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मानव तस्करी: राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने डीजीपी को लिखा पत्र, की कार्रवाई की मांग

छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी के मामलों को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने डीजीपी को पत्र दिया है. साथ ही इन मामलों पर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने डीजीपी से चर्चा भी की.

Kiranmayi Nayak
डॉक्टर किरणमयी नायक
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Published : Dec 1, 2020, 9:17 PM IST

Updated : Dec 2, 2020, 10:54 PM IST

रायपुर: डोंगरगढ़ मानव तस्करी मामले में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. इस घटना की पूरी छानबीन की गई. 29 नवंबर को महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने राजनांदगांव जिले का दौरा किया. उन्होंने मानव तस्करी की जांच से जुड़े प्रभारियों से भी बातचीत की है.

महिला आयोग ने की कार्रवाई की मांग

यह मामला अत्यंत संवेदनशील है. प्रथम दृष्टया यह मामला किसी एक महिला की मानव तस्करी का नहीं है. इसमें एक संगठित समूह के होने की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तियों के शामिल होने के भी संकेत मिले हैं. पुलिस ने महिला आयोग को बताया कि मानव तस्करी मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और 3 लोग फरार हैं. पुलिस की एक टीम फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए हरियाणा रवाना की गई है.

अब भी 11 महिलाएं लापता

डॉ. किरणमयी नायक ने पिछले दिनों राजनांदगांव में प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि डोंगरगढ़ क्षेत्र से कुल 35 महिलाओं के लापता होने की सूचना मिली थी. 24 लापता महिलाओं का मामला सुलझा लिया गया था और अब भी 11 लापता के मामले पेंडिंग है. मानपुर क्षेत्र में भी ऐसे प्रकरण हैं. उन्होंने यह भी बताया कि मानपुर ही नहीं बल्कि राजनांदगांव सहित दूसरे जिलों में भी महिलाओं के लापता होने के प्रकरण के संबंध में जानकारी मिली है.

पढ़ें: मानव तस्करी: गंगा पांडेय का लिंक सामने आते ही बीजेपी पर कांग्रेस का हमला

बड़े राजनीतिक हस्तियों का मिला संरक्षण

मानव तस्करी के पीछे एक संगठित गिरोह कार्य कर रहे हैं और इसमें कुछ बड़े राजनीतिक हस्तियों का भी संरक्षण मिला हुआ है. जिसके कारण इस तरह के रैकेट छत्तीसगढ़ में सक्रिय हैं. महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि राजनांदगांव जिले के इस घटनाक्रम के साथ ही दुर्ग, रायपुर और कबीरधाम जैसे जगहों पर भी महिला मानव तस्करी के प्रकरणों की गंभीरता से समीक्षा की जाएगी. उन्होंने बताया कि राजनांदगांव जिले के प्रकरण की जांच के लिए दुर्ग आईजी ने एक विशेष टीम का गठन किया है और टीम इस मामले की गंभीरता से जांच करेगी.

डीजीपी से की गई चर्चा

महिला आयोग की ओर से छत्तीसगढ़ के डीजीपी से भी चर्चा की गई और डीजीपी को एक पत्र भी दिया गया है. जिसमें पुलिस थाना स्तर पर 30 साल में गुम हुई बच्चियों और महिलाओं के मामलों पर व्यापक स्तर पर जांच करे. मानव तस्करी के दोषी व्यक्तियों और उनको संरक्षण देने वालों के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ाया जाए. साथ ही इस मामले में पुलिस ने क्या और किस तरह की कार्रवाई की जा रही है. इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट महिला आयोग को भेजी जाए.

रायपुर: डोंगरगढ़ मानव तस्करी मामले में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. इस घटना की पूरी छानबीन की गई. 29 नवंबर को महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने राजनांदगांव जिले का दौरा किया. उन्होंने मानव तस्करी की जांच से जुड़े प्रभारियों से भी बातचीत की है.

महिला आयोग ने की कार्रवाई की मांग

यह मामला अत्यंत संवेदनशील है. प्रथम दृष्टया यह मामला किसी एक महिला की मानव तस्करी का नहीं है. इसमें एक संगठित समूह के होने की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तियों के शामिल होने के भी संकेत मिले हैं. पुलिस ने महिला आयोग को बताया कि मानव तस्करी मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और 3 लोग फरार हैं. पुलिस की एक टीम फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए हरियाणा रवाना की गई है.

अब भी 11 महिलाएं लापता

डॉ. किरणमयी नायक ने पिछले दिनों राजनांदगांव में प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि डोंगरगढ़ क्षेत्र से कुल 35 महिलाओं के लापता होने की सूचना मिली थी. 24 लापता महिलाओं का मामला सुलझा लिया गया था और अब भी 11 लापता के मामले पेंडिंग है. मानपुर क्षेत्र में भी ऐसे प्रकरण हैं. उन्होंने यह भी बताया कि मानपुर ही नहीं बल्कि राजनांदगांव सहित दूसरे जिलों में भी महिलाओं के लापता होने के प्रकरण के संबंध में जानकारी मिली है.

पढ़ें: मानव तस्करी: गंगा पांडेय का लिंक सामने आते ही बीजेपी पर कांग्रेस का हमला

बड़े राजनीतिक हस्तियों का मिला संरक्षण

मानव तस्करी के पीछे एक संगठित गिरोह कार्य कर रहे हैं और इसमें कुछ बड़े राजनीतिक हस्तियों का भी संरक्षण मिला हुआ है. जिसके कारण इस तरह के रैकेट छत्तीसगढ़ में सक्रिय हैं. महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि राजनांदगांव जिले के इस घटनाक्रम के साथ ही दुर्ग, रायपुर और कबीरधाम जैसे जगहों पर भी महिला मानव तस्करी के प्रकरणों की गंभीरता से समीक्षा की जाएगी. उन्होंने बताया कि राजनांदगांव जिले के प्रकरण की जांच के लिए दुर्ग आईजी ने एक विशेष टीम का गठन किया है और टीम इस मामले की गंभीरता से जांच करेगी.

डीजीपी से की गई चर्चा

महिला आयोग की ओर से छत्तीसगढ़ के डीजीपी से भी चर्चा की गई और डीजीपी को एक पत्र भी दिया गया है. जिसमें पुलिस थाना स्तर पर 30 साल में गुम हुई बच्चियों और महिलाओं के मामलों पर व्यापक स्तर पर जांच करे. मानव तस्करी के दोषी व्यक्तियों और उनको संरक्षण देने वालों के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ाया जाए. साथ ही इस मामले में पुलिस ने क्या और किस तरह की कार्रवाई की जा रही है. इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट महिला आयोग को भेजी जाए.

Last Updated : Dec 2, 2020, 10:54 PM IST
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