रायपुर: दिवाली का पर्व हो और पटाखे ना जलाएं. ऐसा कैसे हो सकता है. जानकार, पर्यावरणविद, सरकार की तरफ से भले ही गाइडलाइन्स जारी की जाए लेकिन लोग दिवाली पर पटाखे जलाए बिना नहीं रह सकते. लेकिन पटाखे जलाते समय कई बार दुर्घटनाएं हो जाती है. ऐसे में पटाखे जलाते समय सावधानी रखना बहुत जरूरी है. ETV भारत अपने दर्शकों को पटाखे जलाते समय रखने वाली सावधानी के बारे में बता रहा है. how to light firecrackers on diwali
ऐसे जलाएं पटाखे: सबसे पहले ETV भारत की टीम पटाखा बाजार पहुंची. पटाखा दुकान के संचालक मोइनुद्दीन बताते हैं "कभी भी बच्चों को अकेले में पटाखा जलाने ना दें. बड़ों की मौजूदगी में ही पटाखे जलाएं. अनारदाना, चकरी जलाते समय उसे सही तरह रखे. सही तरह से रखकर नहीं जलाने पर दुर्घटना होने के पूरे चांस है. अनारदाना जलाते समय बिल्कुल सीधा रखे. चक्री को समतल जमीन पर रखकर जलाएं. रॉकेट को आसमान की तरफ किसी बॉटल में रखे. " how to light firecrackers on diwali
पटाखा जलाते समय पानी और रेत आसपास जरूर रखें: कई बार देखा गया है कि पटाखे जलाते समय असावधानी के कारण आग लग जाती है. ऐसे में बाल्टी भरकर पानी और रेत जरूर रखें. ताकि तुरंत आग बुझाई जा सके.
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ढीले कपड़े पहनकर ना जलाएं पटाखें: पटाखा जलाते समय यह सावधानी रखें कि ढीले कपड़े पहन कर पटाखे ना जलाएं, ढीले कपड़े पहन कर पटाखे जलाने से कपड़ों में आग लगने की संभावना रहती है. ऐसे में शरीर से चिपके हुए कपड़े पहनकर पटाखें जलाए.
बारूद को इक्कठा करके ना जलाएं: ज्यादातर देखा गया है कि छोटे बच्चे पटाखों को इकट्ठा करके उनके बारूद को जलाते है. ऐसा करने पर विस्फोट होने की संभावना अधिक रहती है.
जलने पर इस तरह करें प्राथमिक उपचार: पटाखा जलाते समय अगर आपकी त्वचा जल जाती है तो उस दौरान उस जले हिस्से को ठंडे पानी से धो ले. एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं. साथ ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इलाज कराएं.
पटाखा बाजार के बाद ETV भारत की टीम डीकेएस मल्टीस्पेशलिटी अस्तपाल पहुंची. जहां बर्न प्लास्टिक सर्जरी और रिकंस्ट्रकटिव सर्जरी विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ दक्षेश शाह से बातचीत की.
जलने के बाद ठंडा पानी डाले: डॉक्टर ने बताया "जब कभी भी हाथ पैर या शरीर का कोई भाग जल जाता है तो उसे तुरंत साफ करके सादा ठंडा पानी डालें. ताकि जलन जल्द से कम हो. इससे ऊपर लगा हुआ बारूद भी निकल आएगा. प्राथमिक उपचार के लिए तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर के पास पहुंचे.
घर में इस तरह करें इलाज: डॉक्टर दक्षेश शाह ने बताया "अस्पताल पहुंचने में अगर देरी हो रही है या काफी रात हो गई है तो घर में भी उपचार किया जा सकता है. जले हुए भाग को साफ कपड़े से पोछ लें. 15 से 20 मिनट तक जले वाली जगह पर पानी डालें. ज्यादा से ज्यादा 30 मिनट तक ठंडा पानी डाला जा सकता है ताकि जलन कम हो. जले हुए जगह पर एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन सेवलान या बीटाडीन सोल्यूशन का प्रयोग करें. घर में अगर बर्न से रिलेटेड एंटीसेप्टिक क्रीम नहीं है तो बेसिक एंटीसेप्टिक क्रीम का इस्तेमाल कर सकते है."
फफोले को ना फोड़ें: डॉक्टर ने बताया "जलने के बाद फफोला आना बॉडी का रिएक्शन है. फफोला आने पर उसे नहीं फोड़ना चाहिए. अगर फफोला आता है तो डॉक्टर के पास जाकर दिखाना चाहिए. प्रॉपर मैनेजमेंट होगा तो वह प्लास्टिक सर्जरी के जरिए प्रॉपर ट्रीटमेंट देकर उसे लाभदायक स्थिति में पहुंचाया जा सकता है."
बर्न इंजरी और ब्लास्ट इंजरी: "पटाखों से दो तरह के केस आते हैं एक बर्न इंजरी जो आग लगने से और एक ब्लास्ट इंजरी होती है. बर्न इंजरी के साथ ब्लास्ट इंजरी भी होती है. कई बार छोटे बच्चों के हाथ में पटाखे फूट जाते हैं. उस दौरान शरीर के अंदरूनी हिस्से के साथ अंदर के हिस्सो में फ्रैक्चर हो जाते हैं. कई बार उंगलियां भी कटकर अलग हो जाती है ऐसी स्थिति में विशेष ध्यान रखना चाहिए की इंजर्ड पार्ट को साफ कपड़े में लपेट कर तुरंत अस्पताल इलाज के लिए ले जाना चाहिए. किसी कारणवश उंगली कट गई हो या शरीर का कुछ हिस्सा लॉस हुआ हो, तो उसे भी साफ कपड़े में लपेटकर अस्पताल पहुंचे ताकि उसे जल्द से जल्द लगाया जा सके."
डॉक्टर ने दिया सन्देश: दिवाली हर्ष उल्लास का पर्व है. सभी को यह त्योहार खुशी देता है. खुशियां बांटने से बढ़ती है. अगर त्योहार में पटाखा जलाते समय सावधानियां बरती जाए तो हम काफी हद तक इस तकलीफ से बच सकते हैं. इलाज अगर सही समय में जल्द से जल्द किया जाए तो ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. घर में बताए हुआ फर्स्ट एड करके सीधे अस्पताल पहुंचे और इलाज करवाएं."