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रायपुर: डायल 112 की सुविधा से नहीं जुड़ पाया राजधानी का यह थाना - police emergency service in raipur

खमारडीह थाने को बने लगभग 1 साल हो गया है, लेकिन डायल 112 की सुविधा से ना जुड़ पाने के कारण यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर कोई सूचना देनी होती है तो लोगों को सीधे थाना जाना पड़ता है.

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112 आपातसेवा डायल
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Published : Oct 6, 2020, 4:37 PM IST

रायपुर: राजधानी रायपुर का एक ऐसा थाना है जो अभी तक आपातकालीन सेवा डायल 112 से दूर है, जबकि बढ़ते अपराध और जनसंख्या को देखते हुए आपातकालीन सेवा के लिए डायल 112 हर थाने के लिए जरूरी है. खमारडीह थाने को बने लगभग 1 साल हो गया है. इसके पहले यह चौकी थी. डायल 112 की सुविधा से न जुड़ पाने के कारण यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर कोई सूचना देनी होती है तो लोगों को सीधे थाना जाना पड़ता है. पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि यह थाना डायल 112 से नहीं जुड़ा है, इसके लिए पत्राचार करने की बात कही है.

खमारडीह थाना अब तक आपात सेवा डायल 112 से दूर
अपराध और बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए थाना बनाया गया था. क्षेत्र की संख्या के साथ-साथ अपराध भी बढ़ रहा है. खमारडीह थाना डायल 112 की सेवा से नहीं जुड़ पाने का खुलासा तब हुआ कुछ दिनों पहले एक व्यापारी के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी जिसके बाद तत्काल और आपात सेवा के लिए डायल 112 को फोन किया गया था. उसके बाद डायल 112 के कार्यालय से जवाब मिला कि खमारडीह थाना डायल 112 की सुविधा से नहीं जुड़ा है और ऐसे में इसकी शिकायत थाने में की जाए. पढ़ें- राहत: अब रोजाना चलेगी मुंबई-हावड़ा-मुंबई और हावड़ा-अहमदाबाद-हावड़ा स्पेशल ट्रेन


राजधानी के शहरी और आउटर के इलाकों में कुल 33 थाने हैं. इनमें से एक थाने को छोड़ दें तो सभी जगहों के थानों में डायल 112 की 2-2 गाड़ियां चल रही हैं. इसका मुख्य फायदा आम लोगों को कुछ इस तरह से मिलता है, किसी भी घटना या दुर्घटना होने के बाद लगभग 15 मिनट के अंदर मौके पर डायल 112 की गाड़ी में पुलिस का एक जवान मौके पर पहुंच जाता है और लोगों को इस तरह से मदद मिल पाती है.

रायपुर: राजधानी रायपुर का एक ऐसा थाना है जो अभी तक आपातकालीन सेवा डायल 112 से दूर है, जबकि बढ़ते अपराध और जनसंख्या को देखते हुए आपातकालीन सेवा के लिए डायल 112 हर थाने के लिए जरूरी है. खमारडीह थाने को बने लगभग 1 साल हो गया है. इसके पहले यह चौकी थी. डायल 112 की सुविधा से न जुड़ पाने के कारण यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर कोई सूचना देनी होती है तो लोगों को सीधे थाना जाना पड़ता है. पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि यह थाना डायल 112 से नहीं जुड़ा है, इसके लिए पत्राचार करने की बात कही है.

खमारडीह थाना अब तक आपात सेवा डायल 112 से दूर
अपराध और बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए थाना बनाया गया था. क्षेत्र की संख्या के साथ-साथ अपराध भी बढ़ रहा है. खमारडीह थाना डायल 112 की सेवा से नहीं जुड़ पाने का खुलासा तब हुआ कुछ दिनों पहले एक व्यापारी के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी जिसके बाद तत्काल और आपात सेवा के लिए डायल 112 को फोन किया गया था. उसके बाद डायल 112 के कार्यालय से जवाब मिला कि खमारडीह थाना डायल 112 की सुविधा से नहीं जुड़ा है और ऐसे में इसकी शिकायत थाने में की जाए. पढ़ें- राहत: अब रोजाना चलेगी मुंबई-हावड़ा-मुंबई और हावड़ा-अहमदाबाद-हावड़ा स्पेशल ट्रेन


राजधानी के शहरी और आउटर के इलाकों में कुल 33 थाने हैं. इनमें से एक थाने को छोड़ दें तो सभी जगहों के थानों में डायल 112 की 2-2 गाड़ियां चल रही हैं. इसका मुख्य फायदा आम लोगों को कुछ इस तरह से मिलता है, किसी भी घटना या दुर्घटना होने के बाद लगभग 15 मिनट के अंदर मौके पर डायल 112 की गाड़ी में पुलिस का एक जवान मौके पर पहुंच जाता है और लोगों को इस तरह से मदद मिल पाती है.

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