रायपुर: केतु को क्रूर ग्रह माना जाता है. लेकिन जानकार हैरानी होगी कि केतु एक अत्यंत शुभ ग्रह है. आध्यात्म और मोक्ष प्राप्त करने की इच्छा रखने वालों को केतु का साथ बहुत जरूरी है. केतु ग्रह पल भर में राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है. केतु वृश्चिक राशि में उच्च का होता है लेकिन कुछ लोग धनु राशि में उच्च का मानते हैं. उत्तर कालामृत में कालिदास ने केतु को वृश्चिक राशि में उच्च का माना है.
जन्मकुंडली में केतु: डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ज्योतिष एवं वास्तुविद बताते हैं केतु का गुण पूरी तरह मंगल के समान होता है. पहले, चौथे, सातवें, दसवें, पांचवें, नौवे स्थान और मूल त्रिकोण स्थानों पर रहकर यह राजयोग देता है. यह भी अचानक अर्श से फर्श और फर्श से अर्श पर पहुंचा देता है. लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए. क्योंकि यह आध्यात्म का कारक है. छठवें ग्रह में केतु शत्रु का नाश करता है. तीसरे घर में पराक्रम देकर भाग्य स्थान को और प्रबल बनाता है. दूसरे घर में परिवार से दूर करता है. 11 वें घर में अचानक लाभ देता है, उपलब्धियां देता है सम्मान देता है. केतु से स्किन संबंधी बीमारियां होती है.
केतु में मंगल के गुण होते हैं. 12 वें घर में यह मोक्ष का कारक होता है. यदि 12 वें घर के केतु पर यदि चौथे छठवें और नवमें घर से गुरु की दृष्टि पड़ जाए तो व्यक्ति आध्यात्म में ज्यादा ऊंचाई पर चला जाता है. मोक्ष की ओर अग्रसर होता है. इसी प्रकार यदि इसका संबंध शनि से भी हो जाए तो भी यह अधिक आध्यात्मिक ऊंचाई पर ले जाता है. Ketu Exalted In Scorpio
केतु शांति के उपाय: केतु की शांति के लिए शिवलिंग पर स्थित शेषनाग पर गाय के कच्चे दूध से अभिषेक करना चाहिए. शिवलिंग पर अपराजिता के फूल चढ़ाने चाहिए. केतु के मंत्र का 17000 बार जाप करें. अच्छे ज्योतिष की सलाह पर कैट्स आई जैसे रत्न धारण किया जाना चाहिए. केतु जिस राशि में रहता है उसके ग्रह स्वामी के गुण ग्रहण करता है.