जा रहा है. अब सभी ऑर्गन डोनेट करने के लिए कानून बन गया है.

सिंहदेव ने बताया कि दो तरह से ऑर्गन डोनेट किया जाता है. जीवित अवस्था में और मरने के बाद अंगदान होता है.अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक सालभर में लगभग 250 से 300 मरीजों को अंगदान की जरूरत पड़ती है. कागजी कार्रवाई की वजह से प्रक्रिया काफी धीमी गति से चल रही है. जिससे सालभर में 100 लोगों को ही ऑर्गेन ट्रांसप्लांट का लाभ मिल पा रहा है. इनमें भी ज्यादातर किडनी के मरीज होते हैं. डोनेट किए गए अंगों को रखने के लिए पर्याप्त मशीन और संसाधन भी उपलब्ध हैं. रायपुर के डीकेएस अस्पताल में डोनेट ऑर्गन को रखने के लिए सभी जरूरी संसाधन मौजूद हैं. पहले यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी.

यह भी पढ़ें: World Health Day: छत्तीसगढ़ के ये अस्पताल बने मिसाल

क्या है अंगदान: किसी भी व्यक्ति के शरीर का कोई अंग किसी को दान देना ही अंगदान कहलाता है. दान किए गए अंग को किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाता है. इसके लिए डोनर के शरीर से दान किए गए अंग ऑपरेशन करके निकाला जाता है और उसे जरूरतमंद व्यक्ति के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाता है.

किन अंगों का कर सकते हैं दान: लीवर, किडनी, हार्ट जैसे महत्वपूर्ण अंगों का दान किया जाता है. शरीर के ऊतकों में कॉर्निया (आंख का भाग), हड्डी, त्वचा, हृदय वॉल्व, रक्त वाहिकाएं, नस, और कुछ अन्य सैल्स भी दान कर सकते हैं.

अंगदान कैसे होता है: अंगदान दो प्रकार से किया जाता है. पहला जीवित अंगदान और दूसरा मृत्यु अंगदान. जीवित रहते हुए व्यक्ति अपने शरीर के किसी अंग को दान कर सकते हैं. जैसे किडनी, लीवर. मौत के बाद अंगदान करने वाले अपने जीवित रहते हुए एक वसीयत बनाते हैं, जिसमें लिखा होता है कि उनकी मौत के तुरंत बाद उनके शरीर का कौन कौन सा हिस्सा दान किया जाए. मौत के बाद आंख, किडनी, लीवर, फेफड़ा, हार्ट, पैंक्रियाज, आंत ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. मौत के कुछ घंटों के अंदर ऑपरेशन कर इन अंगों को ट्रांसप्लांट किया जाता है.

रायपुर: अंगदान से कई लोगों को नया जीवन दिया जा सकता है. इसे जीवित और मृत व्यक्ति दोनों ही कर सकते हैं. दान किए गए अंग को जरूरतमंद के शरीर में ट्रांसप्लांट कर उन्हें नया जीवन दिया जा सकता है. इस तरह एक व्यक्ति अपने अंग को दान कर कई लोगों को जीवन दे सकता है. लेकिन अंगदान को लेकर अभी भी समाज में पुरानी सोच है जिसे बदलने की जरूरत है. अंगदान करने की उम्र सीमा भी होती है. 18 साल का कोई भी व्यक्ति जो स्वस्थ है, वह अंगदान कर सकता है.

ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए कानून : अंगदान और ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए परमिशन की जरूरत होती है. जो नियम कानून के तहत दी जाती है. अंगदान और ऑर्गन ट्रांसप्लांट में कई तरह की कानूनी अड़चनें भी थीं. जिन्हें अब दूर किया जा रहा है. अब सभी ऑर्गन डोनेट करने के लिए कानून बन गया है.

सिंहदेव ने बताया कि दो तरह से ऑर्गन डोनेट किया जाता है. जीवित अवस्था में और मरने के बाद अंगदान होता है.अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक सालभर में लगभग 250 से 300 मरीजों को अंगदान की जरूरत पड़ती है. कागजी कार्रवाई की वजह से प्रक्रिया काफी धीमी गति से चल रही है. जिससे सालभर में 100 लोगों को ही ऑर्गेन ट्रांसप्लांट का लाभ मिल पा रहा है. इनमें भी ज्यादातर किडनी के मरीज होते हैं. डोनेट किए गए अंगों को रखने के लिए पर्याप्त मशीन और संसाधन भी उपलब्ध हैं. रायपुर के डीकेएस अस्पताल में डोनेट ऑर्गन को रखने के लिए सभी जरूरी संसाधन मौजूद हैं. पहले यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी.

यह भी पढ़ें: World Health Day: छत्तीसगढ़ के ये अस्पताल बने मिसाल

क्या है अंगदान: किसी भी व्यक्ति के शरीर का कोई अंग किसी को दान देना ही अंगदान कहलाता है. दान किए गए अंग को किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाता है. इसके लिए डोनर के शरीर से दान किए गए अंग ऑपरेशन करके निकाला जाता है और उसे जरूरतमंद व्यक्ति के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाता है.

किन अंगों का कर सकते हैं दान: लीवर, किडनी, हार्ट जैसे महत्वपूर्ण अंगों का दान किया जाता है. शरीर के ऊतकों में कॉर्निया (आंख का भाग), हड्डी, त्वचा, हृदय वॉल्व, रक्त वाहिकाएं, नस, और कुछ अन्य सैल्स भी दान कर सकते हैं.

अंगदान कैसे होता है: अंगदान दो प्रकार से किया जाता है. पहला जीवित अंगदान और दूसरा मृत्यु अंगदान. जीवित रहते हुए व्यक्ति अपने शरीर के किसी अंग को दान कर सकते हैं. जैसे किडनी, लीवर. मौत के बाद अंगदान करने वाले अपने जीवित रहते हुए एक वसीयत बनाते हैं, जिसमें लिखा होता है कि उनकी मौत के तुरंत बाद उनके शरीर का कौन कौन सा हिस्सा दान किया जाए. मौत के बाद आंख, किडनी, लीवर, फेफड़ा, हार्ट, पैंक्रियाज, आंत ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. मौत के कुछ घंटों के अंदर ऑपरेशन कर इन अंगों को ट्रांसप्लांट किया जाता है.

Last Updated : Apr 7, 2023, 12:16 PM IST
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